IMF के कर्ज़ के दबाव में पाकिस्तान, PIA की नीलामी 23 दिसंबर को
23 दिसंबर को नेशनल एयरलाइन के लिए बोली लगाना दो दशकों में देश का पहला बड़ा प्राइवेटाइज़ेशन होगा, जो IMF की USD 7-bn की बेलआउट शर्त को पूरा करेगा।
By : The Federal
Update: 2025-12-04 08:15 GMT
PIA Auction : कंगाल हो चुकी पाकिस्तान सरकार अपनी कर्ज़ में डूबी राष्ट्रीय एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) को 23 दिसंबर को नीलाम करने जा रही है। यह बोली प्रक्रिया लाइव प्रसारित की जाएगी और इसे इस्लामाबाद IMF की सबसे अहम शर्तों में से एक मान रहा है, जिसे पूरा किए बिना पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की अगली किश्त नहीं मिल सकती।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक यह पिछले 20 वर्षों में पाकिस्तान की सबसे बड़ी प्राइवेटाइजेशन कार्रवाई होगी।
कौन-कौन है दौड़ में? सेना से जुड़ी कंपनी भी शामिल
PIA खरीदने के लिए जिन चार कंपनियों ने प्री-क्वालिफाई किया है, उनमें सेना से जुड़ी Fauji Fertiliser Company Limited सबसे चर्चित नाम है। यह कंपनी पाकिस्तान की शक्तिशाली Fauji Foundation का हिस्सा है, जिसे सेना का संस्थागत नियंत्रण प्राप्त है।
अन्य तीन दावेदार हैं :
Air Blue Limited
Lucky Cement Consortium
Arif Habib Corporation Consortium
IMF की अहम शर्त: PIA के 51-100% शेयर और पूरा नियंत्रण बेचना होगा
IMF के Extended Fund Facility (EFF) के तहत पाकिस्तान को PIA के 51 से 100 प्रतिशत तक शेयर बेचने होंगे और एयरलाइन का पूरा प्रबंधन निजी हाथों में देना होगा।
IMF की कार्यकारी बोर्ड की बैठक 8 दिसंबर को है, जहां पाकिस्तान के लिए 1.2 अरब डॉलर की किस्त को मंजूरी मिलेगी।
लेकिन इस शर्त के साथ कि PIA की नीलामी साल खत्म होने से पहले पूरी होनी जरूरी है।
सरकार को कितनी कमाई होगी?
पाकिस्तान के प्राइवेटाइजेशन मंत्री मोहम्मद अली के अनुसार,
इस वर्ष सरकार का लक्ष्य है - 86 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाना
PIA बिक्री का 15 प्रतिशत सरकार को, जबकि
85 प्रतिशत PIA कंपनी को दिया जाएगा ताकि उसकी देनदारियों को चुकाया जा सके।
Fauji Foundation: पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य कॉर्पोरेट नेटवर्क
Fauji Foundation पाकिस्तान के हर बड़े आर्थिक सेक्टर में मौजूद है। हालांकि इसकी बोर्ड में सेना प्रमुख असीम मुनीर प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं, लेकिन वे क्वार्टरमास्टर जनरल की नियुक्ति करते हैं, जो इसके बोर्ड के सदस्य होते हैं।
यानी संचालन पर सेना का अप्रत्यक्ष लेकिन मजबूत नियंत्रण है।
नियमों के मुताबिक, विदेशी कंपनियां एयरलाइन में बहुमत हिस्सेदारी नहीं खरीद सकतीं, यह सिर्फ पाकिस्तानियों के पास रहेगी।
क्यों PIA की बिक्री पाकिस्तान के लिए ‘क्रूशियल’ है?
पाकिस्तान 2023 में लगभग डिफॉल्ट की कगार पर पहुंच चुका था। IMF ने सितंबर 2024 में 7 अरब डॉलर का पैकेज तो मंजूर कर दिया, लेकिन शर्तों के साथ। अब पाकिस्तान उन कर्ज़ों को चुकाने के लिए नये कर्ज़ ले रहा है, एक अंतहीन चक्र।
तारीख़ बताती है
1958 से अब तक पाकिस्तान IMF से 20 से अधिक बार कर्ज़ ले चुका है। वह IMF का पांचवां सबसे बड़ा देनदार देश है।
किस हाल में PIA? देश की बदहाल एयरलाइन की ‘काली कहानी’
PIA पाकिस्तान की आर्थिक बदहालियों का प्रतीक बन चुकी है। इसके नुकसान अरबों में हैं।
2024 की स्थिति:
अक्टूबर 2024 में 17 विमान तकनीकी खराबियों की वजह से ग्राउंडेड हो गए।
एयरलाइन को सिर्फ 16 विमानों से घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानें चलानी पड़ीं—एक बेहद असंभव ऑपरेशन।
सबसे बड़ा घोटाला: फर्जी पायलट लाइसेंस
2020 में खुलासा हुआ कि 30% से अधिक पाकिस्तानी पायलटों के लाइसेंस फर्जी या संदेहास्पद थे।
परिणाम
262 पायलट ग्राउंडेड
एयरलाइन के ऑपरेशन लगभग चरमरा गए
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने हालात और बिगाड़े
यूरोपीय यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने 2020 में PIA को यूरोप उड़ान भरने से बैन कर दिया।
इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने भी प्रतिबंध लगा दिए।
इन हाई-यील्ड मार्गों से होने वाली अरबों की आमदनी अचानक खत्म हो गई।
अन्य समस्याएँ:
सुरक्षा खामियां
ओवरस्टाफिंग
राजनीतिक नियुक्तियां और भाई-भतीजावाद
वेतन और लाभों पर बेहिसाब खर्च
अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार
क्या PIA की नीलामी पाकिस्तान को बचा पाएगी?
PIA की बिक्री पाकिस्तान की आर्थिक रणनीति का आखिरी बड़ा दांव मानी जा रही है। IMF की शर्तें पूरी करना उसके लिए अनिवार्य है, वरना कर्ज़ चुकाने लायक पैसे नहीं बचेंगे।
लेकिन सवाल बड़ा है कि क्या सिर्फ PIA बेच देने से पाकिस्तान की आर्थिक गिरावट रुक जाएगी?