दुनिया के गोल्ड पर चीन की नजर, 2023 में सबको छोड़ा पीछे
सोने के पीछे हाथ धो कर चीन पड़ा हुआ है. सोने की ताबड़तोड़ खरीदारी के पीछे की वजह को हम समझाने की कोशिश करेंगे.
China Gold Rush: दुनिया में नई हलचल पैदा करने में चीन का हाथ होने का संदेह जताया जाता है. इन दिनों चीन ने सोने के बाज़ार में हलचल मचाई हुई है. चीन इस तरह से सोना खरीद रहा है, जैसे सोना धरती से ख़त्म होने जा रहा है. यही वजह भी है कि सोने की बढती कीमतों के पीछे कहीं न कहीं चीन को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है. बीते 17 महीने की बात करें तो चीन ने पूरे विश्व में सबसे ज्यादा सोना ख़रीदा है. वहीं का पीपल्स बैंक ऑफ़ चाइना सोने की खरीदारी में दुनिया का सबसे अग्रिम केन्द्रीय बैंक बन गया है. चीन के इस कदर सोना खरीदने के पीछे कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं.
सोने पर क्यों टूट पड़ा है चीन
चीन जब भी कुछ करता है तो उसके पीछे उसकी गहरी सोच होती है. उसके हर कदम के पीछे विश्व में नम्बर के पोजीशन पर आने की उसकी भूख होती है. कुछ ऐसा ही वो सोने की खरीदारी में भी कर रहा है. कोरोना के बाद से पुरे विश्व में कई तरह क बदलाव आये हैं. दुनिया भर में आर्थिक संकट पैदा हुआ है. कोरोना से पैदा हुए संकट से विश्व उबरने के प्रयास में ही था कि रूस युक्रेन युद्ध शुरू हो गया और पूरी दुनिया लगभग दो धडों में बंट गयी. अभी ये युद्ध थमा भी नहीं है कि अक्टूबर 2023 में इजराइल और फिलिस्तीन का युद्ध शुरू हो गया, जो अब भी जारी है. अब ईरान और इजराइल आमने सामने आ चुके हैं. इस वजह से मिडल ईस्ट में भारी तनाव है, जिसका भार पूरी दुनिया की अर्थ व्यवस्था पर भी पद रहा है. ऐसे में चीन का भर-भर कर सोना खरीदना अपने में कई सवाल खड़ा करता है.
चीन की बात करें तो फिलहाल अमेरिका के बाद चीन खुद को विश्व की दूसरी बड़ी शक्ति मानता है. कोरोना के बाद से ही चीन में आर्थिक संकट बना हुआ है. उसका रियल एस्टेट सेक्टर भी धड़ाम से गिरा है. इसका कुप्रभाव चीन के बैंकिंग सेक्टर पर भी पड़ा है. चीन ने अपनी मंदी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और अमेरिकी मुद्रा पर निर्भरता को कम करने के लिए सोने पर विश्वास जताया है. निवेश के लिहाज से सोना हमेशा से ही सुरक्षित माना गया है. यही वजह है कि चीन सुरक्षित निवेश को बढ़ावा दे रहा है. वो सोना खरीद कर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती देना चाहा रहा है.
2023 में चीन का पीपल्स बैंक बना सोने का सबसे बड़ा खरीदार
सोने की खरीदारी की बात करें तो चीन साल 2023 के बाद से ही लगातार सोना खरीदने पर टूट पड़ा है. इस क्रम में चीन ने कई देशों को पछाड़ा है. आँकड़ो की बात करें तो साल 2022 के मुकाबले साल 2023 में चीन के सोना भण्डारण में 11 प्रतिशत की तेजी आई है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने साल 2023 में 225 टन सोना ख़रीदा है. सोने की ये खरीदारी 2024 में भी लगातार खरीदारी जारी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चीन के पास मार्च के अंत में 72.74 मिलियन औंस सोना था. जबकि फरवरी 2024 में यही आंकड़ा 72.58 मिलियन औंस था. इस इजाफे के बाद चीन का गोल्ड रिजर्व 148.64 अरब डॉलर से बढ़कर 161.07 अरब डॉलर पहुँच गया है. पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने साल 2023 में 7.23 मिलियन औंस यानी लगभग 225 मीट्रिक टन सोना खरीदा था.
महंगा होने के बावजूद भी सोने की खरीदारी क्यों कर रहा है चीन
दुनिया में पनप रहे राजनीतीक तनाव और अमेरिकी ब्याज दरों में आई कमी की वजह से सोने की मांग बढ़ी है.साल 2023 की बात करें तो डॉलर टर्म में सोने से 14 प्रतिशत रिटर्न मिला है. सोने से मिलने वाले रिटर्न को देखते हुए ही उसकी मांग को भी बल मिल रहा है. बढती डिमांड की वजह से ही सोने की कीमतें अब तक की सबसे ज्यादा ऊंचाई पर पहुँच चुकी है. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में पहली बार सोना की कीमत 2300 डॉलर के स्तर तक पहुंची है. इसके बाद भी चीन भर भर कर सोना खरीद रहा है.
दरअसल चीन अमीकी डॉलर की काट तलाशने में जुटा है क्यूंकि रिज़र्व करेंसी में डॉलर का ही दबदबा है. चीन और अमेरिका के बीच की प्रतिद्वंदिता जग जाहिर है. डॉलर की ताकत से चीन की भौंए हमेशा चढ़ी रहती हैं, यही वजह भी है कि चीन डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. इसलिए चीन सोने के भण्डारण को बढ़ा कर न्केवल अपनी अर्थव्वस्था को सुरक्षित करने में बल्कि डॉलर की ताकत को कम करने के प्रयास में जुटा है.