जयशंकर की दो टूक, ओसामा पाकिस्तान में क्यों सुरक्षित था?
Jaishankar Brussels visit: एस. जयशंकर का यह बयान भारत की स्पष्ट विदेश नीति, आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख और स्वतंत्र रणनीतिक सोच को दर्शाता है.;
Jaishankar interview Europe: विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय यूरोपियन यूनियन (EU) नेताओं से मिलने के लिए ब्रसेल्स दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू में अंतरराष्ट्रीय मीडिया की उस धारणा को खारिज किया, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर को भारत और पाकिस्तान के बीच बदले की कार्रवाई बताया जा रहा है. जयशंकर ने कहा कि दुनिया को समझना होगा कि ये सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला नहीं है, यह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई है. उन्होंने सवाल उठाया कि ओसामा बिन लादेन आखिर क्यों पाकिस्तान की सैन्य छावनी में सालों तक छिपा रहा, वो भी वेस्ट प्वाइंट जैसे मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर के पास?
पश्चिमी देशों पर निशाना
जयशंकर ने अक्टूबर 1947 की घटना याद दिलाई, जब पाकिस्तान ने कश्मीर में घुसपैठ की थी. उन्होंने कहा कि उस समय पश्चिमी देश चुप थे या समर्थन कर रहे थे. अब जब वही देश अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों की बात करते हैं तो उन्हें अपने अतीत पर भी विचार करना चाहिए.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का पक्ष
जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की तटस्थता को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि युद्ध से समाधान नहीं निकलता. भारत किसी एक पक्ष को चुनने में विश्वास नहीं करता. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के रूस के साथ ही यूक्रेन से भी मजबूत संबंध हैं और हर देश को अपने अनुभव व हितों को ध्यान में रखकर फैसले लेने चाहिए.
बदलता भू-राजनीतिक परिदृश्य
जयशंकर ने कहा कि अब दुनिया बहु-ध्रुवीय (multipolar) बन रही है. यूरोप को भी अब अपनी क्षमता और अपने हितों को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने होंगे. यूरोप में अब 'स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी' की बात हो रही है, जो कभी भारत की सोच का हिस्सा हुआ करती थी.
अमेरिका-भारत रिश्ते
अमेरिका को लेकर उन्होंने कहा कि हम किसी एक नेता या राष्ट्रपति से नहीं, बल्कि अपने हितों से रिश्ते तय करते हैं. अमेरिका के साथ हमारे संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं.