एलोन मस्क का ट्रंप प्रशासन के नए टैक्स बिल पर हमला, कहा – 'अब और बर्दाश्त नहीं'

Trump tax bill 2025: एलोन मस्क और ट्रंप सरकार के बीच इस बिल को लेकर मतभेद साफ हो गए हैं. एक ओर ट्रंप इसे अपनी आर्थिक नीति की रीढ़ मानते हैं तो दूसरी ओर मस्क इसे देश को कर्ज में डुबाने वाला कदम मानते हैं.;

Update: 2025-06-04 02:51 GMT

Elon Musk tax bill controversy: दुनिया के मशहूर अरबपति और टेक्नोलॉजी जगत के दिग्गज एलोन मस्क ने अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा लाए गए नए टैक्स और खर्च विधेयक पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने इस बिल को "घिनौना और शर्मनाक" करार दिया और कहा कि यह देश के बजट घाटे को और बढ़ा देगा.

"अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता"

मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि 'माफ कीजिए, लेकिन मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता. यह कांग्रेस का बेतुका और खर्चीला बिल है. जिन्होंने इसके पक्ष में वोट दिया है, उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए.'

बजट घाटे की चेतावनी

एलोन मस्क ने चेतावनी दी कि यह बिल अमेरिका के पहले से ही बड़े बजट घाटे को और बढ़ाकर 2.5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाएगा, जिससे देश पर कर्ज़ का भारी बोझ पड़ेगा.

ट्रंप की टीम से दूरी

कुछ दिन पहले ही मस्क ने ट्रंप सरकार के Deficit Optimization and Government Efficiency (DOGE) विभाग के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था. इस विभाग का उद्देश्य सरकारी खर्चों को कम करना था. बिल का विरोध करके मस्क ने ट्रंप की टीम से भी दूरी बना ली है.

व्हाइट हाउस का जवाब

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने मस्क की आलोचना को नज़रअंदाज़ करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप पहले से जानते थे कि मस्क इस बिल के बारे में क्या सोचते हैं. लेकिन इससे ट्रंप की सोच नहीं बदलेगी. यह एक 'बिग ब्यूटीफुल बिल' है और राष्ट्रपति इसके साथ खड़े हैं.

मस्क ने किया था समर्थन

साल 2024 में मस्क ने ट्रंप के चुनाव अभियान को 250 मिलियन डॉलर (करीब 2,000 करोड़ रुपये) की आर्थिक मदद दी थी. इसके बाद उन्होंने DOGE विभाग को भी लीड किया. लेकिन अब वह विभाग बंद हो चुका है. वहीं, रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी ने मस्क का समर्थन करते हुए कहा कि मस्क बिल्कुल सही कह रहे हैं. इस पर मस्क ने सिर्फ दो शब्दों में जवाब दिया: "Simple Math". हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने मस्क की आलोचना को निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि मस्क को यह समझ नहीं आ रहा कि बिल में टैक्स कटौती और वादों की पूर्ति के लिए ठोस प्रावधान हैं.

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