'दोनों जीवन के खिलाफ हैं': पोप ने ट्रम्प और हैरिस के बीच 'कम बुराई' चुनने को कहा

फ्रांसिस ने कहा, "दो बुराइयों में से कम बुराई को चुनना पड़ता है। कम बुराई कौन है? वह महिला या वह सज्जन? मुझे नहीं पता। हर किसी को सोचना होगा और अपने विवेक के अनुसार यह निर्णय लेना होगा।"

Update: 2024-09-14 06:29 GMT

Pope Francis on Trump and Harris : पोप फ्रांसिस ने शुक्रवार (13 सितंबर) को कहा कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए दोनों उम्मीदवारों को "जीवन के खिलाफ" मानते हैं, उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प की आप्रवासी विरोधी नीतियों और कमला हैरिस के गर्भपात के अधिकारों के समर्थन का हवाला दिया.

फ्रांसिस ने एशिया के 12 दिवसीय दौरे के बाद रोम लौटते हुए विमान में संवाददाताओं से कहा, "दोनों ही जीवन के खिलाफ हैं. एक जो प्रवासियों को त्याग देता है और दूसरा जो बच्चों को मार देता है. दोनों ही जीवन के खिलाफ हैं."

मतदान जरुर करना चाहिए
समाचार एजेंसी एएफपी ने उनके हवाले से कहा, "मैं अमेरिकी नहीं हूं और मैं वहां मतदान नहीं करूंगा. लेकिन यह स्पष्ट कर दूं: प्रवासियों को वापस भेजना और उन्हें काम करने का मौका न देना या उनका स्वागत न करना, दोनों ही पाप हैं, यह गंभीर है. " जब उनसे पूछा गया कि क्या कैथोलिक मतदाता के लिए गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करने वाले उम्मीदवार का समर्थन करना नैतिक रूप से स्वीकार्य होगा, तो पोप ने जवाब दिया, "मतदान अवश्य करना चाहिए", यहां तक कि उन मामलों में भी जहां उपलब्ध विकल्प नैतिक रूप से कठिन हों.

हत्या ही है गर्भपात 
उन्होंने गर्भपात पर कैथोलिक चर्च के दृढ़ रुख को दोहराया और इसे "हत्या" कहा, साथ ही स्पष्ट किया, "चाहे आपको यह शब्द पसंद हो या न हो, यह एक हत्या है. यह एक हत्या है और इस पर हमें स्पष्ट होना चाहिए." पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने अवैध अप्रवासियों को पकड़कर उन्हें निर्वासित करने का वादा किया है, क्योंकि वह नवंबर में होने वाले चुनाव के बाद व्हाइट हाउस में वापस लौटना चाहते हैं.
उन्होंने 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा रो बनाम वेड के फैसले को पलटने का मार्ग भी प्रशस्त किया, 1973 का वह फैसला जिसने गर्भपात को महिलाओं के लिए राष्ट्रीय अधिकार बना दिया था - एक ऐसा अधिकार जिसे बहाल करने का हैरिस ने संकल्प लिया है. फ्रांसिस ने कहा, "दो बुराइयों में से कम बुराई को चुनना पड़ता है. कम बुराई कौन है? वह महिला या वह सज्जन? मुझे नहीं पता. हर किसी को सोचना होगा और अपने विवेक के अनुसार यह निर्णय लेना होगा."


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