अरवल सीट पर 68 साल का चुनावी सफर, 2025 में किसका होगा कब्जा?

अरवल विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास 1952 से 2020 तक बदलते राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाता है। कांग्रेस, भाकपा, राजद और बीजेपी की प्रतिस्पर्धा लगातार जारी रही है।

Update: 2025-10-05 06:57 GMT
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बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले ही सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सीट बंटवारे को लेकर दोनों बड़े गठबंधनों में खींचतान जारी है। इसी सियासी हलचल के बीच द फेडरल देश की खास सीरीज ‘सीट का मिजाज’ में अरवल विधानसभा सीट का विश्लेषण किया गया है। मौजूदा समय में इस सीट से भाकपा (माले) के महानंद सिंह विधायक हैं।

अरवल जिला बिहार के 38 जिलों में से एक है। यह जिला एक अनुमंडल और 5 ब्लॉक में बंटा है और जिले में दो विधानसभा सीट हैं: अरवल और कुर्था। अरवल विधानसभा सीट से पहला चुनाव 1952 में हुआ था।

अरवल विधानसभा सीट के चुनावी परिणाम

1952 – सोशलिस्ट पार्टी की जीत

सोशलिस्ट पार्टी के गुदानी सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार चंद्रभूषण प्रसाद सिंह को 5,932 वोट से हराया। गुदानी सिंह को कुल 10,324 वोट मिले, जबकि चंद्रभूषण प्रसाद को 4,392 वोट।

1957 – कांग्रेस की जीत

कांग्रेस के बुधन मेहता ने भाकपा के शाह मोहम्मद जोनैर को 2,078 वोट से हराया। बुधन मेहता को 7,764 वोट मिले, शाह मोहम्मद जोनैर को 5,686 वोट।

1962 – कांग्रेस की दोबारा जीत

बुधन मेहता ने भाकपा के जोहैर शाह को 226 वोटों से हराया। कुल वोट: बुधन मेहता 13,141, जोहैर शाह 12,915।

1967 – भाकपा की जीत

भाकपा के शाह जोहैर ने निर्दलीय जे सिंह को 17,764 वोटों से हराया। शाह जोहैर को 26,159 वोट मिले।

1969 – भाकपा का दूसरा कार्यकाल

शाह जोहैर ने जनसंघ के नुनू चंद्र भास्कर को 3,740 वोट से हराया। कुल वोट: शाह जोहैर 18,455, नुनू चंद्र भास्कर 14,715।

1972 – निर्दलीय उम्मीदवार की जीत

निर्दलीय रंग बहादुर सिंह ने भाकपा के एम डी जोहैर को 2,881 वोट से हराया।

1977 – जनता पार्टी की जीत

जनता पार्टी के बनेश्वर प्रसाद सिंह ने भाकपा के राम भवन सिंह को 12,072 वोट से हराया। कुल वोट: बनेश्वर 35,926, राम भवन 23,854।

1980 – निर्दलीय उम्मीदवार की जीत

कृष्णानंदन प्रसाद ने कांग्रेस (I) के देव कुमार शर्मा को 1,437 वोट से हराया। कुल वोट: कृष्णानंदन 20,744, देव कुमार 19,307।

1985 – कृष्णानंदन प्रसाद की दूसरी जीत

निर्दलीय कृष्णानंदन ने 34,747 वोट से जीत हासिल की। कुल वोट: कृष्णानंदन 65,621, राम प्रसाद ओझा 30,874।

1990 – कृष्णानंदन की हैट्रिक

कृष्णानंदन ने भारतीय जन मोर्चा के रामधर सिंह को 5,272 वोट से हराया। कुल वोट: कृष्णानंदन 38,902, रामधर 33,630।

1995 – जनता दल की जीत

जनता दल के रवींद्र सिंह ने भाकपा (माले) के रामधर सिंह को 29,534 वोट से हराया। कुल वोट: रवींद्र 50,370, रामधर 20,836।

2000 – राजद की जीत

राजद के अखिलेश प्रसाद सिंह ने भाकपा (माले) के शाह चंद को 2,261 वोट से हराया। कुल वोट: अखिलेश 29,298, शाह चंद 27,037।

2005 – लोजपा की जीत

फरवरी 2005: दुलारचंद सिंह ने राजद की वीणा देवी को 9,881 वोट से हराया।

अक्टूबर 2005: दुलारचंद ने भाजपा के रणजीत कुमार को 8,439 वोट से हराया। कुल वोट: दुलारचंद 33,810, रणजीत 25,371।

2010 – भाजपा की पहली जीत

भाजपा के चितरंजन कुमार ने भाकपा (माले) के महानंद प्रसाद को 4,202 वोट से हराया। कुल वोट: चितरंजन 23,984, महानंद 19,782।

2015 – राजद की वापसी

राजद के रवींद्र सिंह ने भाजपा के चितरंजन कुमार को 17,810 वोट से हराया। कुल वोट: रवींद्र 55,295, चितरंजन 37,485।

2020 – भाकपा (माले) की जीत

महानंद सिंह ने भाजपा के दीपक कुमार शर्मा को 19,950 वोट से हराया। कुल वोट: महानंद 68,286, दीपक 48,336।

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