जुकरबर्ग के आरोप कहीं डेमोक्रेट्स पर भारी ना पड़े, कोविड मुद्दे पर बिडेन को लपेटा

साल 2020-21 शायद ही कोई याद रखना चाहे। कोविड के कहर से दुनिया के सभी देश हलकान थे। अमेरिकी की हालत बेहद खराब थी। इन सबके बी मेटा के सीईओ जुकरबर्ग ने बड़ी बात कही है।

Update: 2024-08-27 05:43 GMT

Mark Zuckerberg:  कोविड के कहर से शायद ही दुनिया का कोई देश बचा रहा हो। अमेरिका उनमें से एक था। अमेरिका में लाखों की संख्या में लोग मारे गए थे। बिडेन प्रशासन पर आरोप भी लगते थे कि वो सही जानकारी नहीं दे रहे। अब करीब तीन साल बाद मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी को लिखे पत्र में आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जो बिडेन प्रशासन ने एक से अधिक मौकों पर उनकी कंपनी पर कोविड-19 से संबंधित पोस्ट को सेंसर करने का दबाव डाला।

रिपब्लिकन पार्टी की हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके पत्र को साझा किया। रिपब्लिकन पार्टी की एक्स पर पोस्ट में लिखा था कि मार्क जुकरबर्ग ने अभी तीन बातें स्वीकार की हैं: बिडेन-हैरिस प्रशासन ने अमेरिकियों को सेंसर करने के लिए फेसबुक पर "दबाव" डाला। फेसबुक ने अमेरिकियों को सेंसर किया। फेसबुक ने हंटर बिडेन लैपटॉप स्टोरी को दबा दिया। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए बड़ी जीत। अब सवाल यह है कि जुकरबर्ग ने जो दावा या आरोप लगाया है उसका राष्ट्रपति चुनाव पर असर पड़ेगा क्या। 

रिपब्लिकन ने हैरिस को भी घसीटा
यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि जुकरबर्ग ने वास्तव में बिडेन प्रशासन का उल्लेख किया, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी ने बिडेन-हैरिस प्रशासन का उल्लेख किया। जुकरबर्ग ने अपने पत्र में लिखा, "2021 में, व्हाइट हाउस सहित बिडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने हास्य और व्यंग्य सहित कुछ कोविड-19 सामग्री को सेंसर करने के लिए महीनों तक हमारी टीमों पर बार-बार दबाव डाला और जब हम सहमत नहीं हुए तो हमारी टीमों के साथ बहुत निराशा व्यक्त की। अंततः, यह हमारा निर्णय था कि सामग्री को हटाया जाए या नहीं, और हम अपने निर्णयों के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें इस दबाव के मद्देनजर हमारे प्रवर्तन में किए गए कोविड-19 संबंधी परिवर्तन भी शामिल हैं।"

इस बात का है अफसोस
 मेटा के सीईओ ने पत्र में स्वीकार किया कि अगर उन्हें अतीत की जानकारी और आज उपलब्ध नई जानकारी का लाभ होता तो वे ये बदलाव नहीं करते और उन्हें इस बारे में अधिक "मुखर" न होने का अफसोस है। "मेरा मानना ​​है कि सरकार का दबाव गलत था और मुझे खेद है कि हम इसके बारे में अधिक मुखर नहीं थे। मुझे यह भी लगता है कि हमने कुछ ऐसे विकल्प चुने जो अतीत की जानकारी और नई जानकारी के लाभ के साथ हम आज नहीं चुनते। जैसा कि मैंने उस समय अपनी टीमों से कहा था, मुझे दृढ़ता से लगता है कि हमें किसी भी दिशा में किसी भी प्रशासन के दबाव के कारण अपने कंटेंट मानकों से समझौता नहीं करना चाहिए, और अगर ऐसा कुछ फिर से होता है तो हम पीछे हटने के लिए तैयार हैं।

जुकरबर्ग ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने मेटा को 2020 के चुनाव से पहले बिडेन परिवार और बरिस्मा के बारे में संभावित रूसी गलत सूचना अभियान के बारे में चेतावनी दी थी। उनका कहना है कि मेटा ने जो बिडेन के परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक कहानी को "डिमोट" किया, लेकिन र कहानी को डिमोट नहीं किया जाना चाहिए था।

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