हसीना इस्तीफे के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में छाया ग्रहण! क्या बाइडेन के सलाहकार लगा पाएंगे नैया पार?

डोनाल्ड लू की नई दिल्ली की वर्तमान यात्रा बांग्लादेश में शेख हसीना की बर्खास्तगी और भारत में इस धारणा के मद्देनजर महत्वपूर्ण हो गई है कि इसके लिए अमेरिका जिम्मेदार है.

Update: 2024-09-13 17:17 GMT

US Assistant Secretary of State Visit India: दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू की नई दिल्ली की वर्तमान यात्रा बांग्लादेश में शेख हसीना की बर्खास्तगी और भारत में इस धारणा के मद्देनजर महत्वपूर्ण हो गई है कि इसके लिए अमेरिका जिम्मेदार है. इससे ऑब्जर्वर को यह संदेह होने लगा है कि बांग्लादेश में हाल के घटनाक्रमों का भविष्य में भारत-अमेरिका सहयोग पर क्या प्रभाव पड़ेगा. खासकर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के दौरान. पड़ोस में काम कर चुके एक पूर्व भारतीय राजदूत ने कहा कि दूसरों के साथ सहयोग करते समय भी भारत के हित सर्वोपरि होने चाहिए.

भारत और हसीना

भारतीय प्रतिष्ठान द्वारा हसीना की क्षति का अभी भी आकलन किया जा रहा है. क्योंकि वह भारत विरोधी भावनाओं से ग्रस्त क्षेत्र में सबसे करीबी और सबसे विश्वसनीय साझेदार थीं. उन्होंने भारत के साथ अनेक मुद्दों पर सहयोग किया, जिनमें कनेक्टिविटी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिनसे भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों के साथ-साथ बांग्लादेश के साथ बेहतर ढंग से एकीकृत किया जा सकता था.

लू की भारत यात्रा

लू, बांग्लादेश के मामले में जो बाइडेन प्रशासन के प्रमुख व्यक्ति हैं और 10-16 सितंबर की उनकी यात्रा के दौरान नई दिल्ली में वार्ता के बाद वे ढाका भी जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश में हाल ही में हुए घटनाक्रम पर भी चर्चा हुई. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई. भारत में अमेरिकी अधिकारी की उपस्थिति ने दोनों पक्षों को बांग्लादेश के संबंध में विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर दिया, जो कि एक छात्र विरोध-प्रदर्शन के बड़े पैमाने पर विद्रोह में बदल जाने के बाद हसीना के इस्तीफे के बाद हुआ, जिसमें कई लोग मारे गए थे.

हसीना के इस्तीफे के लिए अमेरिका दोषी?

5 अगस्त को हसीना की बर्खास्तगी के बाद से भारत में प्रचलित धारणा यह है कि हसीना विरोधी प्रदर्शनों के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया जा रहा है. हसीना ने भी कथित तौर पर आरोप लगाया था. लेकिन जल्द ही इसे वापस ले लिया. इससे भारतीय टिप्पणीकारों और विशेषज्ञों को हसीना के निष्कासन और भारत भागने के लिए बाइडेन प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने से नहीं रोका जा सका. नई दिल्ली में अमेरिकी आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति का स्पष्ट कारण 2+2 अंतर-सत्रीय वार्ता के दौरान हिंद-प्रशांत और उससे आगे के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना है.

बांग्लादेशी द्वीपों पर विवाद?

भारत-प्रशांत सुरक्षा मामलों के लिए अमेरिकी प्रधान उप सहायक रक्षा सचिव जेडीडिया पी रॉयल और भारतीय विदेश एवं रक्षा मंत्रालयों के उनके समकक्ष वार्ता में शामिल होंगे. हसीना ने अमेरिका पर उनके खिलाफ जाने का आरोप लगाया. क्योंकि उन्होंने अमेरिका को बांग्लादेश के समुद्री क्षेत्राधिकार में बंगाल की खाड़ी में दो रणनीतिक द्वीप देने से इनकार कर दिया था. ये द्वीप अमेरिका को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए बेहतर रणनीतिक पकड़ दे सकते थे.

हसीना के अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंध

हालांकि, हसीना ने अमेरिका के खिलाफ आरोप लगाने से इनकार किया. लेकिन भारतीय सोशल मीडिया पर इस बात की टिप्पणियों की बाढ़ आ गई कि अमेरिका उन्हें सत्ता से बेदखल करने के पीछे है. अमेरिका के साथ उनके तनावपूर्ण संबंध कूटनीतिक हलकों में व्यापक रूप से ज्ञात थे. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करिन जीन पियरे ने हसीना के इस्तीफे में अमेरिका की किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है.

अमेरिका ने बांग्लादेश में गड़बड़ी से किया इनकार

उन्होंने कहा कि हमारा इसमें कोई हाथ नहीं है. ऐसी कोई भी रिपोर्ट या अफवाह कि इन घटनाओं में अमेरिकी सरकार शामिल थी, पूरी तरह से झूठी है. यह सच नहीं है. लेकिन इससे हसीना को सत्ता से हटाने के लिए वाशिंगटन की साजिश के बारे में अधिकांश लोगों के विचार नहीं बदले. लू और उनका प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश में अंतरिम प्रशासन के प्रमुख सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए ढाका का दौरा करेगा.

हसीना के आलोचक यूनुस

हसीना की बर्खास्तगी के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को सेना समर्थित अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए लाया गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुप्रसिद्ध नाम यूनुस, हसीना के पलायन के बाद आई शुरुआती दिक्कतों के बावजूद बांग्लादेश के विदेशी निवेशकों को देश में स्थिरता का आश्वासन देना चाहते हैं. यूनुस का हसीना के साथ भी लंबा विवाद रहा था, जिन्होंने माइक्रो-क्रेडिट एजेंसी ग्रामीण बैंक का नेतृत्व करते समय श्रम कानूनों के कथित उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ आपराधिक आरोप लगाए थे.

यूनुस और अमेरिका

जिस दिन यूनुस ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने की शपथ ली, उसी दिन ये आरोप हटा दिए गए. क्योंकि ये आरोप “राजनीति से प्रेरित” पाए गए. यूनुस की पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और उनकी पत्नी हिलेरी क्लिंटन, जो पूर्व विदेश मंत्री हैं, के साथ निकटता जगजाहिर है. लू और उनकी टीम यूनुस और अन्य सलाहकारों के साथ बातचीत करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि अमेरिका बांग्लादेश की आर्थिक वृद्धि, वित्तीय स्थिरता और विकासात्मक जरूरतों को किस प्रकार सपोर्ट दे सकता है.

भारत-अमेरिका संबंधों पर छाया ग्रहण

भारतीय नीति नियोजकों द्वारा अमेरिका के साथ संबंधों को अक्सर इसकी विदेश नीति में सबसे महत्वपूर्ण संबंध बताया जाता है. क्योंकि दोनों पक्ष अनेक क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं. दोनों देश नवंबर में वाशिंगटन में अपने विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली 2+2 बैठक और इसी वर्ष अमेरिका में होने वाली चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता शिखर सम्मेलन की भी तैयारी कर रहे हैं, जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होंगे. भारत और अमेरिका के बीच चल रही बातचीत से पता चलता है कि वे अपने मतभेदों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र प्रक्षेपवक्र को निर्धारित करने की अनुमति नहीं देना चाहते हैं. जैसा कि विशेषज्ञ कहते हैं कि देशों के बीच संबंध कभी भी किसी एक मुद्दे पर आधारित नहीं होते हैं.

हालांकि, इससे इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि भविष्य में सहयोग करने की उनकी क्षमता पर वैसा ही भरोसा नहीं किया जा सकेगा, जैसा अतीत में किया गया है. भारत ने पहले भी अमेरिका को दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर बड़ी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया है. लेकिन बांग्लादेश के अनुभव के कारण भारत अधिक सतर्क हो सकता है. आखिरकार सभी देश अपने हितों को अन्य सभी से ऊपर प्राथमिकता देते हैं.

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