तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ? कोर्ट में राणा की अर्जी खारिज

अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पर हुए आतंकी हमले के सह-साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है।;

Update: 2025-04-07 17:27 GMT
तहव्वुर राणा 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले का सह-साजिशकर्ता है.

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दर्ज केस की स्थिति के अनुसार 26/11 मुंबई आतंकी हमले के सह-साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की याचिका सोमवार को खारिज की गई। इससे पहले, कोर्ट के क्लर्क ने इस मामले को 4 अप्रैल को “कॉन्फ्रेंस” के लिए सूचीबद्ध किया था।

कोर्ट के फैसले का मतलब

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में किसी केस का "कॉन्फ्रेंस के लिए वितरण" का अर्थ होता है कि कोर्ट का क्लर्क कार्यालय संबंधित याचिका, समर्थन/विरोध में दलीलें और अन्य दस्तावेज जजों के चैम्बर्स में भेजता है, ताकि वे यह तय कर सकें कि उस याचिका पर सुनवाई की जानी चाहिए या नहीं।

राणा की याचिका मुख्य न्यायाधीश जॉन जी रॉबर्ट्स जूनियर के समक्ष प्रस्तुत की गई थी, क्योंकि इससे पहले 6 मार्च को जस्टिस एलेना केगन ने उसे खारिज कर दिया था।

राणा ने अपनी याचिका में दावा किया था कि यदि उसे भारत भेजा गया, तो मुस्लिम और पाकिस्तानी मूल का होने और पाकिस्तान सेना का पूर्व अधिकारी होने के कारण उसके साथ “यातना” की आशंका है। उसने यह भी कहा कि उसे एक “भय के छत्ते” में भेजा जा रहा है। अपनी बात को मजबूत करने के लिए, राणा ने ब्रिटेन की एक अदालत के उस हालिया फैसले का भी हवाला दिया था, जिसमें हथियारों के दलाल संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को भारत में यातना की आशंका के आधार पर खारिज किया गया था।

इससे पहले 21 जनवरी को भी अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की याचिका खारिज कर दी थी। राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की स्वीकृति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले महीने की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान दी थी।

फिलहाल राणा लॉस एंजेलेस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है, और उसे एफबीआई (FBI) द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NIA के एक अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका जल्द ही NIA को सूचित करेगा कि उसकी टीम राणा को भारत लाने के लिए कब आ सकती है।

26/11 आतंकी हमला और राणा की भूमिका

26 से 29 नवंबर, 2008 के बीच, लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में हमला किया, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई, जिनमें 24 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। आतंकियों ने अरब सागर के रास्ते शहर में घुसकर करीब 60 घंटे तक मुंबई को बंधक बनाए रखा।

गिरफ्तार आतंकी अजमल कसाब की पूछताछ और तकनीकी जांच से पता चला कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस हमले में सीधे शामिल थी। जांच में ISI के तीन सैन्य अधिकारियों और लश्कर प्रमुख हाफिज सईद को इस साजिश का मुख्य योजनाकार बताया गया।

हमले से पहले, डेविड कोलमैन हेडली, जो अमेरिका का नागरिक और राणा का बचपन का दोस्त था, ने मुंबई में संभावित टारगेट्स की रेकी की थी। 2009 में FBI ने हेडली को गिरफ्तार किया, और प्ली बार्गेन के तहत वह 35 साल की सजा काट रहा है।

यह पहली बार होगा जब राणा से भारतीय एजेंसियां पूछताछ करेंगी। 2010 में जब NIA की टीम अमेरिका में हेडली से पूछताछ करने गई थी, तब राणा से सवाल नहीं किए गए थे।

राणा की भारत में संभावित जांच

मीडिया रिपोर्टस में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि भारत लाने के बाद राणा को सबसे पहले मुंबई ले जाया जाएगा, जहां उसकी इमिग्रेशन कंपनी First World International की एक शाखा थी। हेडली ने इसी कंपनी को ढाल बनाकर अपनी रेकी यात्राएं पूरी की थीं।

इसके बाद, राणा को आगरा, हापुड़, कोचीन और अहमदाबाद भी ले जाया जाएगा, जहां वह 13 से 21 नवंबर, 2008 के बीच अपनी पत्नी के साथ गया था—यानी हमले से ठीक पहले।

अब जब राणा का भारत प्रत्यर्पण तय हो चुका है, NIA को उम्मीद है कि वह पाकिस्तान में बैठे अन्य साजिशकर्ताओं, तथा ISI और पाकिस्तानी सेना के उन अफसरों की भूमिका का भी पर्दाफाश कर पाएगी, जिन्होंने इस आतंकी हमले की योजना और फंडिंग की थी।

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