ट्रंप की धमकी पर रूस का पलटवार, कहा - हर देश को है ट्रेड पार्टनर चुनने का हक
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सामान पर 25% टैक्स लगाने का ऐलान किया है. इस पर रूस ने नाराज़गी जताते हुए कहा है कि ट्रंप की बातें धमकी जैसी हैं और उन्हें कानूनी तौर पर उचित नहीं माना जा सकता है.;
रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान की कड़ी आलोचना की है जिसमें उन्होंने भारत को रूस के साथ व्यापार और खासतौर से कच्चे तेल खरीदने को लेकर निशाना बनाया था. रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने इसे लेकर बयान जारी करते हुए अमेरिका ट्रंप के उस बयान की आलोचना की है. क्रेमलिन ने कहा कि इस तरह का दबाव बनाना “गैरकानूनी” है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने ट्रंप के भारत पर 25 फीसदी से ज्यादा टैरिफ लगाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम कई बार ऐसे बयान सुनते हैं जो असल में धमकी जैसे लगते हैं. ये देश पर दबाव डालने की कोशिश हैं कि वे रूस से व्यापार न करें. उन्होंने कहा, हम इन्हें सही या कानूनी नहीं मानते.” पेस्कोव ने कहा, “हम मानते हैं कि हर देश को ये अधिकार है कि वह अपने हिसाब से अपने व्यापारिक साथी चुने और अपने फायदे के मुताबिक व्यापार करे.”
यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप ने 31 जुलाई को कहा था कि भारत पर कड़े टैरिफ लगाए जाएंगे क्योंकि उसने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है. उन्होंने रूसी तेल खरीदने पर किसी "सज़ा" की भी बात कही थी.
ट्रंप के बयान पर भारत का जवाब
भारत सरकार ने ट्रंप के बयानों को “गलत और अनुचित” बताया और कहा कि वह अपने आर्थिक हितों की रक्षा करता रहेगा. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर तनाव और बढ़ गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत रूस से जो सामान मंगवा रहा है, वह ज़रूरत के हिसाब से है ताकि देश में लोगों को सस्ती और स्थिर कीमत पर ऊर्जा मिलती रहे.”
मंत्रालय ने कहा, “जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ, तो यूरोपीय देशों ने रूस से ज्यादा तेल खरीदना शुरू कर दिया. उसी समय अमेरिका ने खुद भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वैश्विक बाज़ार में स्थिरता बनी रहे.”