पाकिस्तानी हैकर्स के साइबर हमले की कोशिश भारत ने की नाकाम

पाकिस्तानी हैकर्स ने आर्मी स्कूलों और कल्याणकारी वेबसाइटों में पहलगाम के पीड़ितों का मज़ाक उड़ाते हुए भड़काऊ सामग्री डालकर वेबसाइटों को बिगाड़ने की कोशिश की।;

Update: 2025-05-02 14:03 GMT
अधिकारियों ने कहा कि इस तरह से बार-बार गैर-सैन्य प्लेटफार्मों को निशाना बनाना पाकिस्तान की बढ़ती हताशा को दर्शाता है। (प्रतीकात्मक चित्र)

हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों का मज़ाक उड़ाते हुए भड़काऊ सामग्री डालने की कोशिश करते हुए, पाकिस्तान-समर्थित हैकर समूहों ने गुरुवार को भारत की कई वेबसाइटों पर साइबर हमला करने का प्रयास किया।

ये वेबसाइटें बच्चों, पूर्व सैनिकों और जनकल्याण से जुड़ी थीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई कर इन हमलों को नाकाम कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के गैर-लड़ाकू प्लेटफॉर्म को बार-बार निशाना बनाया जाना पाकिस्तान की बढ़ती हताशा और अनैतिक साइबर गतिविधियों में उसकी गिरावट को दर्शाता है।

हैकिंग की यह कोशिशें "Cyber Group HOAX1337" और "National Cyber Crew" नामक समूहों द्वारा की गईं। इन समूहों ने आर्मी पब्लिक स्कूल (APS) नागरोटा और सुंजवां की वेबसाइटों को डिफेस कर उन पर पहलगाम हमले के पीड़ितों का मज़ाक उड़ाने वाली सामग्री डालने की कोशिश की। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।

एक अन्य चिंताजनक घटना में, पूर्व सैनिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली एक वेबसाइट को डिफेस कर दिया गया — इसे समाज के संवेदनशील वर्गों को निशाना बनाने की सोची-समझी कोशिश माना जा रहा है।

एक वरिष्ठ साइबर सुरक्षा अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, “बच्चों और पूर्व सैनिकों के लिए बनाए गए प्लेटफॉर्म पर हमला करना एक नई निम्नता को दर्शाता है।”

हमले यहीं नहीं रुके। आर्मी इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट और भारतीय वायुसेना के पूर्व सैनिकों की सेवाओं से जुड़ी वेबसाइटों को भी निशाना बनाया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ये योजनाबद्ध भड़काऊ साइबर हमले थे।

29 अप्रैल को, "IOK Hacker" (Internet of Khilafah) नामक समूह ने कई भारतीय कल्याणकारी और शैक्षणिक प्लेटफॉर्म्स को डिफेस करने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा नेटवर्क्स को भेदने में विफल रहा। खुफिया एजेंसियों ने इस तरह के चार साइबर हमलों की पुष्टि की है।

APS श्रीनगर और APS रानीखेत को भी दुष्प्रचार के लिए निशाना बनाया गया, जिसमें APS श्रीनगर को DDoS (डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस) हमले का भी सामना करना पड़ा। इसके साथ ही, आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन (AWHO) के डाटाबेस और भारतीय वायुसेना प्लेसमेंट पोर्टल को भी भेदने की कोशिश की गई, लेकिन इन सभी प्रयासों को विफल कर दिया गया।

सभी प्रभावित सिस्टम्स को तुरंत अलग कर लिया गया और कोई भी संचालनात्मक या गोपनीय जानकारी प्रभावित नहीं हुई। अब सभी प्लेटफॉर्म्स को बहाल कर दिया गया है और उनमें उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं।

भारत-पाक तनाव बढ़ा

इस बीच, लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर तनाव बरकरार है। 2 मई की सुबह तक लगातार आठवें दिन पाकिस्तानी सेना ने बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुला, पुंछ, नौशेरा और अखनूर सेक्टरों में भारतीय सेना की चौकियों पर फायरिंग की गई। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में संयमित और संतुलित जवाब दिया।

पहलगाम हमला

22 अप्रैल को, भारी हथियारों से लैस आतंकियों का एक समूह जंगलों से निकलकर पहलगाम के बैसरन घास मैदान में पर्यटकों को निशाना बनाया था। इस हमले में 26 लोग, जिनमें 25 पर्यटक शामिल थे, मारे गए थे।

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