PM Modi Ukraine Visit: यूक्रेन में भारतीयों को पीएम मोदी का इंतजार, शांति बहाली की है उम्मीद

फरवरी 2022 में रूस के साथ युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन में रह रहे भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ा झटका था.

Update: 2024-08-22 17:44 GMT

Ukraine Indian Community: फरवरी 2022 में रूस के साथ युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन में रह रहे भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ा झटका था. भारत में लोग यूक्रेन से भारतीय मेडिकल छात्रों के बड़े पैमाने पर निकाले जाने से स्तब्ध थे. देश में लंबे समय से रहने वाले भारतीय निवासियों के लिए विकल्प कठिन थे. वह यहां बिजनेस और संबंधों के लिए दशकों समर्पित करने के बाद बस अपना सामान बांधकर नहीं जा सकते थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसे ही एक भारतीय निवासी का कहना है कि मुझे अपनी फैक्ट्री कीव से रोमानिया की सीमा के पास चेर्नित्सि ओब्लास्ट के मार्शिनत्सी में स्थानांतरित करनी पड़ी. मेरे बहुत से कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य मुझ पर निर्भर थे. मैं उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकता था. धीरे-धीरे, मुझे अपने कर्मचारियों को मार्शिनत्सी लाना पड़ा और अपना काम जारी रखना पड़ा.

एक अन्य लंबे समय से रहने वाले भारतीय निवासी और कारोबारी ने कहा कि साल 2022 से पहले यूक्रेन में करीब 2,500 भारतीय लंबे समय से रह रहे थे. हममें से कई लोगों ने यहीं शादी की और परिवार बसाए. पूर्ण युद्ध छिड़ने से हमारे परिवार बंट गए. क्योंकि हमें अपने प्रियजनों को सुरक्षित स्थानों और देशों में ले जाना पड़ा. लेकिन हमें अपने कारोबार की खातिर यहीं रहना पड़ा. अब हम प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का इंतजार कर रहे हैं और हमने उनसे एक संयुक्त अपील भी की है. हम किसी भी विवाद में बल प्रयोग को अस्वीकार करने के उनके फैसले का पूरा समर्थन करते हैं और उन्हें इस जघन्य युद्ध का समाधान निकालने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए.

बता दें कि पीएम मोदी की यात्रा किसी मौजूदा भारतीय प्रधानमंत्री की स्वतंत्र यूक्रेन की पहली यात्रा है. वहां के विशेषज्ञों का कहना है कि कई लोग इस यात्रा को पिछले महीने मोदी की रूस यात्रा के बाद नुकसान की भरपाई के लिए संतुलन साधने की कार्रवाई के रूप में देखते हैं, जिसके दौरान मॉस्को ने यूक्रेन पर मिसाइलों की बौछार की थी. लेकिन यह यात्रा रूसी प्रभाव क्षेत्र से कुछ बदलाव का संकेत भी दे सकती है. मोदी के यहां आने से निश्चित रूप से भारत और यूक्रेन के बीच संबंधों में एक नया अध्याय खुलेगा, जिसमें उच्चतम स्तर पर राजनीतिक जुड़ाव होगा.

उनका मानना है कि हमारे दृष्टिकोण से यह यात्रा हमारे आत्मसम्मान को बहाल करने में मदद करेगी. पूर्ण पैमाने पर युद्ध की शुरुआत से ही, हम भारतीयों को संघर्ष के प्रति भारत की तटस्थ स्थिति पर आलोचना का सामना करना पड़ा है. मोदी की राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से मुलाक़ात यूक्रेनियों के बीच उस धारणा को दूर करने में मदद करेगी और हमारे जीवन को थोड़ा आसान बनाएगी. भारत रूस और चीन जैसी निरंकुशता या यूक्रेन जैसी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के साथ जुड़ना चाहता है. यूक्रेन व्यापार के लिए यूरोपीय संघ में भारत का प्रवेश द्वार बन सकता है. इसलिए युद्ध के समाधान को हासिल करने में पीएम मोदी की मदद हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी.

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