जी-7 सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी ने दिया तकनीक में एकाधिकार को ख़त्म करने पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है, जब विश्व में सामाजिक असामनताओं को ख़त्म किया जाए और इसके लिए जरुरी है तकनीक में जो एकाधिकार है, उसे व्यापक उपयोग में तब्दील किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका सकारातमक रूप से लाभ उठा सकें

Update: 2024-06-15 02:33 GMT

G-7 Summit Update: जी-7 शिखर सम्मलेन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तकनीक के एकाधिकार को ख़त्म करने के विषय में विस्तार से चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है, जब विश्व में सामाजिक असामनताओं को ख़त्म किया जाए और इसके लिए जरुरी है तकनीक में जो एकाधिकार है, उसे व्यापक उपयोग में तब्दील किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका सकारातमक रूप से लाभ उठा सकें. प्रधानमंत्री मोदी जी-7 सम्मलेन में शिरकत के बाद भारत के लिए इटली से रवाना हो गए हैं.


इटली के अपुलिया में आयोजित जी-7 शिखर सम्मलेन के संवाद सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस(एआई) राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक है. एआई को पारदर्शी, सुरक्षित, ज़िम्मेदार, निष्पक्ष और सुलभ बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिल कर काम करने के लिए तैयार है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत का दृष्टिकोण उर्जा के क्षेत्र में चार सिद्धांतों पर आधारित हैं, जो उपलब्धता, सुलभता, स्वीकार्रियता और वहनीयता हैं.


प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में एआई के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय शासन-प्रणाली के महत्व पर जोर दिया गया था. भविष्य में भी हम एआई को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं को मंच पर रखना अपनी ज़िम्मेदारी माना है.

प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 सम्मलेन का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत ने अफ्रीका को उच्च प्राथमिकता दी है. ये हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता दी. भारत अफ्रीका के सभी देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास, स्थिरता और सुरक्षा में योगदान देता रहा है तथा भविष्य में भी इसे जारी रखेगा.

मोदी ने कई राष्ट्राध्यक्षों से की मुलाकात

नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद विदेश का ये पहला दौरा किया. इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की, इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ साथ पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने पॉप फ्रांसिस को भारत आने का न्यौता भी दिया.



प्लांट फॉर मदर में शामिल होने के लिए की अपील 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक समुदाय को प्लांट फॉर मदर के बारे में जानकारी देते हुए इसे एक जन आन्दोलन बनाने का आवाहन किया. मोदी ने कहा की भारत के मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) का के तहत उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण का एक कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका नाम प्लांट फॉर मदर रखा गया है, यानी एक पेड़ माँ के नाम. इसका उद्देश्य यही है कि लोग ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगायें और इस पृथ्वी को हरा भरा रखें. उन्होंने ये भी कहा कि हमारा लक्ष्य 2070 तक नेट जीरो हासिल करना है. इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं और हर संभव प्रयास कर रहे हैं. हमें आने वाले समय को ‘हरित युग’ बनाने का मिलकर प्रयास करना चाहिए.


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