शरीफ का बड़ा कबूलनामा, 'भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों ने नाकाम किया प्लान'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के ब्रह्मोस मिसाइलों के हमले की बात कबूल की है। जिसकी वजह से पाकिस्तान की हमले की योजना विफल हो गई।;
भारत ने 9 और 10 मई की मध्यरात्रि को ब्रह्मोस मिसाइलें दागकर पाकिस्तान के नियोजित हमले को विफल कर दिया, खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक सार्वजनिक भाषण में यह बात कबूल की है।
शहबाज शरीफ 26 मई 2025 को ईरान की राजधानी तेहरान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे, लेकिन यह बयान उन्होंने अज़रबैजान में एक कार्यक्रम के दौरान दिया।
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने सुबह की नमाज (फज्र) से पहले भारत पर हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन उससे पहले ही भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान के कई प्रांतों पर हमला कर दिया।
शरीफ ने अपने भाषण में कहा, "9-10 मई की रात को हमने भारत की आक्रामकता का संतुलित जवाब देने का फैसला किया। हमारी सेनाएं सुबह 4:30 बजे फज्र की नमाज के बाद कार्रवाई के लिए तैयार थीं, ताकि सबक सिखाया जा सके। लेकिन उससे पहले ही भारत ने एक बार फिर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर दिया, जो पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों को निशाना बना रहा था, जिनमें रावलपिंडी का एयरपोर्ट भी शामिल है।"
भारत का ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था।
भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था। इस अभियान में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
ऑपरेशन के दौरान भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकियों के बेस को तबाह कर दिया, जहां से भारत पर हमलों की योजना बनाई जाती थी। इस अभियान के बाद चार दिन तक दोनों देशों के बीच झड़पें जारी रहीं, जिसमें ड्रोन, मिसाइल और लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग हुआ। इससे पूर्ण युद्ध की आशंका भी बढ़ गई थी।
10 मई को भारत की सेना ने पाकिस्तान के आठ एयरबेस, जिनमें मुरीद और नूर खान एयरबेस शामिल हैं, पर हमला किया। ये हमले पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य ठिकानों पर उसी दिन किए गए हमलों के जवाब में किए गए थे।
भारतीय वायुसेना द्वारा जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया उनमें रनवे, हैंगर, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स, रडार बेस, मिसाइल साइट्स और हथियार भंडारण क्षेत्र शामिल थे। 10 मई को ही दोनों देशों के बीच संघर्ष रोकने को लेकर आपसी समझौता हुआ।