क़तर में हमले को लेकर मोसाद ने नेतान्याहू की बात का किया था विरोध

वाशिंगटन पोस्ट में दावा किया गया है कि इजराइली प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने मोसाद से क़तर में मौजूद हमास के नेताओं की हत्या के लिए कहा था, जिसे मोसाद ने ठुकरा दिया था.;

Update: 2025-09-14 10:19 GMT

Israel Attack On Qatar : वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने हाल ही में उस योजना को खारिज कर दिया था, जिसके तहत ज़मीनी एजेंटों के जरिये कतर में मौजूद हमास अधिकारियों की हत्या की जानी थी।

इज़राइल ने मंगलवार को कतर पर हवाई हमले किए और दावा किया कि निशाना वरिष्ठ हमास नेताओं पर था। हालांकि, आधिकारिक बयानों में मोसाद का नाम अनुपस्थित रहा। मामले से जुड़े दो इज़राइली अधिकारियों के अनुसार, मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया ने इस ज़मीनी अभियान का विरोध किया था। उनका मानना था कि ऐसा कदम उठाने से कतर के साथ बनाए गए रिश्ते टूट सकते हैं।

कतर लंबे समय से हमास नेताओं की मेजबानी कर रहा है और संघर्षविराम वार्ताओं में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। यही कारण है कि मोसाद ने इस ऑपरेशन को लेकर सावधानी बरती।


हमले के नतीजे

हमास ने दावा किया कि इज़राइली हमलों में शीर्ष नेता, जिनमें कार्यवाहक प्रमुख खलील अल-हैया शामिल हैं, बच गए। हालांकि, कई रिश्तेदार, सहयोगी और एक क़तरी अधिकारी मारे गए।


आंतरिक मतभेद

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर आरोप है कि वे संघर्षविराम वार्ताओं से अधीर हो गए हैं। इज़राइल डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल ज़ामिर ने हमले के समय का विरोध किया। वहीं, रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर और रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज़ ने नेतन्याहू का समर्थन किया।

बंधक वार्ताओं के प्रभारी वरिष्ठ अधिकारी नित्ज़ान अलोन को योजना बैठक से दूर रखा गया ताकि वे विरोध न कर सकें। मोसाद की चिंताओं के कारण ही हमले का समय और तरीका बदला गया। एक इज़राइली अधिकारी के शब्दों में:

"हम इन्हें एक साल, दो साल या चार साल बाद भी निशाना बना सकते हैं, और मोसाद जानता है कि कैसे करना है। फिर अभी क्यों?"


कतर की प्रतिक्रिया

कतर ने इस हमले को “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” और मध्यस्थता प्रक्रिया के साथ विश्वासघात करार दिया।


इज़राइल का पक्ष

इज़राइल ने अपनी कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि हमास नेताओं के एक ही जगह इकट्ठा होने का यह दुर्लभ मौका था। साथ ही, हाल ही में यरूशलम और गाज़ा में हमास द्वारा किए गए हमलों (जिसमें चार इज़राइली सैनिक मारे गए) का बदला लेना भी ज़रूरी था।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर के हमास हमले को “इज़राइल का 9/11 क्षण” बताया और कहा कि कतर आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकाना प्रदान कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी:

"मैं कतर और उन सभी देशों से कहता हूं जो आतंकवादियों को शरण देते हैं—या तो उन्हें बाहर निकालो या न्याय के कटघरे में लाओ। अगर तुम नहीं करोगे, तो हम करेंगे।"

उन्होंने अमेरिकी प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए इसे 9/11 के बाद अल-कायदा पर किए गए अमेरिकी हमलों से जोड़ा।


अमेरिकी प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे अभियान पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि वे इसके हर पहलू से “बेहद असंतुष्ट” हैं।


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