हाफिज सईद की हिफाजत में जुटा पाकिस्तान, भारत की तरफ से कार्रवाई का डर

पहलगाम आतंकी हमले में नाम भले ही द रेजिस्टेंस फ्रंट का आया हो। लेकिन उंगली लश्कर सरगना हाफिज सईद की तरफ उठ रही है। अब पाकिस्तान उसकी हिफाजत में जुट गया है।;

Update: 2025-05-01 02:23 GMT
लश्कर ए तैयबा का सरगना दशकों से पाकिस्तान में छिपा हुआ है। (फाइल फोटो)

Hafiz Saeed:  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा गुप्त सैन्य कार्रवाई की आशंका के चलते पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की सुरक्षा में भारी इजाफा किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईएसआई और पाकिस्तान सरकार ने मिलकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की है, और स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) के पूर्व कमांडोज़ को उनकी सुरक्षा में तैनात किया गया है।

आम नागरिकों के बीच है सईद

बताया जा रहा है कि सईद को जानबूझकर लाहौर के मोहल्ला जोहर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में रखा गया है, जहां एक मस्जिद, मदरसा और आम नागरिकों के घर स्थित हैं। भले ही कागज़ों पर उसे कारावास में दिखाया गया है, पर उसके घर को “अस्थायी उप-जेल” घोषित किया गया है।एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जो एक किलोमीटर के दायरे में जेस्चर-डिटेक्शन CCTV कैमरों के जरिए उसकी गतिविधियों की निगरानी कर रहा है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित है सईद

77 वर्षीय हाफिज सईद, 2008 के मुंबई आतंकी हमलों और हालिया पहलगाम नरसंहार के लिए भारत और अमेरिका दोनों को वांछित है। सईद की सार्वजनिक गतिविधियां लगातार जारी रही हैं, और वह बीते तीन वर्षों में दो दर्जन से अधिक बार सार्वजनिक रूप से देखा गया है, जिनमें से ताज़ा उपस्थिति फरवरी 2025 में दर्ज की गई।

पाकिस्तान में ‘कस्टडी’ में रहकर भी सक्रिय

हालांकि, पाकिस्तान सरकार का दावा है कि हाफिज सईद आतंकी फंडिंग मामलों में दोषी पाए जाने के बाद 46 वर्षों की सजा काट रहा है, लेकिन उसके हालात “कस्टडी” में रहते हुए विशेष छूट जैसी हैं।

2020 में उसे 15 साल की सजा मिली थी।

2022 में दो और मामलों में 31 साल की सजा सुनाई गई।

सभी सजाएं समानांतर चल रही हैं, जिससे वह वास्तविक कारावास से दूर बना हुआ है।

आतंक फैलाने की गतिविधियां जारी

हाफिज सईद को अक्सर पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के टेरर लॉन्च पैड्स और मुरीदके, बहावलपुर, रावलकोट के आतंकी शिविरों में देखा गया है। उसकी सुरक्षा घेरा मल्टी-लेयर्ड है, जिसमें पूर्व SSG कमांडो शामिल हैं।भारत द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने के बाद, सईद ने लश्कर-ए-तैयबा का नाम बदलकर ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ कर दिया था ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचा जा सके।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग की धमकी

उधर, भारतीय गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह ने भी पहलगाम के निर्दोष नागरिकों की हत्या का बदला लेने की बात कही है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने हाफिज सईद की तस्वीर के साथ धमकी दी कि उनका अगला निशाना “पाकिस्तान के लिए अत्यधिक महत्व रखने वाला व्यक्ति” होगा।

पहलगाम हमला न केवल भारत-पाक संबंधों में नई तल्खी लेकर आया है, बल्कि पाकिस्तान के भीतर पल रहे आतंकवाद और उसे मिलने वाले सरकारी संरक्षण पर भी फिर से सवाल खड़े करता है। हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगना, जो कागज़ों पर कैद में हैं लेकिन ज़मीन पर सक्रिय, पाकिस्तान की डबल गेम को उजागर करते हैं।

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