334 परमाणु बमों के एनर्जी के बराबर था 'म्यांमार भूकंप', अमेरिकी भूविज्ञानी का दावा
Myanmar earthquake: म्यांमार में फरवरी 2021 में सैन्य शासन के काबिज होने के बाद से स्थिति और भी जटिल हो गई है. सैन्य शासक ने अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की है.;
Myanmar earthquake equivalent to nuclear bomb: शुक्रवार को म्यांमार में आए भयंकर 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई. इसको लेकर अमेरिकी भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने दावा किया है कि इस भूकंप से पैदा हुई एनर्जी 334 परमाणु बमों के बराबर थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फीनिक्स ने कहा कि भूकंप से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा करीब 334 परमाणु बमों के बराबर है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भूकंप के बाद होने वाले झटके महीनों तक जारी रह सकते हैं. क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे युरेशियाई प्लेट से टकरा रही है.
संकट की आशंका
इस भीषण भूकंप में अब तक 1,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. फीनिक्स ने कहा कि म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध और कम्युनिकेशन में व्यवधान के कारण दुनिया को इस भूकंप के पूर्ण प्रभाव को समझने में कठिनाई हो रही है. म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध और संचार में रुकावट ने बाहरी दुनिया के लिए इस आपदा की गंभीरता को समझना मुश्किल बना दिया है.
म्यांमार की स्थिति
म्यांमार में फरवरी 2021 में सैन्य शासन के काबिज होने के बाद से स्थिति और भी जटिल हो गई है. सैन्य शासक ने अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की है और उन्होंने "किसी भी देश" से मदद का अनुरोध किया है.
ऑपरेशन ब्रह्मा
भारत ने म्यांमार को त्वरित सहायता भेजी है, जिसमें कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, सोलर लाइट्स, खाद्य पैकेट्स और रसोई सेट जैसी जरूरी सामग्री शामिल है. इसके अलावा, एक खोज और बचाव टीम और चिकित्सा इकाई भी म्यांमार भेजी गई है. भारत के इस राहत कार्य को "ऑपरेशन ब्रह्मा" नाम दिया गया है.
भूकंप का प्रभाव
म्यांमार में भूकंप के झटके के अलावा, आस-पास के देशों में भी इसका असर देखा गया. थाईलैंड में, जहां बैंकॉक में कम से कम 17 लोगों की जान चली गई, भूकंप ने गंभीर तबाही मचाई. इस आपदा ने म्यांमार और उसके पड़ोसी देशों में भयावह संकट उत्पन्न कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय म्यांमार की मदद के लिए आगे आ रहा है.