जानें कौन था आतंकी अब्दुल रहमान मक्की? जो दुनिया में दहशत का बन गया था सबब
Hafiz Abdul Rehman Makki: मक्की लश्कर प्रमुख हाफ़िज़ मुहम्मद सईद का साला है और भारत सरकार द्वारा वांछित था.;
Hafiz Abdul Rehman Makki died: 26/11 मुंबई हमलों में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हाफिज अब्दुल रहमान मक्की की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. अमेरिका ने मक्की को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित किया था. उसने लश्कर में कई पदों पर काम किया था और वह आतंकी ग्रुप के संचालन के लिए फंडिग करने का काम भी किया करता था. ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन है हाफिज अब्दुल रहमान मक्की.
अब्दुल रहमान मक्की का जन्म 10 दिसंबर 1954 को हुआ था. 16 जनवरी 2023 को उसे अल-कायदा के साथ संबंध के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 2368 (2017) के पैराग्राफ 2 और 4 के तहत सूचीबद्ध किया गया था. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मक्की ने लश्कर के विदेशी संबंध विभाग के प्रमुख के रूप में कार्य किया और इसके शूरा (शासी निकाय) का सदस्य था. उसने जमात-उद-दावा (JuD) में भी पद संभाले. इसकी केंद्रीय (मरकज़ी) टीम और दावती (धर्मांतरण टीम) का हिस्सा रहा.
मक्की लश्कर प्रमुख हाफ़िज़ मुहम्मद सईद का साला है और भारत सरकार द्वारा वांछित था. वह धन जुटाने, युवाओं की भर्ती करने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने तथा भारत में, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में हिंसक हमलों की योजना बनाने में सक्रिय रूप से शामिल था.
इन महत्वपूर्ण हमलों के लिए ज़िम्मेदार था मक्की
- साल 2000 का लाल किला हमला, जिसमें छह आतंकवादियों ने लाल किले में सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की थी.
- साल 2008 का रामपुर हमला, जिसमें पांच आतंकवादियों ने सात सीआरपीएफ कर्मियों और एक रिक्शा चालक की हत्या कर दी थी.
- 26/11 मुंबई हमला, जिसमें पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने कई स्थानों को निशाना बनाया और 166 लोग मारे गए थे.
- साल 2018 में श्रीनगर के करण नगर सीआरपीएफ कैंप पर हमला, जिसमें एक सीआरपीएफ जवान मारा गया और एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.
- साल 2018 खानपोरा, बारामुल्ला हमला, जिसमें आतंकवादियों ने तीन नागरिकों की हत्या कर दी थी.
- साल 2018 में श्रीनगर में पत्रकार शुजात बुखारी और उनके दो सुरक्षा अधिकारियों की हत्या.
- साल 2018 गुरेज/बांदीपोरा हमला, जिसमें जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ को रोकने के दौरान एक मेजर सहित चार भारतीय सैनिक मारे गए थे.
बता दें कि मक्की को 15 मई 2019 को पाकिस्तानी सरकार ने गिरफ्तार किया और लाहौर में नजरबंद रखा. साल 2020 में एक पाकिस्तानी अदालत ने उसे आतंकवाद के वित्तपोषण का दोषी ठहराया और जेल की सजा सुनाई.