पीएम मोदी की पाकिस्तान को लताड़, 'जहां आतंकवाद; वहां PAK'

Lex fridman modi podcast: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, आलोचना लोकतंत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. लेकिन यह केवल आरोपों तक सीमित नहीं होनी चाहिए.;

Update: 2025-03-16 13:49 GMT

PM Modi podcast: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में आलोचना को "लोकतंत्र की आत्मा" बताया और कहा कि इसे वह खुले दिल से स्वीकार करते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि आजकल वास्तविक आलोचना को ढूंढना मुश्किल है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आलोचना और आरोपों में अंतर होता है.

जब प्रधानमंत्री मोदी से उनके खिलाफ उठी आलोचनाओं और उन पर प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह आलोचना का स्वागत करते हैं. उनका मानना है कि आलोचना लोकतंत्र को मजबूत बनाती है. उन्होंने कहा कि मुझे गहरा विश्वास है कि आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है. अगर लोकतंत्र आपके खून में बहता है तो आपको इसे खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए. हालांकि, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आलोचना तीव्र और अच्छी तरह से सूचित होनी चाहिए और यह लोकतांत्रिक नजरिए से एक सकारात्मक प्रभाव डालती है. हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि 'अपने आलोचकों को हमेशा पास रखें.' आलोचक आपके निकटतम साथी होने चाहिए. क्योंकि असली आलोचना से आप जल्दी सुधार कर सकते हैं और लोकतांत्रिक नजरिए से बेहतर काम कर सकते हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्वीकार किया कि वह आलोचना की अधिकता चाहते हैं. लेकिन उनका असली दुख यह है कि आजकल जो आलोचना होती है, वह वास्तविक नहीं होती. वास्तविक आलोचना के लिए गहन अध्ययन, शोध और विश्लेषण की आवश्यकता होती है. लोग आजकल शॉर्टकट्स अपनाते हैं, बिना गहरे शोध के सीधे आरोप लगाते हैं.

आलोचना और आरोपों में अंतर

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि आलोचना और आरोपों में फर्क होता है. उन्होंने कहा कि आरोप किसी का भला नहीं करते, वे केवल अनावश्यक संघर्षों को जन्म देते हैं. वास्तविक आलोचना से लोकतंत्र मजबूत होता है और यह समाज के लिए फायदेमंद होती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हमेशा आलोचना का खुले दिल से स्वागत करते हैं. जब भी झूठे आरोप उठते हैं, मैं शांतिपूर्वक अपनी जिम्मेदारियों को निभाता हूं और देश की सेवा में लगा रहता हूं.

प्रधानमंत्री मोदी का बचपन

प्रधानमंत्री मोदी ने पॉडकास्ट में अपने बचपन की कई यादें भी साझा कीं. उन्होंने गुजरात के एक छोटे से गांव में अपने संघर्ष और साधारण जीवन को याद किया. उन्होंने बताया कि बचपन में कैसे वह अपने कैनवास के जूते चाक से सफेद करते थे और कपड़े प्रेस करने के लिए तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करते थ. उन्होंने कहा कि हम कभी यह महसूस नहीं करते थे कि हम गरीब थे. आप देखिए, जो व्यक्ति अच्छे जूते पहनने का आदी होता है, वह उनके न होने पर उसकी कमी महसूस करता है. लेकिन हम जीवन में कभी जूते नहीं पहनते थे. इसलिए हमें कभी यह एहसास नहीं हुआ कि जूते पहनना कोई बड़ी बात है. हम अपने जीवन से संतुष्ट थे.

यूक्रेन और पाकिस्तान

इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान और यूक्रेन युद्ध पर भी अपने विचार रखे. उन्होंने यूक्रेन और रूस के संघर्ष को लेकर कहा कि दुनिया खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से जूझ रही है. वैश्विक समुदाय को शांति की ओर एकजुट होना चाहिए. जहां तक मेरी बात है, मैंने हमेशा शांति के पक्ष में खड़ा रहकर काम किया है. मेरी स्थिति तटस्थ नहीं है, बल्कि मैं हमेशा शांति के लिए काम करता हूं. पाकिस्तान के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने बार-बार भारत के खिलाफ प्रॉक्सी युद्ध छेड़ा है. यह कोई विचारधारा नहीं है, जो खून-खराबे और आतंकवाद के निर्यात पर आधारित हो और हम इस समस्या के अकेले शिकार नहीं हैं. जहां भी आतंकवाद फैलता है, वहां पाकिस्तान का हाथ होता है.


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