पाकिस्तान में अगवा ट्रेन से छुड़ाए गए 100 बंधक, BLA के 16 लड़ाके मारे गए

मंगलवार को बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों मे पाकिस्तान की प्रीमियम ट्रेन जाफर एक्सप्रेस को हाइजैक कर लिया था।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-03-12 03:08 GMT

Jaffar Express Hijack News:  पाकिस्तान के सुरक्षा बल एक जटिल अभियान में जुटे हैं, जहां वे उन अलगाववादी लड़ाकों का मुकाबला कर रहे हैं जिन्होंने मंगलवार को एक ट्रेन पर हमला किया। यह ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी, जो दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान की राजधानी से उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी की ओर बढ़ रही थी।

हमले की जिम्मेदारी किसने ली?

बलूचिस्तान की पाकिस्तान से आज़ादी की मांग करने वाले अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस को निशाना बनाया, जब यह सिबी शहर के पास एक सुरंग से गुजर रही थी। यह इलाका क्वेटा से लगभग 160 किलोमीटर (100 मील) दूर स्थित है।

यात्रियों का क्या हुआ?

सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, सेना का जवाबी अभियान जारी है। इस बीच, अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कुछ यात्री सुरक्षित रूप से एक छोटे स्टेशन तक पहुंचने में कामयाब रहे। पाकिस्तान रेलवे के अधिकारी राणा फर्रुख ने बताया कि करीब 70 यात्री, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे, पैदल चलते हुए 6 किलोमीटर दूर पनीर रेलवे स्टेशन पहुंचे।

हमले के वक्त ट्रेन में कौन थे?

जाफर एक्सप्रेस में 400 से अधिक यात्री सवार थे, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और सुरक्षा कर्मी शामिल थे। यह ट्रेन मंगलवार सुबह 9 बजे (04:00 GMT) क्वेटा से रवाना हुई थी और 1,600 किलोमीटर (994 मील) की यात्रा कर पेशावर पहुंचने वाली थी।रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह हमला दोपहर 1 बजे (08:00 GMT) हुआ, जब ट्रेन ब्रिटिश काल में बनी सुरंगों से गुजर रही थी।

सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि सिबी के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है ताकि घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता दी जा सके।

पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने भी हमले की निंदा करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा, "निर्दोष यात्रियों पर गोली चलाने वाले दया के पात्र नहीं हैं।"

क्या हमले में Iघायल हुए लोग?

क्वेटा और सिबी के अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन मंगलवार देर रात तक वहां कोई घायल नहीं लाया गया था। सुरक्षा सूत्रों का दावा है कि हमलावर महिलाओं और बच्चों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई में मुश्किलें आ रही हैं।

बलूचिस्तान में हिंसा क्यों बढ़ रही है?

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम विकसित प्रांत है, जिसकी आबादी लगभग 1.5 करोड़ है। प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद, यह क्षेत्र लंबे समय से विद्रोह का केंद्र रहा है।BLA और अन्य अलगाववादी गुट पाकिस्तान सरकार पर स्थानीय लोगों के दमन का आरोप लगाते हैं। इसके अलावा, चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC), जिसकी लागत 62 अरब डॉलर है, ने इस संघर्ष को और बढ़ा दिया है।

BLA ने ग्वादर पोर्ट सहित कई चीनी परियोजनाओं को निशाना बनाया है, जिसमें कई चीनी नागरिकों की जान गई है। हाल के महीनों में, बलूचिस्तान में हमलों में तेज़ी आई है।पिछले महीने, कालात शहर में BLA के हमले में 18 सैनिक मारे गए थे, जबकि मार्च में एक महिला आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी की मौत हुई थी।

BLA की ताकत कैसे बढ़ी?

विशेषज्ञों का मानना है कि BLA की बढ़ती ताकत सुरक्षा एजेंसियों की नाकामी को दर्शाती है। वाशिंगटन स्थित बलूचिस्तान मामलों के विशेषज्ञ मलिक सिराज अकबर का कहना है कि यह संगठन अब छोटे हमलों से आगे बढ़कर बड़े सैन्य अभियानों को अंजाम देने लगा है।उन्होंने कहा, "BLA अब यात्रियों से भरी ट्रेन पर हमले जैसे बड़े ऑपरेशन कर रहा है। इससे स्पष्ट है कि सरकार के पास उन्हें रोकने की क्षमता नहीं है।"

क्या सरकार BLA को रोक पाएगी?

इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक 'पाक इंस्टीट्यूट ऑफ पीस स्टडीज' (PIPS) ने जनवरी में एक रिपोर्ट जारी कर चेतावनी दी थी कि बलूचिस्तान में हालात 'गंभीर' हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष हमलों में 119% की वृद्धि हुई, जिसमें 150 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं।सरकार ने एक बड़े सैन्य अभियान की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इसे अमल में नहीं लाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के कठोर कदमों के बावजूद, बलूच अलगाववादी गुट युवाओं को अपने साथ जोड़ने में सफल हो रहे हैं।

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में शोध कर रहे एक बलूच विद्वान का कहना है कि बलूचिस्तान की स्थिति केवल खुफिया विफलताओं के कारण खराब नहीं हुई, बल्कि राज्य और स्थानीय नागरिकों के बीच बढ़ती दूरी ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है।उन्होंने कहा, "पिछले एक दशक में बलूचिस्तान में छह अलग-अलग मुख्यमंत्री रहे हैं, जिससे राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है। इस अस्थिरता का सबसे अधिक लाभ BLA जैसे गुटों को हुआ है, जो युवा लड़कों को आत्मघाती हमलों के लिए तैयार कर रहे हैं।"

बलूचिस्तान में दशकों से जारी संघर्ष लगातार और जटिल होता जा रहा है। सरकार की नीतियों की आलोचना हो रही है, जबकि अलगाववादी संगठन अपनी गतिविधियों को और तेज़ कर रहे हैं। क्या पाकिस्तान सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल पाएगी, यह एक महत्वपूर्ण सवाल बना हुआ है।

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