नेपाल हिंसा के बीच भारत ने अपने नागरिकों के लिए जारी की ट्रैवल एडवाइजरी, कहा- 'अभी यात्रा न करें'

नेपाल में हालात बेहद संवेदनशील हैं. जनता, विशेषकर युवा वर्ग, व्यवस्था परिवर्तन की मांग कर रहा है. प्रधानमंत्री का इस्तीफा एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है, लेकिन आंदोलन की गूंज अभी थमी नहीं है.;

Update: 2025-09-09 12:36 GMT
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Nepal Protests: नेपाल में लगातार बढ़ते विरोध और हिंसा के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह फैसला तब आया जब देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया और कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। इस बीच भारत सरकार ने नेपाल में रह रहे और वहां यात्रा की योजना बना रहे भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा सलाह (Travel Advisory) जारी की है।

अभी नेपाल की यात्रा न करें

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे जब तक हालात सामान्य नहीं होते, नेपाल की यात्रा स्थगित करें. नेपाल में पहले से मौजूद भारतीयों से कहा गया है कि वे अपने घरों में ही रहें, सड़कों पर न निकलें और स्थानीय प्रशासन व भारतीय दूतावास, काठमांडू द्वारा जारी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करें।

भारतीय नागरिक जरूरत पड़ने पर नीचे दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:-

+977–980 860 2881 (WhatsApp भी)

+977–981 032 6134 (WhatsApp भी)

विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम नेपाल में कल से चल रही घटनाओं पर करीबी नजर रखे हुए हैं. 19 युवा नागरिकों की मौत से हम गहरे दुखी हैं. हमारे विचार और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं. एक करीबी मित्र और पड़ोसी होने के नाते, हम सभी पक्षों से संयम बरतने और शांतिपूर्ण संवाद के ज़रिये समाधान निकालने की अपील करते हैं.

संसद परिसर में लगाई आग

सोमवार को 19 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद नाराज भीड़ ने काठमांडू में संसद भवन परिसर में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाए, पुलिस पर पथराव किया और कई नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया। कुछ मंत्रियों को सेना के हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की भी खबरें हैं, हालांकि इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है।

प्रधानमंत्री ओली ने राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफा

73 वर्षीय प्रधानमंत्री ओली ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को अपना इस्तीफा सौंपते हुए कहा कि वे समस्या के समाधान और संवैधानिक तरीके से राजनीतिक हल निकालने के लिए पद छोड़ रहे हैं. राष्ट्रपति कार्यालय के एक सहयोगी ने पुष्टि की है कि ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है और नए प्रधानमंत्री के चयन पर बातचीत शुरू हो चुकी है.

सेना ने भी सोशल मीडिया (X) पर अपील की है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद सभी नागरिक संयम बरतें. प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफे से पहले मंगलवार सुबह सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी और कहा था कि हिंसा देश के हित में नहीं है. उन्होंने प्रदर्शन को "स्वार्थी तत्वों की साजिश" बताया, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीधा जवाब देने से बचते रहे. गौरतलब है कि सोमवार देर रात उनके दो मंत्रियों ने भी नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था.

तीन दशक में सबसे बड़ा राजनीतिक संकट

नेपाल इस समय पिछले कई दशकों के सबसे बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. "Gen Z Protests" नाम से चर्चित इस आंदोलन की शुरुआत सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए व्यापक प्रतिबंध से हुई थी. यह प्रतिबंध बाद में हटा लिया गया. लेकिन तब तक हिंसा में 19 लोग मारे जा चुके थे और 100 से अधिक घायल हो चुके थे. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाए और सभी नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं समान रूप से उपलब्ध कराई जाएं.

एयरपोर्ट बंद, हालात संवेदनशील

प्रदर्शनों की बढ़ती तीव्रता को देखते हुए त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (काठमांडू) को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया है। क्योंकि एयरपोर्ट के आसपास आगजनी की घटनाएं हो रही थीं.

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