ब्रिटेन की वीज़ा नीति बनी प्रवासियों के लिए सजा, वैज्ञानिक का दर्द छलका

ब्रिटेन की नई वीज़ा नीति से प्रवासी वैज्ञानिक और स्वास्थ्यकर्मी परेशान हैं। डॉ. पार्कहर्स्ट ने इसे आर्थिक नुकसान और शोषण की नीति बताया है।;

Update: 2025-07-23 01:32 GMT
डॉ. जेम्स पार्कहर्स्ट का कहना है कि ब्रिटेन में प्रवासियों को मिलने वाले लाभों से ज़्यादा कर देना पड़ता है और वे कई सार्वजनिक लाभों का लाभ नहीं उठा पाते हैं। | फोटो सौजन्य: iStock

ब्रिटेन सरकार द्वारा कुशल प्रवासी श्रमिकों, शोधकर्ताओं, स्वास्थ्य पेशेवरों और उनके परिवारों के लिए वेतन सीमा और वीज़ा से जुड़ी लागतें बढ़ाने के फैसले से वैज्ञानिक समुदाय और प्रवासी नागरिकों में भारी असंतोष फैल गया है। रोज़ालिंड फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट के डॉ. जेम्स पार्कहर्स्ट ने The Federal को दिए विशेष इंटरव्यू में बताया कि कैसे ये नई इमिग्रेशन नीतियां आर्थिक विकास को कमजोर करती हैं, प्रवासियों को हाशिये पर धकेलती हैं, और ब्रिटेन की वैश्विक वैज्ञानिक प्रतिस्पर्धा को खतरे में डालती हैं।

ब्रिटेन सरकार की इन बदलावों के पीछे क्या है सोच ?

डॉ. पार्कहर्स्ट के अनुसार, यह फैसला किसी आर्थिक तर्क पर आधारित नहीं है। “आर्थिक विकास के सबसे अच्छे चालक प्रवासी होते हैं। रिसर्च बताते हैं कि एक खुली प्रवासी नीति वैश्विक अर्थव्यवस्था में खरबों डॉलर जोड़ सकती है। लेकिन इस तरह की कटौती उस संभावना को कुचल देती है।उनके मुताबिक, यह कदम राजनीतिक है, और धुर दक्षिणपंथी ताकतों को शांत करने की कोशिश है। “लेकिन इससे न तो वे संतुष्ट होंगे और न ही सामाजिक एकता कायम होगी। उल्टा, यह विभाजन को और हवा देता है।”


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एनएचएस में प्रवासियों की अहम भूमिका और बढ़ती बाधाएं

ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) लंबे समय से फंड की कमी से जूझ रही है। डॉ. पार्कहर्स्ट बताते हैं, प्रवासी डॉक्टर, नर्सें, और देखभाल कर्मचारी NHS को चलाए रखने की रीढ़ हैं। लेकिन सरकार की नीति इस सच्चाई से आंखें मूंद रही है।उन्होंने कहा कि यह सुधार या सेवा गुणवत्ता बढ़ाने का मामला नहीं है, बल्कि राजनीतिक दिखावे के लिए कठोरता” है। टेरेसा मे के समय की Hostile Environment नीति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस भाषा से ही सरकार की मंशा जाहिर हो जाती है।

वीज़ा शुल्क और स्वास्थ्य अधिभार को 'पोल टैक्स' क्यों कहा?

डॉ. पार्कहर्स्ट ने ब्रिटेन में प्रवासियों से वसूले जाने वाले वीज़ा शुल्क और NHS अधिभार को एक प्रकार का Poll Tax करार दिया। उनका कहना है कि यह एक तरह का फ्लैट टैक्स है।बस ब्रिटेन में रहने के लिए देना पड़ता है। “यूरोपीय देशों की तुलना में यहां दस गुना अधिक वसूला जाता है, जबकि प्रवासी वोट नहीं कर सकते, इसलिए उन पर कर थोपना आसान हो जाता है।”

प्रवासी नागरिकों से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दोगुनी कीमत ली जाती है। पहले सामान्य टैक्स और फिर NHS अधिभार, जबकि उन्हें कोई अतिरिक्त सेवा नहीं मिलती।

क्या यह शोषणकारी नौकरियों को जन्म देता है?

बिल्कुल, डॉ. पार्कहर्स्ट कहते हैं। “यदि आपका वीज़ा नियोक्ता से बंधा है, तो नौकरी छोड़ना देश छोड़ने के समान हो सकता है। इससे सत्ता का असंतुलन पैदा होता है और शोषण की आशंका बढ़ जाती है।”

विज्ञान जगत में प्रतिभाएं क्यों प्रभावित हो रही हैं?

विज्ञान में प्रतिस्पर्धा के लिए दुनिया के बेहतरीन दिमागों को आकर्षित करना जरूरी होता है। ये वीज़ा बाधाएं उस लक्ष्य को कठिन बना रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में पोस्टडॉक्टोरल शोधकर्ता कम वेतन पर काम करने को मजबूर हैं, और वीज़ा शुल्क उनकी आय का 10% तक निगल जाते हैं।

प्रवासियों की छवि कैसे बिगाड़ी जा रही है?

प्रवासियों को एक साथ नौकरियां छीनने वाले और सामाजिक बोझ दोनों बताया जा रहा है जो तर्कहीन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रवासी UK में कर तो भरते हैं, पर कई बार वे सामाजिक सेवाओं के हकदार तक नहीं होते। “अगर किसी नियोक्ता ने प्रवासी कर्मचारी को कम वेतन दिया है, तो दोष नियोक्ता का है, न कि प्रवासी का।

निजी अनुभव: एक लंबा और थकाऊ वीज़ा सफर

डॉ. पार्कहर्स्ट ने अपनी पत्नी के अनुभव साझा करते हुए कहा, “13 साल और दो मास्टर्स, एक पीएचडी के बावजूद भी उन्हें अब तक 'Indefinite Leave to Remain' नहीं मिला है।” उन्होंने अब तक £10,000 से अधिक फीस दी है जो घर खरीदने या बचत में काम आ सकती थी। छोटी सी गलती या कोई पारिवारिक आपातकाल और पूरी प्रक्रिया फिर से शुरू करनी पड़ती है। यह अस्थिरता मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती है।”

रिश्तों पर असर

“जब एक साथी ब्रिटिश हो और दूसरा नहीं, तो वित्तीय तनाव से रिश्ता भी प्रभावित होता है। मेरी पत्नी को कभी-कभी अपने ही घर में अनचाहा महसूस हुआ है,” उन्होंने भावुक होकर कहा।

क्या होना चाहिए एक न्यायसंगत नीति में?

डॉ. पार्कहर्स्ट का मानना है कि  हमें वैसा ही व्यवहार दूसरों के साथ करना चाहिए जैसा हम अपने लिए चाहते हैं। जैसे ब्रिटिश नागरिक स्पेन जाकर बसते हैं, वैसे ही प्रवासियों को भी सम्मान और सहूलियत मिलनी चाहिए।उन्होंने सुझाव दिया कि प्रवासियों को लोकल और नेशनल चुनावों में वोट का अधिकार मिलना चाहिए जैसा कि वेल्स और स्कॉटलैंड में होता है। साथ ही, वीज़ा शुल्क को यूरोपीय स्तर के बराबर लाना चाहिए। हजारों पाउंड नहीं, सिर्फ उतना जितना प्रशासनिक खर्च हो।

ब्रिटेन की वर्तमान इमिग्रेशन नीतियां आर्थिक विवेक, मानवीय दृष्टिकोण और वैज्ञानिक प्रतिस्पर्धा तीनों से टकरा रही हैं। यदि ब्रिटेन को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बने रहना है, तो उसे अपने प्रवासी नीति पर गंभीर पुनर्विचार करना होगा।

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