ज़ोहरन ममदानी ने न्यूयॉर्क में आज़माया भारतीय राजनीति का 'फ्रीबी' फार्मूला
भारतीय मूल के ज़ोहरन ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी मेयर के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीत ली है। उन्होंने एक समाजवादी एजेंडे पर चुनाव लड़ा, जिसमें मुफ़्त बस सेवा, सरकारी किराना स्टोर और करदाताओं की मदद से आवास योजनाएं शामिल थीं।;
भारतीय मूल के नेता ज़ोहरन ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी मेयर की डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीत ली है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने समाजवादी नीतियों के आधार पर प्रचार किया, जिनमें मुफ़्त बस सेवा, सरकारी किराना स्टोर, और सरकार द्वारा वित्तपोषित आवास जैसी योजनाएँ शामिल थीं। इन 'फ्रीबीज़' यानी मुफ्त सुविधाओं को लेकर अमेरिका में भारत की तर्ज पर बहस छिड़ गई है।
भारत से अमेरिका तक फ्रीबी राजनीति
भारत में चुनावों में फ्रीबीज़ यानी मुफ्त सुविधाएं एक कारगर चुनावी रणनीति बन चुकी हैं, चाहे उससे सरकारी खजाने पर बोझ ही क्यों न पड़े। अब यही चलन न्यूयॉर्क की राजनीति में भी झलकने लगा है।
भारतीय मूल के न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली सदस्य ज़ोहरन ममदानी ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को हराकर डेमोक्रेटिक प्राइमरी में जीत दर्ज की। उन्होंने बिना माफ़ी मांगे एक कट्टर समाजवादी एजेंडे पर प्रचार किया, जिसमें सरकारी हस्तक्षेप द्वारा आवास, परिवहन, भोजन और श्रम मानकों को सुधारने की बात शामिल थी।
उनके समर्थकों का कहना है कि न्यूयॉर्क जैसे महंगे शहर में कम आय वाले परिवारों को मदद की ज़रूरत है। लेकिन उनके विरोधियों का कहना है कि ये वादे वित्तीय रूप से गैर-जिम्मेदाराना हैं और शहर की अर्थव्यवस्था को संकट में डाल सकते हैं।
मुफ्त बस सेवा और किराया स्थिरता
ममदानी की सबसे चर्चित योजना है, सभी के लिए मुफ़्त बस सेवा, और मेट्रो का किराया स्थायी रूप से फ्रीज़ करना। विचार यह है कि जन परिवहन कोई विलासिता नहीं, बल्कि मौलिक अधिकार होना चाहिए।
लेकिन इसका खर्च सरकार पर भारी पड़ेगा। अकेले बसों को मुफ्त करना शहर को करोड़ों डॉलर में पड़ेगा। आलोचक चेतावनी दे रहे हैं कि यदि आय का कोई वैकल्पिक स्रोत नहीं मिला, तो यह शहर की परिवहन व्यवस्था को बर्बादी की ओर ले जा सकता है।
सस्ते आवास की योजना
ममदानी की नीतियों का केंद्र है आवास को मौलिक अधिकार बनाना। उन्होंने अगले 10 वर्षों में 2 लाख रेंट-कंट्रोल्ड घर बनाने का वादा किया है। इसके लिए एक शहरी सामाजिक आवास एजेंसी बनाई जाएगी।
लेकिन आलोचकों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर निर्माण करने के लिए अरबों डॉलर और भूमि अधिग्रहण की ज़रूरत होगी। केवल यूनियन लेबर से निर्माण की शर्तें लागत बढ़ा सकती हैं।
अमीरों पर टैक्स
फ्रीबीज़ की फंडिंग के लिए ममदानी ने कॉरपोरेट टैक्स 7.25% से बढ़ाकर 11.5% करने और $1 मिलियन से ऊपर की आमदनी पर 2% सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा है। उनका कहना है कि इससे $20 बिलियन की अतिरिक्त कमाई होगी।
लेकिन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह कदम निवेश और रोजगार सृजन को प्रभावित कर सकता है। अमीरों पर टैक्स बढ़ाने से वे शहर छोड़ सकते हैं।
सरकारी किराना स्टोर
ममदानी ने हर बरो (क्षेत्र) में सरकारी किराना स्टोर खोलने की योजना पेश की है, ताकि गरीब इलाकों में पोषण युक्त भोजन सस्ता और सुलभ हो सके। लेकिन आलोचकों ने इसे सोवियत-स्टाइल सरकारी हस्तक्षेप करार दिया है। छोटे दुकानदारों के लिए यह घातक साबित हो सकता है, और सरकार को खुदरा व्यापार संभालने की क्षमता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
न्यूनतम वेतन $30
उन्होंने 2030 तक न्यूनतम वेतन को $30 प्रति घंटा करने की बात कही है। इससे मजदूर वर्ग को राहत मिलेगी, लेकिन छोटे व्यवसायों और रेस्तरां मालिकों को डर है कि इससे ऑटोमेशन बढ़ेगा, या वे अपना धंधा समेट लेंगे।
विचारधारा की टक्कर
न्यूयॉर्क सिटी के मौजूदा मेयर एरिक एडम्स ने ममदानी को "झूठे सपने बेचने वाला" बताया है। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें "कम्युनिस्ट पागल" करार दिया है।
ममदानी के विजन को डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर एक विचारधारात्मक भूचाल माना जा रहा है। कुछ डेमोक्रेट्स का मानना है कि इस प्रकार की वामपंथी सोच चुनावी जोखिम बन सकती है, खासकर बैटलग्राउंड स्टेट्स में।