बांग्लादेश में हालत बेकाबू, 105 लोगों की मौत! सरकार ने लगाया राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू , सेना तैनात
मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबन्ध; ढाका में हजारों छात्रों ने सशस्त्र पुलिस के साथ संघर्ष किया, कैदियों को रिहा करने के बाद जेल में आग लगा दी
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-07-20 04:40 GMT
Bangladesh Student Protest: बांग्लादेश में इन दिनों तनाव का माहौल है. आरक्षण के मुद्दे पर पिछले कुछ समय से छात्रों द्वारा पूरे बांग्लादेश में प्रदर्शन किये जा रहे हैं, जो उग्र हो चुके हैं और इस बीच सुरक्षा बलों, प्रदर्शनकारियों और सरकार के समर्थकों के बीच जमकर संघर्ष जारी है, जिसमें 105 लोगों के मौत की सूचना है. यही वजह रही कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार ने शुक्रवार देर रात पूरे देश में कर्फ्यू लगाने का एलान करते हुए सेना की तैनाती कर दी है.
ये घोषणा सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने की. इससे पहले शुक्रवार को पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर भारी गोलीबारी की गयी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुक्रवार को सुरक्षा बलों की गोलीबारी में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने और घायल होने की सूचना है. यही वजह रही कि देर रात शेख हसीना सरकार ने कर्फ्यू लगाने का निर्णय लेते हुए सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया.
कादर ने कहा कि नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए सेना को तैनात किया गया.
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने राष्ट्रीय शहर में सभी रैलियों और जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
शुक्रवार को हिंसा में तब्दील हुआ प्रदर्शन
शुक्रवार देर रात को जब समूचे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगाने का आदेश सुनाया गया तो उससे पहले दिन भर के हालत पर भी गौर किया गया. वहां की सरकार का कहना है कि पुलिस और सुरक्षा बलों की गोलीबारी से पहले छात्र प्रदर्शनकारियों द्वारा नरसिंगडी जिले की एक जेल पर हमला किया गया और वहां से सैकड़ों कैदियों को छुड़ाने के बाद जेल में आग लगा दी गयी. इसके बाद आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया.
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन द्वारा किया जा रहा है. इस प्रदर्शन में बांग्लादेश छात्र लीग (बीएसएल) शामिल नहीं है, ये छात्र यूनियनों का एक गठबंधन है - जो हसीना की अवामी लीग की युवा शाखा है.
शान्ति वार्ता
रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने को तैयार है, जिस पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे भी इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं.
हालांकि, विरोध प्रदर्शन के समन्वयक नाहिद इस्लाम ने कहा कि चर्चा और गोलीबारी "एक साथ नहीं हो सकती". उन्हें ये कहते हुए उद्धृत किया गया: "हम चर्चा करने के लिए लाशों को रौंद नहीं सकते."
हक ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर देश में मोबाइल इंटरनेट अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है.
बांग्लादेश के एक छात्र अनिक पाल ने एएनआई से कहा, "बांग्लादेश में मामला तूल पकड़ चुका है. सभी छात्र विरोध प्रदर्शन के लिए उतर आए हैं. हम कोटा सिस्टम को बंद करने की मांग कर रहे हैं. मैं चाहता हूं कि समस्या का जल्द समाधान हो. हमारी मांग स्वीकार की जानी चाहिए, और जिन छात्रों की जान गई है, हम उनके साथ हैं और उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए."