यूक्रेन का दावा युद्ध की तीसरी सालगिरह पर रूस ने किया बड़ा हमला

यूक्रेन ने दावा किया है कि 22 फरवरी 2025 को युद्ध की तीसरी सालगिरह पर रूस ने बहुत बड़ा हमला किया, जिसमें 267 ड्रोन भेजे गए।;

Update: 2025-02-23 15:20 GMT

Russia Ukraine War Third Anniversary: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को 3 साल पूरे हो चुके हैं। युद्ध 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था। अब युद्ध के तीन वर्ष पूरे होने पर रूस ने एक बार फिर से यूक्रेन पर घातक हमला किया है। यूक्रेनी अधिकारियों ने दावा किया है कि रूस की तरफ से ड्रोन से बहुत बड़ा हमला किया गया है। इस हमले में खार्किव, पोल्टावा, सुमी, कीव, चेर्निहाइव, मायकोलाइव और ओडेसा सहित 13 क्षेत्रों में ड्रोन को रोका गया। यूक्रेनी वायु सेना के प्रवक्ता यूरी इग्नाट के अनुसार, रूस ने 267 ड्रोन लॉन्च किए, जिसमें से 138 को रोका गया और 119 ड्रोन गायब हो गए, जबकि तीन बैलिस्टिक मिसाइलें भी दागी गईं। इस हमले में पांच क्षेत्रों में नुकसान की सूचना मिली।



रुसी ड्रोन को मार गिराने का दावा

इस हमले के दौरान यूक्रेनी वायु रक्षा ने कई रूसी ड्रोन को मार गिराने में सफलता प्राप्त की, जबकि एक अलग बयान में बताया गया कि कुछ क्षेत्रों में हमलावर ड्रोन ने नुकसान पहुँचाया। यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने इन सफलतापूर्वक गिराए गए ड्रोन का वीडियो साझा किया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि यह हमला युद्ध का सबसे बड़ा ड्रोन हमला था और रूस के "हवाई आतंक" की निंदा की। उन्होंने पश्चिमी सहयोगियों से एकजुट होकर "न्यायसंगत और स्थायी शांति" सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

रूस के खिलाफ इस संघर्ष में, यूक्रेनी वायु रक्षा की सफलता महत्वपूर्ण रही है। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने पिछले सप्ताह हुए हमलों की संख्या का हवाला देते हुए यह भी कहा कि रूस ने यूक्रेन पर कुल 1,150 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च की हैं।

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फ़ोन पर बातचीत की, जिससे मॉस्को में कुछ उम्मीदें जगीं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह कदम युद्धविराम की दिशा में कुछ प्रगति करेगा या नहीं।

रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया था, और इसका दावा था कि यह कदम नाटो के विस्तार से सुरक्षा की आवश्यकता को लेकर था। इस आक्रमण ने यूक्रेन के लिए भारी नुकसान और संघर्ष की स्थिति उत्पन्न की है, जबकि वैश्विक स्तर पर इसे लेकर चिंता बढ़ रही है।


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