क्या श्वेत-अश्वेत और क्या लैटिनो, सबको साधने में कामयाब हुए ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर सियासी पंडित अलग अलग अंदाज में विश्लेषण कर रहे हैं। खास बात यह है कि करीब करीब सभी धड़े यह मान रहे हैं ट्रंप के समावेशी नजरिए का असर पड़ा।;

By :  Lalit Rai
Update: 2024-11-07 05:28 GMT

US Election Result 2024 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे अब दुनिया के सामने है। अमेरिका की जनता ने डोनाल्ड ट्रंप पर भरोसा जता देश की बागडोर उनके हाथों में सौंप दी। ट्रंप की जीत क्यों खास है, क्या वो उसी दिन चुनावी रेस में पूरी तरह आए जब जो बाइडेन पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट में लड़खड़ा गए। आमतौर पर ट्रंप(Donald Trump) के बारे में यह धारणा बनी कि श्वेत समाज की बात करने वाली रिपबल्किन पार्टी का दायरा सीमित हो चुका है। एक खास वर्ग या उसके हितों की बात कर आप सत्ता में नहीं आ सकते। लेकिन नतीजे जिस रूप में सामने आए हैं उसके बाद अमेरिका को करीब से समझने वालों का मानना है कि इस दफा ट्रंप का प्रचार समावेशी और अमेरिका की प्रगति को लेकर था जिसमें समाज के हर वर्ग को लेकर साथ चलने की बात कही गई और उसका असर यह हुआ कि अश्वेत(Black), लैटिनो(Latino) और मुस्लिम समाज(Muslim Community) उनके समर्थ में उतर पड़ा। मिशिगन का चुनावी नतीजा उदाहरण है। बता दें कि मिशिगन अमेरिका के मुस्लिम बहुल राज्यों में से एक है। 

ट्रंप ने हर तबके को जोड़ा

नतीजों से पता चल रहा है कि ट्रंप ने ना सिर्फ श्वेत, कामकाजी वर्ग के मतदाताओं के साथ अपने आप को जोड़ा। बल्कि अश्वेत मतदाताओं, लैटिनो के साथ भी अधिक महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की। ​​ट्रंप का यह प्रदर्शन अचानक रिपब्लिकन पार्टी को कामकाजी वर्ग के मतदाताओं के बहुजातीय गठबंधन में नहीं बदल दिया। इसके लिए ट्रंप और रिपबल्किन पार्टी की तरफ से लगातार कोशिश की गई।  अमेरिका में ऐसे समय में जब  अमीर और गरीब के बीच, कॉलेज की डिग्री वाले और बिना डिग्री वाले लोगों के बीच विभाजन साफ साफ नजर आता है वैसी सूरत में ट्रंप ने अपने वाक् कौशल से हर तबके को साध लिया। उनका नारा काम कर गया कि आप सब अमेरिकी हैं और अमेरिका को महान बनाने के लिए एक मंच पर आना होगा। उनका यह नारा अपील कर गया।

डेमोक्रेट(Democrtas)  जो लंबे समय से अल्पसंख्यक मतदाताओं के समर्थन पर निर्भर थे इस तरह के रुझानों से परेशान थे। रिची टोरेस, जो एक अफ्रीकी-लैटिनो डेमोक्रेट हैं उन्होंने कहा कि लैटिनो लोगों के बीच नुकसान पार्टी के लिए विनाशकारी से कम नहीं है। श्री टोरेस को चिंता है कि डेमोक्रेट तेजी से कॉलेज-शिक्षित दूर-वामपंथी लोगों के कब्जे में जा रहे हैं, जो हमें कामकाजी वर्ग के मतदाताओं से संपर्क खोने का खतरा पैदा कर रहे हैं।

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