हसीना के बेटे ने कहा वो वापस लौटेंगी बांग्लादेश, अशांति के लिए आईएसआई ज़िम्मेदार !
जॉय ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य विदेशी हस्तक्षेप का संकेत देते हैं और इसमें पाकिस्तान की आईएसआई की संलिप्तता का आरोप लगाया.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-08-08 11:43 GMT
Sheikh Hasina Coup: बांग्लादेश की पूर्व राष्ट्रपति शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई को अशांति फैलाने और तख्तापलट के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है. साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया है कि बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल होने के बाद शिएख हसीना वापस अपने देश वापस लौट आएंगी.
जॉय ने टेलीफोन पर पीटीआई को बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, जिससे 1971 में बांग्लादेश का उदय हुआ, देश में जारी अशांति के लिए जिम्मेदार है.
साजिब ने स्वीकार किया कि उन्होंने शुरू में कहा था कि उनकी मां बांग्लादेश वापस नहीं आएंगी, लेकिन अब उन्होंने जोर देकर कहा कि 76 वर्षीय हसीना निश्चित रूप से वापस आएंगी, चाहे वो "सेवानिवृत्त या सक्रिय" राजनीतिज्ञ के रूप में हों.
अवामी लीग ख़त्म नहीं होगी
उन्होंने जोर देकर कहा कि दिवंगत शेख मुजीबुर रहमान के परिवार के सदस्य न तो अपने लोगों को छोड़ेंगे और न ही संकटग्रस्त अवामी लीग को मुश्किल में छोड़ेंगे.
उन्होंने कहा, "हां, ये सच है कि मैंने कहा था कि वो बांग्लादेश नहीं लौटेंगी. लेकिन देश भर में हमारे नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगातार हमलों के बाद पिछले दो दिनों में बहुत कुछ बदल गया है."
"अब हम अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जो भी करना होगा, करेंगे; हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे."
बांग्लादेश का अफ़गानिस्तान बनना
जॉय ने कहा: "अवामी लीग बांग्लादेश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है. इसलिए, हम अपने लोगों से दूर नहीं जा सकते. लोकतंत्र बहाल होने के बाद वो निश्चित रूप से बांग्लादेश लौट आएंगी."
बांग्लादेश में मृतकों की संख्या अब 470 के करीब पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश "अराजकता की स्थिति में तब्दील हो रहा है तथा क्षेत्र में दूसरा अफगानिस्तान बन रहा है."
हसीना ने ढाका क्यों छोड़ा?
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि हसीना अपनी जान बचाने के लिए बांग्लादेश से भागी हैं. साजिब वाजेद ने कहा कि "वो देश छोड़ने को तैयार नहीं थीं. (उनकी) सुरक्षा व्यवस्था अंत तक उनकी रक्षा के लिए तैयार थी. लेकिन इससे प्रधानमंत्री आवास की ओर मार्च कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की मौत हो सकती थी."
उन्होंने कहा, "हमने बांग्लादेश की खातिर उन्हें मना लिया, हम उन्हें मरने नहीं दे सकते."
अवामी लीग के बिना लोकतंत्र नहीं
हसीना के पूर्व सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सलाहकार जॉय ने स्पष्ट किया कि यदि अवामी लीग को राजनीतिक प्रक्रिया से बाहर रखा गया तो बांग्लादेश में लोकतंत्र स्थापित नहीं हो सकता.
हसीना सोमवार को भारत पहुंचीं और बाद में उन्हें नई दिल्ली में शरण दी गई. वे अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद देश छोड़कर भाग गई थीं. ढाका छोड़ने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार ढाका में पदभार ग्रहण करने वाली है.
नए चुनाव की मांग
जॉय ने यूनुस के हवाले से कहा कि वो एकता वाली सरकार चाहते हैं और अतीत की गलतियों को भविष्य पर हावी नहीं होने देना चाहते. "मुझे उम्मीद है कि वो अपनी बात पर कायम रहेंगे."
जॉय ने पाकिस्तान से मुक्ति के लिए युद्ध का नेतृत्व करने वाली अवामी लीग को "भारत का सदाबहार सहयोगी" बताया और नई दिल्ली से वैश्विक दबाव बनाकर बांग्लादेश में अपने नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जब भी लोकतंत्र बहाल होगा और नए चुनाव होंगे, अंतरिम सरकार समान अवसर उपलब्ध कराएगी.
जॉय ने मोदी को धन्यवाद दिया
हसीना के बेटे ने अपनी मां की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया.
"मैं मोदी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. यदि भारत अपने पूर्वी क्षेत्र में स्थिरता चाहता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाना होगा और लोकतंत्र की शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के लिए आगे आना होगा."
उन्होंने कहा कि हसीना पिछले दो दिनों से सभी पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं.
जॉय ने पाकिस्तान को दोषी ठहराया
उन्होंने कहा, "हमने सोचा कि अब जब वो (हसीना) चली गई हैं, तो वे (दंगाई) हमारी पार्टी के लोगों को अकेला छोड़ देंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बजाय, उन्होंने हमला करना शुरू कर दिया."
जॉय ने बांग्लादेश में अशांति को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया.
उन्होंने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य विदेशी हस्तक्षेप का संकेत देते हैं तथा इसमें पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी की संलिप्तता का आरोप लगाया.
क्या सीआईए भी इसमें शामिल है?
उन्होंने कहा, "मुझे इसमें पाकिस्तान की आईएसआई की संलिप्तता का संदेह है. हमले और विरोध प्रदर्शन बहुत ही समन्वित, सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध थे और सोशल मीडिया के माध्यम से स्थिति को भड़काने के लिए जानबूझकर प्रयास किए गए थे. सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चाहे जो भी किया हो, वे इसे और खराब करने की कोशिश करते रहे."
उन्होंने बताया कि दंगाइयों ने पुलिस पर उन बंदूकों से हमला किया जो केवल आतंकवादी संगठनों और विदेशी ताकतों द्वारा ही उपलब्ध कराई जा सकती हैं.
सीआईए जैसी अमेरिकी खुफिया एजेंसी की संलिप्तता की खबरों पर जॉय ने कहा कि उनके पास कोई सबूत नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा, "हो सकता है, वे हों." उन्होंने गड़बड़ी में किसी भी चीनी संलिप्तता से इनकार किया.
हसीना शरण नहीं मांगेंगी
हसीना के ब्रिटेन या किसी अन्य देश में शरण मांगने की खबरों को "अफवाह" बताते हुए जॉय ने कहा कि उनका अमेरिकी वीजा रद्द किए जाने की खबरें भी असत्य हैं.
उन्होंने कहा, "जल्द या बाद में बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली होनी ही है. इस समय, वो बांग्लादेश वापस जाना चाहती हैं. ये कब का सवाल है, न कि 'अगर' का,"
जॉय ने भारत से ये भी आग्रह किया कि भारत विरोधी ताकतों के और अधिक पैर पसारने से पहले उसे तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)