ओली के इस्तीफे के बाद सत्ता संघर्ष, नए पीएम पर मंथन तेज

नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों से हालात अब भी तनावपूर्ण हैं। 30 मौतें, 1,000 से अधिक घायल और 15,000 कैदियों की फरारी ने संकट को गहरा कर दिया है;

Update: 2025-09-11 09:45 GMT

नेपाल में पिछले कुछ दिनों से जारी हिंसा और अराजकता के बीच गुरुवार (11 सितंबर) को हालात में आंशिक सुधार देखा गया। जनरेशन ज़ी (Gen Z) के नेतृत्व में भड़के प्रदर्शनों ने पूरे देश को हिला दिया था, लेकिन अब सेना ने कर्फ्यू आदेशों को बढ़ाते हुए काठमांडू घाटी के तीन जिलों में नियंत्रित रूप से आवाजाही की अनुमति दी।

हिंसा में 30 मौतें, 1,000 से अधिक घायल

नेपाल के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के अनुसार, रविवार शाम से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि 1,061 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 719 को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है जबकि 274 का इलाज जारी है।

ओली के इस्तीफे के बाद उत्तराधिकारी की तलाश

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंगलवार को इस्तीफे के बाद नए प्रधानमंत्री की तलाश शुरू हो गई है। शुरुआती चर्चाओं में नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के पूर्व प्रबंध निदेशक कुलमान घिसिंग का नाम सामने आया था, जिसे Gen Z समूहों ने प्रस्तावित किया। हालांकि गुरुवार को सूत्रों ने बताया कि अब धरान नगर पालिका के मेयर हरका साम्पांग का नाम सुशीला कार्की (पूर्व मुख्य न्यायाधीश) और बलेंद्र शाह (काठमांडू मेयर) के साथ विचाराधीन है।

छत्तीसगढ़ के पर्यटकों की सुरक्षित वापसी पर जोर

इसी बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नेपाल में फंसे राज्य के पर्यटकों की सुरक्षित वापसी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं और पर्यटकों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

कर्फ्यू में राहत और बाज़ारों में भीड़

काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में गुरुवार सुबह 6 बजे से कुछ घंटों की ढील दी गई। सेना ने बताया कि सुबह 6 से 10 बजे और शाम 5 से 7 बजे तक लोगों को ज़रूरी कामों के लिए बाहर निकलने की अनुमति है। इसके बाद रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक सख्त कर्फ्यू रहेगा।

ढील मिलते ही लोग बाज़ारों और दुकानों पर आवश्यक सामान खरीदने पहुंचे। सड़कों पर गाड़ियाँ कम दिखीं और कई जगहों पर हिंसा के निशान अब भी साफ दिखाई दिए।

जेलों में दंगे और 15,000 कैदी फरार

सबसे चौंकाने वाली घटना जेलों में हुई। रामेछाप ज़िले की जेल में गुरुवार को कैदियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में कम से कम तीन कैदी मारे गए, जबकि देशभर की 25 से अधिक जेलों से 15,000 से ज्यादा कैदी फरार हो गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, युवा प्रदर्शनकारियों ने कई जेल परिसरों पर हमला किया, प्रशासनिक भवनों में आग लगाई और जेल के गेट तोड़ दिए। कास्की ज़िला जेल से भागने वालों में 13 भारतीय और 4 अन्य विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। अब तक केवल कुछ ही कैदी स्वेच्छा से लौटे या दोबारा पकड़े गए हैं।

सेना का सख्त रुख और चेतावनी

सेना ने मंगलवार रात से सुरक्षा की कमान संभाल ली है। बुधवार शाम 5 बजे से देशभर में कर्फ्यू लागू किया गया था। सेना ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह का प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़ या हिंसक कार्रवाई को आपराधिक कृत्य मानकर सख्ती से निपटा जाएगा।इसी बीच बुधवार शाम से काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (TIA) भी 24 घंटे बंद रहने के बाद फिर से चालू कर दिया गया।

भारत की चिंता और अपील

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नेपाल की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की और वहां के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की। नेपाल इस समय राजनीतिक अनिश्चितता और सामाजिक अस्थिरता के दोहरे संकट से जूझ रहा है। ओली के इस्तीफे के बाद सत्ता का नया समीकरण और जेलों से सामूहिक फरारी जैसी घटनाएँ स्थिति को और जटिल बना रही हैं।

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