IMF ने पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाईं: भ्रष्टाचार, वित्तीय पारदर्शिता और आर्थिक सुधार अहम
IMF ने अब तक पाकिस्तान को 3.3 अरब डॉलर जारी किए हैं, ताकि इकॉनॉमिक स्थिरता और दीर्घकालीन वित्तीय सुधार सुनिश्चित किए जा सकें। पाकिस्तान को अगले 39 महीनों में कुल 7 अरब डॉलर मिलने की संभावना है।
IMF Pakistan bailout: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को उसके 7 अरब डॉलर के बचाव पैकेज पर 11 नई शर्तें लागू की हैं। इन शर्तों का मकसद भ्रष्टाचार को कम करना, प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाना और सरकारी विभागों में लीक की पहचान करना बताया गया है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने घोषणा की है कि उसे IMF से 1.2 अरब डॉलर की राशि प्राप्त हुई है। यह राशि पाकिस्तान में जलवायु सहनशीलता (climate resilience) बढ़ाने के उद्देश्य से जारी चल रही लोन योजनाओं का हिस्सा है। नए निर्देशों के साथ IMF द्वारा पिछले डेढ़ साल में लगाए गए कुल शर्तों की संख्या 64 तक पहुंच गई है।
IMF की नई शर्तें
* भ्रष्टाचार की संवेदनशीलता कम करना
* सरकार और नौकरशाही में पारदर्शिता बढ़ाना
* चीनी (Sugar) उद्योग के बाजार का उदारीकरण सुनिश्चित करना
संपत्ति की जानकारी
IMF ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि उच्च पदस्थ नौकरशाहों की संपत्ति की पूरी जानकारी दिसंबर 2026 तक सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाए। यह कदम आय और संपत्ति के बीच असंगतियों को उजागर करने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से है।
बैंक का पूरा एक्सेस
सरकार योजना बना रही है कि प्रांतीय सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों तक इस नियम का विस्तार किया जाए। इसके साथ ही बैंक को नौकरशाहों के वित्तीय विवरण तक पूर्ण पहुंच दी जाएगी।
भ्रष्टाचार रोकने की योजना
शहबाज शरीफ सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह 10 चुने हुए विभागों में भ्रष्टाचार रोकने की एक कार्य योजना प्रकाशित करे। इस योजना के विकास और समन्वय का जिम्मा नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) को सौंपा गया है। प्रांतीय भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं को वित्तीय खुफिया प्राप्त करने और भ्रष्टाचार अपराधों की वित्तीय जांच करने का अधिकार दिया जाएगा।
रिमिटेंस लागत घटाना
IMF ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि वह रिमिटेंस (विदेश से भेजे गए पैसे) लागत का विस्तार से अध्ययन करे और सीमा-पार भुगतान में बाधाओं की पहचान करे। IMF के अनुसार, विदेश से परिवार और रिश्तेदारों को भेजे जाने वाले पैसे विदेशी वित्तपोषण का सबसे बड़ा स्रोत हैं। IMF ने पाकिस्तान से मई 2026 तक एक कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा है। क्योंकि आने वाले वर्षों में रिमिटेंस की लागत 1.5 अरब डॉलर तक बढ़ सकती है।
चीनी उद्योग में एलीट कब्जा रोकना
IMF ने इस्लामाबाद से कहा है कि वह चीनी उद्योग के लिए राष्ट्रीय नीति अपनाए, ताकि उद्योग में विशिष्ट वर्ग का कब्जा (elite capture) रोका जा सके। इस नीति का समय सीमा जून 2026 तय की गई है और इसमें लाइसेंसिंग, मूल्य नियंत्रण और आयात-निर्यात अनुमति से संबंधित सिफारिशें शामिल होंगी।
पाकिस्तान को IMF से कुल सहायता
IMF ने अब तक पाकिस्तान को 3.3 अरब डॉलर जारी किए हैं, ताकि इकॉनॉमिक स्थिरता और दीर्घकालीन वित्तीय सुधार सुनिश्चित किए जा सकें। पाकिस्तान को अगले 39 महीनों में कुल 7 अरब डॉलर मिलने की संभावना है।