लालू ने राजद के उम्मीदवारों को चुनाव टिकट दिए, तेजस्वी ने वापस मांगे
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब राजद-कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत गतिरोध पर पहुंच गई है। राजद 70 सीटों से कम पर कुछ नहीं चाहता जबकि कांग्रेस 70 सीटें देने से इनकार कर रही है।
Bihar Elections : पटना में सोमवार देर रात राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अंदर जोरदार ड्रामा देखने को मिला। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जिन नेताओं को विधानसभा चुनाव के टिकट दिए थे, कुछ घंटों बाद उनके बेटे और मुख्यमंत्री पद के चेहरा तेजस्वी यादव ने उन्हें टिकट लौटाने का निर्देश दे दिया।
सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी ने कहा कि गठबंधन (महागठबंधन) के सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर अब तक सहमति नहीं बनी है, ऐसे में टिकट बांटना अनुचित है। देर रात सभी उम्मीदवारों से “तकनीकी कारणों” का हवाला देकर टिकट वापस मंगाए गए।
पलभर में मुरझा गए चेहरे
इससे पहले पटना के 10, सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के आवास पर उम्मीदवारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। कई नेता मुस्कुराते हुए पीले लिफाफे में पार्टी सिंबल लेकर बाहर निकले थे। लेकिन कुछ घंटे बाद हालात बदल गए और पार्टी मुख्यालय में अफरा-तफरी मच गई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, तेजस्वी यादव दिल्ली से लौटने के बाद नाराज हो गए और टिकट वितरण पर रोक लगा दी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब औपचारिक सूची मंगलवार शाम तक जारी की जाएगी, क्योंकि तेजस्वी खुद बुधवार को राघोपुर सीट से नामांकन दाखिल करने वाले हैं।
राजद के कार्यकर्ताओं में तनाव
सूत्रों के मुताबिक, जिन नेताओं को टिकट मिले थे, उनमें पूर्व जेडीयू विधायक सुनील सिंह (परबत्ता) और नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो (मठिहानी) प्रमुख हैं। वहीं, आरजेडी के विधायक भाई वीरेन्द्र, चंद्रशेखर यादव और इसराइल मंसूरी भी लालू के आवास से पार्टी सिंबल लेकर निकले थे।
इस पूरे घटनाक्रम ने महागठबंधन के भीतर तनाव बढ़ा दिया है। कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध कायम है। कांग्रेस 70 सीटें मांग रही है जबकि आरजेडी 58–60 सीट देने के पक्ष में है।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे — पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को। पहले चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर है, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।