जानिये कैसे राफेल की निगरानी में शेख हसीना को लाया गया हिंडन एयरबेस

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने हसीना के विमान पर कड़ी नजर रखी और ढाका से भारत के हिंडन एयर बेस के लिए रवाना होने के दौरान लगातार उससे संपर्क बनाए रखा.

Update: 2024-08-06 04:30 GMT

Bangladesh unrest: बांग्लादेश में विद्रोह के बाद देश छोड़ने को मजबूर हुई शेख हसीना को भारत ने कुछ यूँ सुरक्षा दी कि कोई परिंदा भी पर न मार सकें. उनकी सुरक्षा के लिए जमीन से लेकर आसमान तक प्रबंध किये गए. दो राफेल विमानों की निगरानी में उनके विमान को दिल्ली से सटे गज़ाबाद के हिंदों एयरबेस लाया गया. जानते हैं किस तरह से मदद मांगने पर भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ( 5 अगस्त दोपहर को इस्तीफा दिया ) शेख हसीना को बांग्लादेश की सीमा से हिंडन एयरबेस तक सुरक्षा उपलब्ध कराई. सिर्फ राफेल ही नहीं बल्कि भारतीय वायु सेना और थल सेना के मुखिया वी.आर. चौधरी और उपेन्द्र द्विवेदी ने भी बारीकी से नजर रखी.


भारत से मांगी मदद
बांग्लादेश में लगभग एक महीने से विद्रोह जारी है. रविवार 4 अगस्त को बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों के साथ हुए संघर्ष में 100 से ज्यादा लोग मारे गए, जिसके बाद वहां का माहौल सरकार के हाथ से पूरी तरह बेकाबू हो गया. सोमवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ अपने सरकारी आवास 'गणभवन' से सैन्य हेलिकॉप्टर में सवार होकर एयरबेस के लिए रवाना हुईं. उन्होंने बताया कि एयरबेस से वो बांग्लादेश वायुसेना के सी-130 सैन्य परिवहन विमान में सवार होकर हिंडन पहुंचीं.
सूत्रों ने बताया कि भारत ने ढाका के अनुरोध के बाद हसीना के विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र से सुरक्षित रास्ता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया.

भारतीय वायुसेना ने रखी कड़ी निगरानी
एएनआई के अनुसार, जब हसीना वायुसेना के विमान में सवार होकर भारत की ओर रवाना हुईं, तो भारतीय वायुसेना के रडारों ने ढाका हवाई क्षेत्र पर कड़ी नजर रखी.
जबकि पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयर बेस पर 101 स्क्वाड्रन के दो राफेल लड़ाकू विमानों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बिहार और झारखंड में तैनात किया गया था, जमीनी एजेंसियां हसीना के विमान के मार्ग पर लगातार नजर रख रही थीं, तथा दोपहर 3 बजे भारतीय वायु क्षेत्र में पहुंचने तक लगातार उससे संवाद करती रहीं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल वी.आर. चौधरी और सेना जनरल उपेन्द्र द्विवेदी द्वारा पूरी स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही थी.
खुफिया एजेंसियों के प्रमुख जनरल द्विवेदी और एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख जॉनसन फिलिप मैथ्यू सहित शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की एक बैठक भी हुई.

डोभाल के साथ बैठक
सोमवार ( 5 अगस्त ) शाम करीब 5.45 बजे हसीना के हिंडन एयरबेस पर उतरने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उनका स्वागत किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि डोभाल ने हसीना के साथ बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की.
बाद में डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में घटनाक्रम की जानकारी दी.
इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोदी को बांग्लादेश के हालात के बारे में जानकारी दी. विदेश मंत्री ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी पड़ोसी देश के घटनाक्रम से अवगत कराया.
पता चला है कि हसीना को बैठक के बाद सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है और ये संभावना नहीं है कि वो सोमवार रात को भारत से बाहर गयीं हैं. सूत्रों ने बताया कि उन्हें सोमवार को लंदन के लिए रवाना होना था, लेकिन कुछ मुद्दे सामने आए हैं, जिससे योजना में अनिश्चितता पैदा हो गई है.

इस मुद्दे पर भारत का रुख क्या है?
हालांकि भारत ने हसीना के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए उन्हें सुरक्षित मार्ग प्रदान किया, लेकिन मोदी सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है.
भारतीय सरकारी सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली ढाका में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है. उम्मीद है कि जयशंकर मंगलवार को पड़ोसी देश की स्थिति पर संसद में बयान देंगे.
यद्यपि सरकार ने बांग्लादेश के साथ अपनी सीमा पर ‘हाई अलर्ट’ जारी कर दिया है, तथापि भारतीय नागरिकों को पड़ोसी देश की यात्रा न करने की सलाह दी गई है.
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश में अस्थिरता का असर भारत पर भी पड़ सकता है, क्योंकि बांग्लादेश की सीमा भारत के कुछ राज्यों से मिलती है. हालांकि हसीना सरकार के कार्यकाल में भारत के पूर्वोत्तर में उग्रवादी गतिविधियों पर लगाम लगी हुई थी क्योंकि उन्होंने बांग्लादेश में उग्रवाद को पनपने नहीं दिया था, लेकिन उनके सत्ता से बाहर होने से भारत के लिए सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ सकती हैं.


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