तालिबान कनेक्शन और सत्ता संघर्ष, पूर्व ISI चीफ फैज हमीद को 14 साल की जेल

पाकिस्तान के पूर्व ISI प्रमुख फैज़ हमीद को राज्य रहस्यों के उल्लंघन, शक्ति दुरुपयोग और राजनीतिक दखल के आरोपों में सैन्य अदालत ने 14 साल की सजा सुनाई।

Update: 2025-12-12 04:15 GMT

Faiz Hameed News: पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के पूर्व प्रमुख फै़ज़ हमीद को राज्य के गोपनीय रहस्यों के उल्लंघन और पद के दुरुपयोग सहित कई गंभीर आरोपों में 14 साल की सख्त कैद की सजा सुनाई गई है। यह जानकारी पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार (11 दिसंबर 2025) को दी।

फै़ज़ हमीद, जिन्होंने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल में ISI प्रमुख के रूप में कार्य किया था, को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने और लोगों को अनुचित नुकसान पहुंचाने जैसे आरोपों में भी दोषी पाया गया। सेना के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई।

शक्ति का दुरुपयोग और छापेमारी

सुप्रीम कोर्ट में 2023 में दायर दस्तावेजों के अनुसार, फै़ज़ हमीद पर अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने और एक निजी रियल एस्टेट डेवलपर के व्यवसाय पर अवैध छापे मारने का आरोप था। पाकिस्तानी सैन्य ढांचे में खुफिया प्रमुख को सेना का दूसरा सबसे शक्तिशाली पद माना जाता है।

सेना के बयान में कहा गया लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रिया के बाद, आरोपित को सभी आरोपों में दोषी पाया गया है और 11 दिसंबर 2025 को कोर्ट द्वारा उसे 14 वर्ष की सख्त कैद की सजा सुनाई गई है।

इमरान खान के करीबी और सत्ता संघर्ष का झुकाव

फै़ज़ हमीद को इमरान खान का बेहद करीबी माना जाता था। विशेषज्ञों का कहना है कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जब सेना के शीर्ष नेतृत्व का समर्थन कमजोर पड़ा, तब उनकी सरकार गिर गई। एक समय उन्हें सेना प्रमुख बनने की संभावित दौड़ में भी देखा जा रहा था, लेकिन इमरान खान सरकार जाने के कुछ महीनों बाद ही उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद उन पर पाकिस्तान आर्मी एक्ट के कई प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगा और उनकी सभी सैन्य रैंक भी छीन ली गईं।

तालिबान से करीबी संबंधों के लिए भी चर्चित

फै़ज़ हमीद अफगान तालिबान से अपने करीबी संपर्कों को लेकर भी चर्चा में रहे। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने कहा था कि उनका सत्ता में लौटना ठीक साबित होगा।यह फैसला पाकिस्तान की राजनीति, सेना और खुफिया तंत्र में लंबे समय से हो रहे शक्ति संघर्ष को एक नए मोड़ पर ले जाता है।

Tags:    

Similar News