'कट्टरपंथ GDP और एक्सपोर्ट आतंक हो', पाकिस्तान पर भारत ने ऐसे साधा निशाना

यूएन जनरल असेंबली के 79वें सेशन में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने पाकिस्तान को लताड़ा। उन्होंने कहा कि कुछ देश जाबूझकर समस्याओं को अपनी नीति बनाते हैं।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-09-29 01:48 GMT

पाकिस्तान की सियासत में कश्मीर का मुद्दा वहां के राजनीतिक दलों के लिए ऑक्सीजन की तरह है। कश्मीर उनकी हस्ती को बनाए और बचाये रखने के लिए जरूरी हो जाता है। वो अपने मूल विषय पर ध्यान कम देते हैं। यही वजह है कि एक बार फिर शहबाज शरीफ जब यूएन के मंच पर खड़े हुए थे तब कश्मीर का राग अलापा। लेकिन भारत ने भी सधे अंदाज में जवाब दिया। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने यूएन जनरल असेंबली के 79 वे संस्करण में कहा कि पाकिस्तान जो कुछ कर रहा है उसके गंभीर नतीजे भुगतने होगे। हालांकि यह लाइन भारत के सभी विदेश मंत्री अलग अलग मंचों से दशकों से कहते आए हैं। अपने 20 मिनट के संबोधन में जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की नीति ना तो कभी कामयाब हो सकती है और ना होगी।

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान 1947 में अपने उदय से लेकर आज तक आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, इसके पीछे की वजह उसकी मंशा और नीति है, पाकिस्तान ने उन रास्तों को जानबूझकर चुना जो उसे दिक्कतों की तरफ ले जाते हैं। दुनिया के बहुतेरे मुल्कों के सामने हालात की वजह से उपजी दिक्कतें नियंत्रण के बाहर हैं लेकिन कुछ देशों ने तो जानबूझककर इस तरह के हालात बनाए। इसका सबसे बेहतरीन हमारी पडो़सी मुल्क पाकिस्तान है। दुर्भाग्य से उनके बुरे कार्य का प्रभाव दूसरे मुल्कों पर भी पड़ता है। पाकिस्तान की आतंकी नीतियों पर उन्होंने कहा कि जब इस तरह की राजनीति के जरिए लोगों में उन्माद पैदा किया जाए, जब अपने लोगों में यह संदेश भेजा जाए कि यही मात्र तरीका है,उस देश के जीडीपी को कट्टरपंथ से जरिए नापा जाय तो उसका निर्यात आतंकवाद के रूप में ही होगा। 

युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की नीति के कारण पाकिस्तान के भाग्य पर कटाक्ष करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि दूसरों पर थोपी गई बुराइयां उसके अपने समाज को निगल रही हैं। वह दुनिया को दोष नहीं दे सकता; यह केवल कर्म है।" विदेश मंत्री ने आगे कहा कि "दूसरों की जमीनों पर लालच करने वाले एक निष्क्रिय राष्ट्र को उजागर किया जाना चाहिए और उसका मुकाबला किया जाना चाहिए। हमने कल इस मंच पर उसके कुछ विचित्र दावे सुने। इसलिए मैं भारत की स्थिति को पूरी तरह से स्पष्ट कर दूं।

अपने भाषण को समाप्त करने से ठीक पहले जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी। और उसे दंड से बचने की कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए। इसके विपरीत, निश्चित रूप से कार्रवाई के परिणाम होंगे। हमारे बीच हल किया जाने वाला मुद्दा अब केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है निश्चित रूप से आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के लंबे समय से चले आ रहे लगाव को त्यागना है।

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