सीरिया में फिर क्यों भड़की आग, जानें कैसे मध्य पूर्व पर होगा असर

सीरिया एक बार फिर संकट के दौर से गुजर रहा है। अलेप्पो शहर पर विद्रोहियों ने अपनी स्थिति मजबूत की है और उसका असर मध्य पूर्व पर नजर आ सकता है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-11-30 08:17 GMT

मध्य पूर्व एशिया की अपनी अलग कहानी है। अस्तित्व को बनाए रखने की कहानी, अस्तित्व को बचाए रखने की कहानी और इसका नतीजा खून खराबा। इजरायल का हमास के साथ संघर्ष, लेबनान के हिज्बुल्लाह के साथ तनातनी हालांकि इस समय सीजफायर है, सीरिया के साथ संघर्ष की अपनी कहानी। यहां पर हम खासतौर से सीरिया के इतिहास और वर्तमान के बारे में बताएंगे। सीरिया में गृह युद्ध की आग करीब करीब बुझ चुकी थी। लेकिन हिंसा में एक नई लहर ने एक ऐसे संघर्ष पर फिर से ध्यान आकर्षित किया है। अलेप्पो पर विद्रोहियों के हमले की वजह से मध्य पूर्व में अस्थिरता पैदा हो सकती है।

अलेप्पो क्यों है खास

सीरिया की राजधानी दमिश्क सेकरीह 350 किमी उत्तर में अलेप्पो है। यह सिविल वार का बड़ा केंद्र रहा है। यह सीरिया के सबसे बड़े शहरों में से एक था जहां करीब 23 लाख लोग रहा करते थे। 2012 में, विद्रोही बलों ने अलेप्पो के पूर्वी हिस्से पर कब्जा किया और राष्ट्रपति असद की सत्ता को चुनौती देने लगे। साल 2016 में संतुलन बदल गया जब सीरियाई फौज ने शहर को अपने कब्जे में ले लिया। अलेप्पो को वापस लेने केै बाद असद ने रूसी और ईरानी समर्थन से मजबूत हुए खास इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत की। लेकिन एक बार विद्रोहियों ने अपने हमले में अलेप्पो के आस-पास के इलाकों को निशाना बनाया और इसके बाहरी इलाकों की ओर बढ़ गए। अगर विद्रोही अंदर घुसने में कामयाब होते हैं तो इससे असद का नियंत्रण और प्रभाव दोनों कम हो सकता है। 

आक्रमण के पीछे के कौन

आक्रमण की अगुवाई  हयात तहरीर अल-शाम (HTS) कर रहा है। इसका नाता आतंकवादी समूह अल-कायदा से भी है हालांकि HTS ने खुद को मजबूत कर लिया है। यह विपक्ष के कब्जे वाले क्षेत्रों में शासन और सैन्य रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने का दावा करता है। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने एचटीएस को आतंकवादी संगठन घोषित करना जारी रखा है, इसके नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने समूह को उसके चरमपंथी जड़ों से दूर करने की कोशिश की है।

HTS के परिवर्तन में इसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में नागरिक शासन को बढ़ावा देने के प्रयास शामिल हैं साथ ही धार्मिक अल्पसंख्यकों तक  पहुंच भी शामिल है। इन बदलावों के बाद भी इसकी प्रतिष्ठा है।  HTS में कई तुर्की समर्थित गुट शामिल हैं जो सीरियाई राष्ट्रीय सेना की छत्रछाया में काम करते हैं। इन समूहों के बीच लंबे समय से एक जटिल रिश्ता रहा है अक्सर असद के प्रति अपने साझा विरोध के बावजूद आपस में लड़ते रहते हैं।

