बुशरा बीबी पर प्रतिशोध में कार्रवाई, इमरान का जनरल असीम मुनीर पर हमला

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने जेल से सेना प्रमुख मुनीर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ असीम मुनीर ने अपनी खुन्नस निकाली है।;

Update: 2025-06-04 07:18 GMT

पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से अदावत छिपी बात नहीं है। इमरान खान अक्सर कहते रहे हैं कि मुनीर के तौरतरीकों पर उन्होंने गंभीर सवाल उठाए उसके बाद से ही तल्खी और बढ़ गई। असीम मुनीर चाहते थे कि बुशरा बीबी उनकी मदद करें। लेकिन जब बुशरा बीबी ने साफ साफ मना किया तो वो भी राजनीतिक साजिश का शिकार हो गईं।  बुशरा बीबी के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध की साजिश रचने का आरोप लगाया। एक्स पर एक पोस्ट में खान ने दावा किया कि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख के पद से हटाए जाने के बाद मुनीर बुशरा बीबी के खिलाफ हो गए।

इमरान कहते हैं कि प्रधानमंत्री के रूप में, जब मैंने जनरल असीम मुनीर को डीजी आईएसआई के पद से हटाया, तो उन्होंने मामले पर चर्चा करने के लिए बिचौलियों के माध्यम से मेरी पत्नी बुशरा बीबी से संपर्क करना चाहा। बुशरा बीबी ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया और कहा कि उनका ऐसे मामलों से कोई लेना-देना नहीं है और वे उनसे नहीं मिलेंगी। बुशरा बीबी को 14 महीने की अन्यायपूर्ण कैद और जेल में निंदनीय अमानवीय व्यवहार के पीछे जनरल असीम मुनीर का प्रतिशोधी स्वभाव ही है।

इमरान खान ने कहा मेरी पत्नी को जिस तरह से व्यक्तिगत प्रतिशोध के लिए निशाना बनाया गया है, वह अभूतपूर्व है। पाकिस्तान के तानाशाही के सबसे काले दौर में भी ऐसा कभी नहीं हुआ।" "उन पर सहायता करने और उकसाने का आरोप लगाया गया, एक ऐसा आरोप जिसके लिए कभी कोई सबूत पेश नहीं किया गया, और उन्हें एक के बाद एक झूठे मामलों में गिरफ्तार किया जा रहा है। उनकी पत्नी का सियासत से वास्ता नहीं है, वो एक गृहिणी हैं। उनको पिछले चार हफ्तों में उनसे मिलने की भी अनुमति नहीं दी गई है।

खान ने आरोप लगाया कि 1 जून को बुशरा बीबी के साथ निर्धारित मुलाकात को अदालत के आदेश के बावजूद अस्वीकार कर दिया गया, इसे जेल नियमों का उल्लंघन बताया। 9 मई, 2023 की अशांति का जिक्र करते हुए - जिसके दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया था। खान ने अपने आरोप को दोहराया कि यह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को खत्म करने के उद्देश्य से लंदन योजना का हिस्सा था। इस पूर्व नियोजित योजना के तहत, मुझे और मेरी पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी तरीके से जेल में डाल दिया गया। हमारे लोकतांत्रिक जनादेश को बेशर्मी से चुराया गया और भ्रष्ट व्यक्तियों शरीफ और जरदारी को देश पर थोपा गया।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार पर निरंतर उत्पीड़न करने, पीटीआई समर्थकों के खिलाफ आरोप गढ़ने और क्रूर बल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। खान ने कहा, हमारे समर्थकों पर गोली चलाई गई और हमारे खिलाफ निराधार मामले गढ़े गए। आतंकवाद विरोधी अदालतें और न्यायाधीश उनकी पार्टी को दबाने में शामिल हैं। "बार-बार मांग करने के बावजूद, वे 9 मई, 2023 से चोरी हुए सीसीटीवी फुटेज को बुलाने या जांच करने से इनकार करते हैं। एक भी न्यायाधीश में उन टेपों की मांग करने और सबूतों के आधार पर फैसला सुनाने का साहस नहीं है। हम निर्दोष हैं। हमारे लोगों को बिना सबूत और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के बिना सजा दी जा रही है।

लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की मौत से जुड़ी 9 मई और 26 नवंबर, 2024 की घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक आयोग की मांग करते हुए खान ने मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा के नेतृत्व वाली न्यायपालिका की आलोचना की। पाकिस्तान में न्यायपालिका आज से पहले कभी इतनी शर्मनाक नहीं रही। अतीत में जस्टिस मुनीर थे जिनके अन्यायपूर्ण फैसलों ने उन्हें वैश्विक स्तर पर बदनामी दिलाई। आज जस्टिस काजी फैज ईसा भी उन्हीं के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। पूरी न्यायिक व्यवस्था मिलीभगत से काम करती दिखती है, जो न्याय से नहीं बल्कि अपनी नौकरी और विशेषाधिकारों की रक्षा करने की इच्छा से प्रेरित है।

(पीटीआई से इनपुट के साथ)

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