पुतिन : यूक्रेन के साथ शांति वार्ता को तैयार, भारत करे मध्यस्थता

रूसी राष्ट्रपति ने युद्ध के शुरुआती सप्ताहों में इस्तांबुल में वार्ता के दौरान मास्को और कीव के बीच हुए समझौते को वार्ता का आधार बनाने का सुझाव दिया.

Update: 2024-09-05 15:34 GMT

Russia Ukraine War: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत खासतौर से प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार (5 सितंबर) को कहा कि वो रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को समाप्त करने व शांति वार्ता के लिए तैयार हैं, और इस काम में भारत मध्यस्थों में से एक हो सकता है.

द सन के अनुसार, व्लादिवोस्तोक में 2024 पूर्वी आर्थिक मंच में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि 2022 में युद्ध के पहले हफ्तों में इस्तांबुल में मास्को और कीव के बीच हुआ समझौता ताजा शांति वार्ता का आधार बन सकता है.

'कीव के साथ बातचीत से कभी इनकार नहीं किया'
रूसी राष्ट्रपति ने कथित तौर पर इस कार्यक्रम में कहा, "क्या हम उनके साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं?" पुतिन ने कहा, "हमने बातचीत करने से कभी इनकार नहीं किया, लेकिन बातचीत का आधार कुछ अल्पकालिक मांग नहीं हो सकती, बल्कि बातचीत उन दस्तावेजों के आधार पर होनी चाहिए जिन पर सहमति बनी थी और वास्तव में इस्तांबुल में इसकी शुरुआत हुई थी." तुर्की की राजधानी में दोनों देशों के बीच हुआ समझौता लागू नहीं हो सका. इसकी शर्तें अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई हैं.
पुतिन ने ये भी कहा कि यदि यूक्रेन शांति वार्ता के लिए सहमत हो जाए तो भारत, चीन और ब्राजील मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं.

पुतिन का अमेरिका, ब्रिटेन के 'संभ्रांतों' पर कटाक्ष
पुतिन ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यूक्रेनी वार्ताकार इस्तांबुल समझौते पर सहमत हो गए हैं, लेकिन अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश इसके कार्यान्वयन की अनुमति देने को तैयार नहीं हैं. "हम एक समझौते पर पहुंचने में कामयाब रहे, यही पूरी बात है. इस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने वाले यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के हस्ताक्षर इस बात की गवाही देते हैं, जिसका अर्थ है कि यूक्रेनी पक्ष आम तौर पर किए गए समझौतों से संतुष्ट था," द सन ने उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया. पुतिन ने कहा, "यह केवल इसलिए लागू नहीं हुआ क्योंकि उन्हें ऐसा न करने का आदेश दिया गया था, क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप - कुछ यूरोपीय देशों के अभिजात वर्ग - रूस की रणनीतिक हार हासिल करना चाहते थे."

कब्ज़ा किये गये क्षेत्र को अपने पास रखने पर असहमति
रूसी राष्ट्रपति ने पिछले मौकों पर शांति वार्ता का सुझाव दिया था, लेकिन रूस को यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र को अपने पास रखने की अनुमति देने की अपनी मांग पर अड़े रहे. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर नई शांति वार्ता शुरू होती है तो पुतिन इस मुद्दे पर अपनी बात पर अड़े रहेंगे. यूक्रेन ने कहा था कि वो रूस के साथ कोई सीधी बातचीत नहीं करेगा तथा वो अपने भूभाग का कोई भी हिस्सा दुश्मन को नहीं देने के बारे में भी उतना ही दृढ़ था. शांति वार्ता के लिए पुतिन के नए आह्वान पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

यूक्रेन का जवाबी हमला
पुतिन ने संभावित वार्ता के संकेत यूक्रेन द्वारा रूसी सीमा पार कर कुर्स्क में अचानक हमला करने के कुछ सप्ताह बाद दिए हैं. कीव ने अब दावा किया है कि उसने 500 वर्ग मील रूसी क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है. फुटेज में हजारों रूसी सैनिकों को आत्मसमर्पण करते या यूक्रेनी सेना द्वारा बंदी बनाये जाते हुए दिखाया गया. रूस ने इस हमले का जवाब यूक्रेनी शहरों पर हवाई हमलों की एक नई श्रृंखला के साथ दिया है. मंगलवार (4 सितंबर) को यूक्रेन के पोल्टावा में पोल्टावा सैन्य संचार संस्थान पर रूसी मिसाइल हमले में कम से कम 55 लोग मारे गए और 300 से ज़्यादा घायल हो गए. 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुए यूक्रेन पर रूसी आक्रमण में सैकड़ों हज़ार लोग मारे गए हैं और 8 मिलियन से ज़्यादा यूक्रेनियन विस्थापित हुए हैं. रूस का दावा है कि आक्रमण के बाद से उसने यूक्रेन के 20 प्रतिशत क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है.


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