न वोट चोरी का मुद्दा चला, न बदलाव की लहर; तेजस्वी पर भारी पड़ी ‘जंगल राज’ की मोहर
रुझानों में एनडीए की मजबूत बढ़त, महागठबंधन के मुद्दे फुस्स; वोट चोरी से लेकर बदलाव की लहर तक, कोई भी दावा जनता को प्रभावित नहीं कर सका।
By : Abhishek Rawat
Update: 2025-11-14 07:48 GMT
Bihar Elections Result 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना शुरू हुए पांच घंटे बीत चुके हैं और शुरुआती रुझानों से यह तस्वीर लगभग साफ हो गई है कि न तो महागठबंधन की बदलाव की लहर चली और न ही “वोट चोरी” का आरोप जनता को प्रभावित कर सका। रुझानों में एनडीए का तीर महागठबंधन की लालटेन को भेदते हुए तेजी से आगे बढ़ता दिख रहा है। कई सीटों पर ऐसी बढ़त देखी जा रही है कि महागठबंधन के नेताओं में निराशा साफ झलकने लगी है। स्थिति यह है कि राजद को छोड़कर उसके किसी भी सहयोगी दल को अभी तक दहाई का आंकड़ा छूने का मौका नहीं मिला है।
महागठबंधन के मुद्दे क्यों नहीं चले?
यह परिणाम उस समय सामने आ रहे हैं जब चुनाव प्रचार के दौरान महागठबंधन ने बेरोज़गारी, महंगाई, शिक्षण व्यवस्था की खामियां, सरकारी भर्तियों में विसंगतियाँ और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर लगातार हमले किए थे। तेजस्वी यादव ने हर सभा में नौकरी देने का वादा दोहराया और इसे चुनाव का सबसे बड़ा एजेंडा बनाया। साथ ही SIR (Special Investigation Request) का मुद्दा और “वोट चोरी” का आरोप भी हर मंच से जोरशोर से उठाया गया।
लेकिन रुझान बताते हैं कि जनता ने इन मुद्दों को उस गंभीरता से नहीं लिया, जितनी महागठबंधन उम्मीद कर रहा था। न तो सरकार के प्रति कोई तीखी नाराज़गी दिखी और न आरोपों को जनता ने निर्णायक माना।
एनडीए की रणनीति क्यों सफल रही?
दूसरी ओर एनडीए ने पूरे चुनाव अभियान में ‘जंगल राज’ को केंद्र में रखा। भाजपा और जदयू ने लगातार यह संदेश दिया कि राजद की वापसी का मतलब होगा एक बार फिर अपराध और अराजकता से घिरा बिहार। एनडीए ने विकास योजनाओं, गरीब कल्याण कार्यक्रमों, महिला सुरक्षा, कल्याणकारी स्कीमों और डबल इंजन सरकार के मॉडल को एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश किया।
रुझानों से साफ है कि जनता ने इस नैरेटिव को गंभीरता से सुना और बदलने के बजाय स्थिरता को प्राथमिकता दी।
दोपहर बाद रुझान स्थिर, तस्वीर साफ
दोपहर 1 बजे के बाद से रुझानों में स्थिरता आने लगी और राजनीतिक समीकरण लगभग स्पष्ट होते दिखे। यह माना जा रहा है कि अब यह रुझान नतीजों में बदलने की पटरी पर आ चुके हैं। मतदाता दोनों गठबंधनों के वादों के साथ मतदान केंद्रों तक पहुंचे थे, लेकिन मौजूदा तस्वीर यही बताती है कि तेजस्वी यादव की युवा नेतृत्व वाली छवि पर ‘जंगल राज’ की पुरानी यादें भारी पड़ गईं।
महिलाओं का भी झुकाव नीतीश के पक्ष में
इस चुनाव में महिला मतदाता खास केंद्र में थीं। चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ जीविका दीदी के तहत महिलाओं को 10,000 रुपये का शुरुआती अनुदान देने और स्वरोजगार शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता का वादा किया गया था। जीविका समूह और सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों की मदद से इस योजना को बड़े पैमाने पर प्रचारित किया गया और इसे एनडीए की जीत का एक अहम स्तंभ माना गया।
महागठबंधन ने जवाब में वादा किया कि मकर संक्रांति से पहले महिलाओं को 30,000 रुपये दिए जाएंगे, लेकिन रुझानों को देखकर साफ है कि महिलाओं ने इस वादे पर भरोसा नहीं किया और वोटिंग पैटर्न में वे बड़े पैमाने पर नीतीश कुमार के पक्ष में झुकीं।
पार्टीवार रुझान
BJP - 89
JDU - 79
RJD - 30
CONG - 6
OTH - 39