'ग्रीन कार्ड का मतलब स्थायी निवास नहीं', US उपराष्ट्रपति के विवादास्पद बयान से छिड़ी बहस

Jd vance: अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD वेंस का बयान और महमूद खलील की गिरफ्तारी ने ग्रीन कार्ड धारकों के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल उठाए हैं.;

Update: 2025-03-14 11:09 GMT

US Vice President JD Vance controversial statement: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि ग्रीन कार्ड धारकों को अमेरिका में हमेशा के लिए रहने का अधिकार नहीं है. उनका यह बयान कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ग्रीन कार्ड धारक ग्रेजुएट छात्र महमूद खलील की गिरफ्तारी के संदर्भ में आया. खलील को इजराइल-हमास युद्ध के खिलाफ यूनिवर्सिटी में हुए विरोध-प्रदर्शनों में भाग लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

ग्रीन कार्ड और उसकी वास्तविकता

ग्रीन कार्ड को औपचारिक रूप से ‘स्थायी निवासी कार्ड’ कहा जाता है. यह दूसरे देश के लोगों को अमेरिका में रहने और काम करने का अधिकार प्रदान करता है. हालांकि, उपराष्ट्रपति वेंस ने स्पष्ट किया कि "स्थायी निवास" का मतलब हमेशा के लिए सुरक्षा नहीं होता. उन्होंने कहा कि ग्रीन कार्ड धारक को अमेरिका में अनिश्चितकालिक रूप से रहने का अधिकार नहीं होता.

वेंस का यह भी कहना था कि यह सिर्फ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है. उनका मानना है कि अमेरिकी नागरिकों को यह तय करने का अधिकार होना चाहिए कि कौन उनका हिस्सा बने. उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रपति और राज्य सचिव यह निर्णय लेते हैं कि किसी व्यक्ति को अमेरिका में नहीं रहना चाहिए तो यह एक सीधा और स्पष्ट निर्णय है.

महमूद खलील की गिरफ्तारी

कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र महमूद खलील एक ग्रीन कार्ड धारक हैं. उसको इजराइल-हामास युद्ध के खिलाफ विश्वविद्यालय में विरोध-प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. ट्रंप प्रशासन ने खलील पर "हमास से जुड़ी गतिविधियों" में भाग लेने का आरोप लगाया है, जिनका संबंध 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास हमले से है. इस हमले के बाद ही इजराइल-हमास युद्ध की शुरुआत हुई थी. खलील की गिरफ्तारी ने ट्रंप प्रशासन की आलोचना करने वालों के बीच गुस्सा पैदा किया है. खासकर, स्वतंत्र अभिव्यक्ति के पक्षधर व्यक्तियों का कहना है कि यह कदम संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है. खलील के वकीलों का कहना है कि उन्हें केवल अपनी राय और विचार व्यक्त करने के कारण निशाना बनाया जा रहा है.

अमेरिकी इमिग्रेशन और राष्ट्रीयता अधिनियम

अमेरिकी इमिग्रेशन और राष्ट्रीयता अधिनियम (INA) के तहत, अगर राज्य सचिव यह मानते हैं कि कोई आप्रवासी अमेरिकी विदेश नीति के लिए हानिकारक हो सकता है तो उसे देश से निष्कासित किया जा सकता है. हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रावधान बहुत कम मामलों में लागू किया जाता है. खलील के वकील इसे असंवैधानिक मानते हैं और उनका कहना है कि यह प्रावधान विरोध और असहमति की आवाज को दबाने के लिए नहीं होना चाहिए. इस मामले में ट्रंप प्रशासन ने खलील पर बिना किसी ठोस प्रमाण के हमास का समर्थन करने का आरोप लगाया है और इस पर कानूनी विशेषज्ञों और स्वतंत्रता के पक्षधर कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं.

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