एलोन मस्क का स्टारलिंक खतरे में, रूस विकसित कर रहा नया अंतरिक्ष हथियार; रिपोर्ट में खुलासा
विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरिक्ष में होने वाले इस तरह के जोखिम और नुकसान को देखते हुए रूस शायद इस हथियार को तैनात करने या इस्तेमाल करने से पीछे हट सकता है। लेकिन अगर ऐसा हुआ तो यह अंतरिक्ष सुरक्षा और वैश्विक संतुलन के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
टेस्ला के सीईओ और अरबपति कारोबारी एलोन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा 'स्टारलिंक' के लिए एक नया खतरा सामने आया है। यह खतरा रूस की ओर से बताया जा रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस स्टारलिंक के सैटेलाइट को निशाना बनाने के लिए एक नया अंतरिक्ष हथियार विकसित कर रहा है।
नाटो देशों की खुफिया एजेंसियों को शक
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से जुड़े दो देशों की खुफिया एजेंसियों को इस बात पर शक है कि रूस एक ऐसा हथियार बना रहा है, जिससे स्टारलिंक के कई सैटेलाइट एक साथ निष्क्रिय किए जा सकते हैं। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि रूस का मकसद अंतरिक्ष में पश्चिमी देशों के बढ़ते वर्चस्व को कमजोर करना है, खासकर उस तकनीक को जो यूक्रेन की मदद कर रही है।
क्या है ‘ज़ोन-इफेक्ट’ हथियार?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया दस्तावेजों में जिस ‘ज़ोन-इफेक्ट’ हथियार का जिक्र है, उसका उद्देश्य स्टारलिंक की कक्षा में बड़ी संख्या में बहुत छोटे लेकिन घने छर्रे छोड़ना है। इन छर्रों की वजह से एक साथ कई सैटेलाइट खराब या बेकार हो सकते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे सिर्फ स्टारलिंक ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में मौजूद दूसरे देशों के सैटेलाइट को भी नुकसान पहुंचने का खतरा है।
रूस क्यों मानता है स्टारलिंक को खतरा?
रिपोर्ट के अनुसार, रूस स्टारलिंक को अपने लिए एक बड़ा खतरा मानता है। इसकी वजह यह है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से स्टारलिंक यूक्रेन का एक अहम संचार माध्यम बन गया है। यूक्रेनी सेना इसका इस्तेमाल युद्ध के दौरान आपसी संपर्क और रणनीति बनाने में करती है। जब रूस के हमलों से जमीन पर मौजूद संचार नेटवर्क बंद हो जाते हैं, तब सरकारी अधिकारी भी स्टारलिंक पर निर्भर रहते हैं। रूस पहले भी यह कह चुका है कि यूक्रेन की मदद करने वाले कमर्शियल सैटेलाइट को वह वैध लक्ष्य मान सकता है।
वैज्ञानिकों और सैन्य विशेषज्ञों में बहस
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस खतरे को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। खासकर तब, जब अमेरिका पहले ही आरोप लगा चुका है कि रूस अंतरिक्ष में इस्तेमाल होने वाले खतरनाक हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है। इस मुद्दे पर वैज्ञानिकों और रक्षा विशेषज्ञों के बीच चर्चा तेज हो गई है।
क्या रूस उठाएगा जोखिम?
हालांकि कई विश्लेषकों का मानना है कि रूस ऐसा कदम उठाने से पहले कई बार सोचेगा। इसकी वजह यह है कि अगर अंतरिक्ष में इस तरह का हथियार इस्तेमाल किया गया तो उसका असर रूस और उसके सहयोगी देश चीन के सैटेलाइट पर भी पड़ सकता है। रूस और चीन दोनों ही संचार, रक्षा और निगरानी के लिए हजारों सैटेलाइट पर निर्भर हैं। ऐसे में किसी भी बड़े कदम से उनकी अपनी अंतरिक्ष प्रणालियों को भी नुकसान पहुंच सकता है।