केरल की नर्स को नहीं मिली माफी, यमन के राष्ट्रपति ने दी फांसी की मंजूरी, भारत ने कहा- तलाशे जा रहे मदद के विकल्प

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में जानकारी है.;

Update: 2024-12-31 13:11 GMT

Indian nurse death penalty: भारत ने मंगलवार (31 दिसंबर) को कहा कि वह यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स के मामले में विकल्प तलाशने के लिए हर संभव मदद कर रहा है. बता दें कि केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को एक यमन नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा मिली हुई है.

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में जानकारी है. हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है. सरकार इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है.

प्रिया की अपील खारिज

यमन के राष्ट्रपति राशिद अल-अलीमी ने निमिशा प्रिया की दया याचिका को खारिज कर दिया है. उनके इस फैसले से उनके परिवार को झटका लगा है. जो 36 वर्षीय नर्स को मौत की सजा से बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे थे. उसकी 57 वर्षीय मां प्रेमा कुमारी इस साल की शुरुआत में यमन की राजधानी सना गई थीं और अपनी बेटी को बचाने के लिए प्रयास कर रही हैं. ऐसा कहा जाता है कि प्रिया की रिहाई अब पीड़ित परिवार और उनके आदिवासी नेताओं से माफ़ी पाने और परिवार को "रक्त के पैसे" का भुगतान करने पर निर्भर करती है.

मनोरमा ऑनलाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमा कुमारी पीड़ित के परिवार के साथ रक्त-धन के भुगतान पर बातचीत करने का प्रयास कर रही थीं. लेकिन भारतीय दूतावास द्वारा नियुक्त वकील अब्दुल्लाह अमीर द्वारा 20,000 डॉलर की पूर्व-बातचीत फीस की मांग करने के बाद सितंबर में बातचीत बंद हो गई. भारत के विदेश मंत्रालय ने जुलाई में कथित तौर पर अमीर को 19,871 डॉलर का भुगतान किया था. लेकिन वकील वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए दो किस्तों में कुल 40,000 डॉलर का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं.

मामला

पलक्कड़ की निमिषा प्रिया एक प्रशिक्षित नर्स हैं. जिन्होंने कुछ सालों तक यमन के कुछ निजी अस्पतालों में काम किया है. उनके पति और बेटी को 2014 में भारत लौटना पड़ा और उसके बाद गृह युद्ध छिड़ जाने के कारण वे वापस यमन नहीं जा सके. साल 2015 में प्रिया ने कथित तौर पर महदी (पीड़िता) से सना में एक क्लिनिक खोलने में मदद मांगी थी. क्योंकि यमन के नियम केवल नागरिकों को ही क्लिनिक या कंपनियां खोलने की अनुमति देते हैं. महदी प्रिया के साथ केरल में एक महीने की छुट्टी पर गया था. इस दौरान उसने उसकी शादी की तस्वीर चुरा ली थी. बाद में उसने इस तस्वीर में हेराफेरी करके दावा किया कि वह उसकी पत्नी है.

जब वे दोनों यमन वापस लौटे तो प्रिया ने क्लीनिक शुरू कर दिया. महदी ने क्लीनिक के स्वामित्व के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की और क्लीनिक संचालन से पैसे हड़पना शुरू कर दिया. उसने प्रिया की शादी की तस्वीर को इस तरह से बदला कि वह उससे विवाहित है और लोगों को बताया कि वह उसकी पत्नी है. उसने उसकी मासिक आय से भी पैसे लेना शुरू कर दिया. जब प्रिया ने उससे इस बारे में पूछा तो उसने उसे परेशान किया, उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया और यहां तक कि उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित भी किया.

प्रिया ने कथित तौर पर पुलिस से शिकायत की, जिसने महदी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसे गिरफ्तार कर लिया और छह दिनों के लिए जेल में डाल दिया।. जुलाई 2017 में, प्रिया ने एक जेल के वार्डन से संपर्क किया. जहां महदी को पहले विभिन्न आरोपों के तहत कैद किया गया था. वार्डन ने उसे महदी को बेहोश करने और फिर उसे अपना पासपोर्ट वापस करने के लिए मनाने के लिए कहा. हालांकि, बेहोशी की दवा कारगर नहीं थी. क्योंकि महदी मादक पदार्थों का सेवन करता था. फिर उसने एक ज़्यादा तेज़ खुराक ली, जो घातक साबित हुई.

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