डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला, 12 देशों की एंट्री बंद, सात पर आंशिक प्रतिबंध
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की सुरक्षा का हवाला देते हुए 12 देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया है, साथ ही 7 अन्य देशों पर आंशिक रोक लगाई है।;
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया यात्रा प्रतिबंध लागू किया है, जिसमें 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह फैसला उन देशों के खिलाफ लिया गया है जो सुरक्षा जांच और पहचान सत्यापन में विफल रहे हैं और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा करते हैं।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप अपना वादा निभा रहे हैं। अमेरिकियों को ऐसे विदेशी तत्वों से बचाने का जो देश में आकर नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
पहले भी लग चुके हैं प्रतिबंध
ट्रंप प्रशासन ने 2017 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान सात मुस्लिम बहुल देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया था, जिसे 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी। हालांकि, 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इन प्रतिबंधों को हटाते हुए कहा था कि यह हमारे राष्ट्रीय विवेक पर एक कलंक है।
किन 12 देशों पर लगा पूर्ण प्रतिबंध?
अफगानिस्तान: तालिबान के नियंत्रण वाले इस देश में पासपोर्ट और दस्तावेज़ जारी करने की कोई विश्वसनीय व्यवस्था नहीं है। अमेरिका के अनुसार, यहां के B1/B2 वीज़ा धारकों की ओवरस्टे दर 9.70% और छात्र/विजिटर वीज़ा पर 29.30% है।
म्यांमार (बर्मा): B1/B2 वीज़ा ओवरस्टे दर 27.07%, जबकि छात्र और विजिटर वीज़ा पर 42.17%। अमेरिका से निर्वासित नागरिकों को वापस लेने से भी इनकार किया गया।
चाड: 2023 में B1/B2 वीज़ा ओवरस्टे दर 49.54% रही। छात्र वीज़ा पर यह 55.64% तक पहुंची। अमेरिका ने इसे कानूनों की खुली अवहेलना बताया।
कांगो गणराज्य: B1/B2 वीज़ा ओवरस्टे दर 29.63% और शैक्षणिक वीज़ा पर 35.14%।
इक्वेटोरियल गिनी: वीज़ा ओवरस्टे दर क्रमशः 21.98% और 70.18%।
एरीट्रिया: अमेरिका के पास एरीट्रियन नागरिकों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होता और यह देश निर्वासित नागरिकों को वापस नहीं लेता।
हैती: अमेरिका का आरोप है कि बाइडेन प्रशासन के दौरान सैकड़ों हजारों अवैध हैती नागरिकों ने अमेरिका में प्रवेश किया, जिससे ओवरस्टे और आपराधिक नेटवर्क बढ़े।
ईरान: ईरान को आतंकवाद का समर्थक बताया गया है। यह अमेरिका के साथ सुरक्षा सहयोग नहीं करता।
लीबिया: यहां कोई प्रभावी सरकार नहीं है। आतंकवादी संगठन खुले तौर पर सक्रिय हैं।
सोमालिया: इस देश में कोई विश्वसनीय सरकार या जांच प्रणाली नहीं है। अमेरिका ने इसे आतंकवादियों की शरणस्थली बताया है।
सूडान: पासपोर्ट सत्यापन और जांच की कोई विश्वसनीय प्रक्रिया नहीं है।
यमन: यहां भी कोई प्रभावी शासन प्रणाली नहीं है। जनवरी 2025 से अमेरिका यहां सैन्य कार्रवाई कर रहा है।
इन 7 देशों से यात्रा पर आंशिक प्रतिबंध
बुरुंडी – ओवरस्टे दर B1/B2 पर 15.35% और शैक्षणिक वीज़ा पर 17.52%
क्यूबा – अमेरिका ने इसे “आतंकवाद समर्थक राज्य” बताया। ओवरस्टे दर क्रमशः 7.69% और 18.75%
लाओस – ओवरस्टे दर क्रमशः 34.77% और 6.49%
सिएरा लियोन – ओवरस्टे दर क्रमशः 15.43% और 35.83%
टोगो – ओवरस्टे दर क्रमशः 19.03% और 35.05%
तुर्कमेनिस्तान – ओवरस्टे दर क्रमशः 15.35% और 21.74%
वेनेजुएला – अमेरिका के अनुसार यहां कोई सक्षम अथॉरिटी नहीं है। ओवरस्टे दर 9.83% रही
ट्रंप प्रशासन ने इस यात्रा प्रतिबंध को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया है। अमेरिका का कहना है कि वो अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कोई समझौता नहीं करेगा। यह कदम एक बार फिर अमेरिका में आव्रजन नीतियों को लेकर बहस को तेज कर सकता है।