निमिषा के जीवन पर संकट बरकरार, पीड़ित परिवार माफ़ी के लिए नहीं तैयार

मृतक तलल अब्दो मेहदी के भाई अब्देलफत्ताह मेहदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि खून का सौदा नहीं होगा। निमिषा प्रिया को उनके किए की सजा मिलनी ही चाहिए।;

Update: 2025-07-16 09:10 GMT

Nimisha Priya : यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फाँसी पर फिलहाल अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है, जिससे उनके जीवन को बचाने की उम्मीद की जगी है। लेकिन, जिस परिवार ने इस जघन्य अपराध में अपने सदस्य को खोया है, वो किसी भी तरह की माफी देने के लिए तैयार नहीं है। ताजा जानकारी के अनुसार मृतक तलल अब्दो मेहदी के भाई अब्देलफत्ताह मेहदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि निमिषा प्रिया को उनके किए की सजा मिलनी ही चाहिए, और इसके लिए फाँसी ही एकमात्र विकल्प है। परिवार के इस रुख से कहीं न कहीं निमिषा प्रिया के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

हमारी आँखों के सामने अपराधी को पीड़ित के रूप में दिखाया जा रहा है

 बताया गया है कि अब्देलफत्ताह मेहदी का दर्द और आक्रोश साफ झलक रहा है। उन्होंने भारतीय मीडिया पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह "चीजों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है ताकि दोषी को एक पीड़ित के रूप में दर्शाया जा सके।" यह बयान पीड़ित परिवार की गहरी पीड़ा और इस बात को दर्शाता है कि उन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। अब्देलफत्ताह मेहदी और उनके परिवार की नजर में, निमिषा प्रिया एक दोषी हैं, जिसने उनके भाई की हत्या की है, और उसे उस अपराध के लिए दंडित किया जाना चाहिए। परिवार का यह कठोर रुख निमिषा के जीवन को बचाने के लिए चल रही बातचीत में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है।

माफी के लिए परिवार की सहमति क्यों है जरूरी?

निमिषा प्रिया को यमन के शरिया कानून के तहत मौत की सजा सुनाई गई है। इस कानून में 'ब्लड मनी' (क्षतिपूर्ति राशि) के बदले पीड़ित परिवार की सहमति से माफी का प्रावधान है। निमिषा के मामले में भी यह विकल्प मौजूद है, और विभिन्न स्तरों पर इसी पर बातचीत चल रही है। भारत सरकार, सऊदी अरब स्थित एजेंसियां, और ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियर जैसी धार्मिक हस्तियां लगातार पीड़ित परिवार से संपर्क साध रही हैं ताकि उन्हें माफी के लिए राजी किया जा सके। केरल के सीपीआई-एम सचिव एम. वी. गोविंदन ने भी मुसलियर से मुलाकात के बाद बताया कि फाँसी टल गई है और परिवार से बातचीत जारी है।

हालांकि, अब्देलफत्ताह मेहदी के कठोर बयान से साफ है कि परिवार के कुछ सदस्य माफी के लिए तैयार नहीं हैं। यह आंतरिक संघर्ष ही इस समय सबसे बड़ी चुनौती है। धार्मिक नेता और अधिकारी इस मतभेद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि परिवार को त्रासदी की गंभीरता समझाई जा सके और वे 'ब्लड मनी' पर सहमत हो सकें। केरल के अरबपति एम ए यूसुफ अली ने भी वित्तीय सहायता की पेशकश की है, जो 'ब्लड मनी' के भुगतान में महत्वपूर्ण हो सकती है। 

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को द फ़ेडरल देश स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और यह एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित की गई है।)


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