सिंधु जल संधि पर PAK PM की फिर गीदड़भभकी, 'रेड लाइन पार न करे भारत'
India Pakistan Water Dispute: शरीफ़ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने भी भारत को चेतावनी देते हुए कहा था कि “पानी पाकिस्तान की रेड लाइन है.”;
Indus Water Treaty Dispute: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने शुक्रवार को भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान, सिंधु जल संधि को निलंबित करने की भारत की एकतरफा कार्रवाई को स्वीकार नहीं करेगा और “रेड लाइन” पार करने की इजाजत नहीं देगा.यह बयान उन्होंने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित तीन दिवसीय 'हिमनद संरक्षण सम्मेलन' में दिया.
शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि भारत द्वारा सिंधु बेसिन के जल बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को निलंबित करना अत्यंत खेदजनक है. लाखों लोगों की ज़िंदगियों को राजनीतिक फायदे के लिए बंधक नहीं बनाया जा सकता. पाकिस्तान इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगा.
सेना प्रमुख ने भी दी थी चेतावनी
शरीफ़ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने भी भारत को चेतावनी देते हुए कहा था कि “पानी पाकिस्तान की रेड लाइन है” और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
भारत ने संधि को किया था निलंबित
भारत ने अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था. भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक संधि प्रभाव में नहीं लाई जाएगी. इस संधि की स्थापना 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी, जो भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु, सतलुज, ब्यास, रावी, झेलम और चिनाब नदियों के जल बंटवारे और जानकारी के आदान-प्रदान के लिए व्यवस्था प्रदान करती है.
प्रधानमंत्री मोदी का कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि पाकिस्तान को भारत की नदियों का एक भी बूंद पानी नहीं मिलेगा.उन्होंने कहा कि भारत के खून से खेलने की कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी. यह भारत का संकल्प है और दुनिया की कोई ताकत हमें इससे नहीं रोक सकती.
भारत का पलटवार
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनैनी हरीश ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद ही सिंधु जल संधि की भावना का उल्लंघन किया है. पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तीन युद्ध किए हैं और हजारों आतंकी हमलों को अंजाम दिया है. पिछले चार दशकों में 20,000 से अधिक भारतीय नागरिक आतंकवाद का शिकार हुए हैं — जिसमें सबसे ताज़ा हमला पहलगाम में हुआ. उन्होंने कहा कि भारत ने इस पूरे समय में असाधारण संयम और उदारता दिखाई है. लेकिन अब और नहीं.