विद्रोहियों के आक्रमण का मकसद

अभियान की घोषणा करते हुए एक वीडियो बयान में, विद्रोही सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल हसन अब्दुलगनी ने ऑपरेशन को एक रक्षात्मक आवश्यकता के रूप में वर्णित किया।न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, उन्होंने कहा, हमारे लोगों से उनकी गोलीबारी को पीछे धकेलने के लिए यह ऑपरेशन कोई विकल्प नहीं है। हमारे लोगों और उनकी भूमि की रक्षा करना एक दायित्व है। यह सभी के लिए स्पष्ट हो गया है कि ईरानी भाड़े के सैनिकों सहित शासन के मिलिशिया और उनके सहयोगियों ने सीरियाई लोगों पर खुले युद्ध की घोषणा की है। विद्रोहियों के तात्कालिक मकसद नागरिक क्षेत्रों पर हवाई हमलों को रोकना फौज के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति मार्गों को काटना शामिल है। अब तक उनकी प्रगति तेजी से हुई है। उन्होंने अलेप्पो कई गांवों रणनीतिक राजमार्ग इंटरचेंज और सैन्य ठिकानों पर कब्जा कर लिया है।

असद सरकार का रुख 

सीरियाई सरकारी मीडिया के मुताबिक फौज विद्रोहियों के मंसूबों को नाकाम करने में जुटी हुई है और उन्हें नुकसान भी पहुंचाया है। असद के एक प्रमुख सहयोगी ईरान को भी हमले में नुकसान उठाना पड़ा है। हताहतों में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का एक वरिष्ठ कमांडर भी शामिल है। शिया शाखा असद परिवार ने सत्ता में बने रहने के लिए लंबे समय से ईरान के साथ अपने गठबंधन पर भरोसा किया है। यह गठबंधन 2011 से विशेष रूप से लाभकारी रहा है, जब राष्ट्रपति असद को पहली बार सरकार विरोधी विद्रोह का सामना करना पड़ा था। 2011 में सीरिया में अराजकता फैलने के बाद, ईरान पर असद की सेना को लगभग 80,000 लड़ाकू कर्मी प्रदान करने का आरोप लगाया गया है। 

इस आक्रमण का समय ऐसे समय में आया है जब ईरान और हमास तथा हिजबुल्लाह सहित उसके समर्थक अन्यत्र संघर्ष में लगे हुए हैं। लेबनान में हिजबुल्लाह तथा गाजा में हमास के विरुद्ध इजरायल के सैन्य अभियान ने उनके संसाधनों पर दबाव डाला है। इसके अतिरिक्त, यूक्रेन में अपने युद्ध पर रूस का ध्यान केंद्रित होने के कारण सीरिया में पर्याप्त सुदृढ़ीकरण प्रदान करने की उसकी क्षमता सीमित हो गई है।

सीरिया में एक प्रमुख खिलाड़ी तुर्की आक्रमण में शामिल कुछ विद्रोही गुटों का समर्थन करता है। इजरायल सीरिया में ईरान से जुड़े लक्ष्यों पर हवाई हमले जारी रखता है, ताकि हिजबुल्लाह को हथियारों की खेप को बाधित किया जा सके।  नए सिरे से शुरू हुई लड़ाई ने सीरियाई नागरिकों के लिए विनाशकारी परिणाम उत्पन्न किए हैं, विशेष रूप से विपक्ष के कब्जे वाले क्षेत्रों में। अंतर्राष्ट्रीय बचाव समिति का अनुमान है कि हाल ही में लगभग सात हजार से अधिक परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी है। ।

असद शासन के लिए मतलब

असद शासन सीरियाई क्षेत्र के लगभग 70 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण है और यह रूस और ईरान जैसे बाहरी सहयोगियों के समर्थन पर निर्भर करता है।  इस हमले से सीरिया के भीतर व्यापक संघर्षों के फिर से भड़कने का जोखिम है। इस्लामिक स्टेट हालांकि काफी हद तक पराजित हो चुका है फिर भी स्लीपर सेल के माध्यम से इस क्षेत्र में काम करता है। सरकारी नियंत्रण के कमजोर होने से इन चरमपंथी समूहों के लिए फिर से संगठित होने और अपनी गतिविधियों का विस्तार करने का मौका मिल सकता है। 

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