'चीन को छोड़, भारत पर टैरिफ क्यों?' ट्रंप की नीति पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई PM ने उठाए सवाल
India-US relations: टोनी एबॉट ने ट्रंप की भारत नीति को रणनीतिक भूल करार दिया. उन्होंने जोर दिया कि भारत और लोकतंत्र देशों की साझेदारी अमेरिका के लिए बेहतर होगी.
Tony Abbott: पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक हालिया नीति पर तीखी टिप्पणी की है, जिसमें ट्रंप ने भारतीय आयातों पर भारी शुल्क (टैरिफ) लगाए. एबॉट ने कहा कि यह कदम भारत–यूएस संबंधों को ऐसे समय में कमजोर करता है, जब वैश्विक गठबंधन नए रूप ले रहे हैं.
एबॉट ने कहा कि मैं ट्रंप का समर्थक हूं, लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने भारत के साथ गलत तरीके से खेला, खासकर उन सख्त टैरिफ्स को लागू करके, जबकि अन्य देशों — खासकर चीन ने चीटिंग की है, लेकिन उन्हे वह सजा नहीं मिली. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के दीर्घकालीन हितों की दिशा भारत के साथ मजबूत मित्रता में है, न कि पाकिस्तान जैसे देशों के साथ.
एबॉट ने यह माना कि भारत के मूल हित उन लोकतंत्रों के साथ मजबूत साझेदारी में हैं न कि तानाशाही देशों के साथ. ये टैरिफ कदम दो देशों के बीच संबंधों को एक बड़े झटके में ले गए हैं, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सिर्फ अस्थायी झटका होगा. मैं इसे एक गंभीर बैकलग मानता हूं. लेकिन भारत और लोकतंत्र देशों के बीच साझा मूल्यों और हितों की वजह से मुझे लगता है कि यह अस्थायी ही रहेगा; हमें उम्मीद करनी चाहिए कि इसे जल्दी सुधारा जाए.
व्यापारिक तनाव और भारत की प्रतिक्रिया
नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच व्यापारिक तनाव तेज हो गया है. अगस्त में ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया था, जिसमें 25% दंडात्मक शुल्क शामिल था. क्योंकि भारत रूस से ऊर्जा आयात जारी रख रहा था. तब से भारत ने आर्थिक मोर्चे पर स्थिरता बनाए रखी है.