सुजुकी की विरासत को मिलेगा नया आयाम

जापानी निर्माण तकनीकों को बढ़ावा देने और औद्योगिक कौशल में सुधार के लिए मारुति-सुजुकी की अनोखी पहल, हरियाणा और गुजरात में बनेंगे दो उत्कृष्टता केंद्र;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-04-23 12:10 GMT
नई दिल्ली में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में ओसामु सुजुकी के नाम पर केंद्रों की स्थापना की घोषणा की गई

भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले दिवंगत ओसामु सुजुकी की स्मृति में दो ‘Centre of Excellence’ स्थापित किए जाएंगे। जापान की सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन और भारत की मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने संयुक्त रूप से यह घोषणा की है कि हरियाणा और गुजरात  में ‘ओसामु सुजुकी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ (OSCOE) की शुरुआत की जाएगी।

दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित स्मृति समारोह में हुई घोषणा

यह घोषणा नई दिल्ली के द्वारका स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक श्रद्धांजलि समारोह के दौरान की गई, जहां देश-विदेश की कई प्रमुख हस्तियों ने ओसामु सुजुकी के योगदान को याद किया। 25 दिसंबर, 2024 को जापान में उनका निधन हो गया था। वे सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन रहे थे और उन्होंने भारत में वाहन निर्माण की दिशा को पूरी तरह से परिवर्तित कर दिया था।

क्या है OSCOE की भूमिका?

इस केंद्र का उद्देश्य न केवल ऑटोमोबाइल क्षेत्र में गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाना है, बल्कि संपूर्ण विनिर्माण क्षेत्र में जापानी तकनीकों को अपनाकर भारत के औद्योगिक ढांचे को मज़बूत करना है। केंद्रों के माध्यम से छोटे व मझोले स्तर के आपूर्तिकर्ताओं (टियर-1, टियर-2 और टियर-3 कंपनियों) को प्रशिक्षण, सेमिनार और शोध के जरिए उन्नत तकनीकों से अवगत कराया जाएगा।

औद्योगिक विकास में होगा सहयोग

केंद्रों का प्रारंभिक फोकस ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर रहेगा, लेकिन भविष्य में ये विभिन्न निर्माण क्षेत्रों में भी अपने कार्यक्रमों का विस्तार करेंगे। इन केंद्रों का एक अन्य उद्देश्य उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना है, ताकि प्रशिक्षण व नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा मिल सके। इस पहल से प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी योजनाओं को भी नई गति मिलने की उम्मीद है।

ओसामु सुजुकी: एक दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता

1930 में जन्मे ओसामु सुजुकी ने 1958 में सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन जॉइन की थी। अपने नेतृत्व में उन्होंने कंपनी को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाई। भारत में मारुति सुजुकी के माध्यम से उन्होंने मध्यम वर्ग के सपनों को साकार करते हुए लाखों भारतीयों के लिए कार को सुलभ बना दिया। उनके सिद्धांतों ने प्रतिस्पर्धात्मकता, टिकाऊ विकास और उत्पादन कुशलता जैसे मूल्यों को भारतीय उद्योग में स्थान दिलाया।

भविष्य के निर्माताओं को प्रेरित करेगा OSCOE

कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित ओसामु सुजुकी की विरासत को जीवित रखने की दिशा में यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन केंद्रों के ज़रिए आने वाली पीढ़ियों को गुणवत्तापूर्ण निर्माण की दिशा में प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा।

हरियाणा और गुजरात जैसे औद्योगिक रूप से अग्रणी राज्यों में इन केंद्रों की स्थापना से भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी। यह न केवल एक श्रद्धांजलि है, बल्कि आने वाले समय में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस पहल भी है।

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