H-1B वीजा पर भारत ने तोड़ी चुप्पी, आखिर क्या है यह पूरा मामला

H-1B वीजा पर अमेरिका के अंदर ही विरोध के सुर उठते रहे हैं। इस विषय पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम में मतभेद हैं। अब भारत ने चुप्पी तोड़ी है।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-01-05 02:35 GMT

 H1B Visa News: सामान्य तौर अमेरिका के नौकरी करने की इच्छा दुनिया का हर युवा करता है। खासतौर से आईटी फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल्स। लेकिन वे अमेरिका ऐसे नहीं जा सकते। उसके लिए एच-1बी वीजा की जरूरत होती है, जो आसानी से नहीं मिल पाता। दरअसल इसे लेकर अमेरिका (US Domestic Politics) की घरेलू राजनीति भी प्रभावित होती है। करीब करीब डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों का मानना है कि एच-1बी वीजा से अमेरिकी युवा प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में इस पूरे विषय को समझाने की कोशिश करेंगे।

सितंबर 2023 में अमेरिका ने 265777 एच-1बी (H1B Visa) वीजा जारी किया था। इसमें से 78 फीसद वीजा का फायदा भारतीय युवाओं ने उठाया। दोनों देशों के कुशल पेशेवरों की आवाजाही के महत्व पर भारत का कहना है कि इससे दोनों देशों को फायदा होगा। हाल ही में एक पोस्ट में एलन मस्क (Elon Musk) ने सोशल मीडिया पर H-1B वीजा कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा था कि वो अमेरिका में इतने सारे महत्वपूर्ण लोगों के साथ हैं जिन्होंने स्पेसएक्स, टेस्ला और अमेरिका को मजबूत बनाने वाली सैकड़ों अन्य कंपनियों का निर्माण किया है और उसकी वजह H1B है। उन्होंने कहा कि वो इस मुद्दे पर लड़ाई यानी संघर्ष भी करेंगे जिसकी कल्पना आप नहीं कर सकते।

इस बहस के बाद डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के सहयोगियों के बीच गहरे मतभेदों को उजागर किया है। कुछ लोग H-1B वीजा कार्यक्रम को टेक उद्योग के लिए आवश्यक मानते हैं जबकि दूसरों का मानना है कि इससे अमेरिकियों को मिलने वाली नौकरी पर खतरा है। ट्रम्प ने खुद इस कार्यक्रम के लिए समर्थन व्यक्त किया है हालांकि उन्होंने पहले ऐसे वीजा तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कुशल पेशेवरों की आवाजाही जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को इन पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई तकनीकी विशेषज्ञता से बहुत लाभ होता है, जिसमें दोनों पक्ष अपनी ताकत और प्रतिस्पर्धी मूल्य का लाभ उठाते हैं। मजबूत और बढ़ती हुई आर्थिक और तकनीकी साझेदारी है और इस दायरे में, कुशल पेशेवरों की गतिशीलता एक महत्वपूर्ण घटक है। हम भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को और गहरा करने की आशा करते हैं जो हमारे पारस्परिक लाभ के लिए है। 30 सितंबर, 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष में अमेरिका द्वारा जारी किए गए 265,777 H1B वीजा में से लगभग 78 फीसद भारत को प्राप्त हुए। यह अमेरिकी तकनीकी उद्योग में भारतीय पेशेवरों की महत्वपूर्ण भूमिका की तरफ इशारा करता है। 

ट्रम्प ने अपने कुछ समर्थकों के विरोध के बावजूद H1B कार्यक्रम (H1B Visa) के लिए पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है।भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Dr S Jaishankar) पहले ही ट्रम्प की संक्रमण टीम से मिल चुके हैं। भारत,  अमेरिका (India US Ties) के साथ अपने आर्थिक संबंधों को गहरा करने के लिए उत्सुक है, जो उनकी साझेदारी से होने वाले पारस्परिक लाभों को पहचानता है।यह विकास अमेरिका-भारत सहयोग के बढ़ते व्यापक रुझान का हिस्सा है, जिसमें 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार 7.65% बढ़कर 129 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। चूंकि दोनों देश इस रिश्ते की जटिलताओं से जूझ रहे हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि आपसी लाभ और सहयोग सर्वोच्च प्राथमिकता बने रहेंगे।

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