डेहरी सीट का राजनीतिक इतिहास, जीत-हार की पूरी कहानी

Bihar Elections 2025: डेहरी विधानसभा सीट ने बिहार की राजनीति में कई करवटें देखीं। इलियास हुसैन की छः जीतें, और अब फतेह बहादुर सिंह की नई चुनौती, जनता की निगाहें लगी हैं।

Update: 2025-10-03 06:33 GMT
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Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनावी माहौल बन चुका है। सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन दलों में खींचतान जारी है। इसी सियासी हलचल के बीच ''सीट का मिजाज” में आज बात करेंगे रोहतास जिले की डेहरी विधानसभा सीट की। यह सीट राजनीति के लिहाज से बेहद दिलचस्प रही है क्योंकि यहां अब तक कई दलों और नेताओं ने अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है।

रोहतास और डेहरी सीट

रोहतास जिला तीन अनुमंडल और 19 ब्लॉक में बंटा है। जिले में कुल सात विधानसभा सीटें हैं। चेनारी (एससी), सासाराम, करगहर, दिनारा, नोखा, डेहरी और काराकाट। डेहरी विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था। इस सीट से सबसे ज्यादा छह बार विधायक रहे हैं राजद के मोहम्मद इलियास हुसैन। मौजूदा समय में यहां से राजद के फतेह बहादुर सिंह विधायक हैं।

शुरुआती दौर: सोशलिस्ट और कांग्रेस का दबदबा

1952 में सोशलिस्ट पार्टी के बसावन सिंह ने कांग्रेस के अब्दुल कयूम अंसारी को मामूली अंतर से हराकर जीत दर्ज की। 1957 में भी बसावन सिंह विजयी रहे, लेकिन इस बार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से।

1962 आते-आते कांग्रेस ने बढ़त बनाई और अब्दुल कयूम अंसारी ने पहली जीत दर्ज की। 1967 और 1972 में भी कांग्रेस ने लगातार जीत दर्ज की। 1969 में कांग्रेस के रियासत करीम ने भी इस सीट पर जीत का परचम लहराया।

जनता पार्टी और जनसंघ की एंट्री

1977 में आपातकाल के बाद बने हालात में जनता पार्टी के बसावन सिंह ने जीत हासिल की। 1980 में जनता पार्टी से मोहम्मद इलियास हुसैन पहली बार विधायक बने।

1985 में कांग्रेस ने वापसी की और खालिद अनवर अंसारी को जीत मिली।

1990 के बाद इलियास हुसैन का दबदबा

1990 के चुनाव में जनता दल से मोहम्मद इलियास हुसैन ने जीत दर्ज की। इसके बाद 1995, 2000 और फरवरी 2005 के चुनावों में भी उन्होंने लगातार जीत हासिल की।हालांकि, अक्टूबर 2005 में स्थिति पलट गई और निर्दलीय प्रदीप कुमार जोशी ने इलियास हुसैन को भारी अंतर से हराया। 2010 में उनकी पत्नी ज्योति रश्मि ने भी जीत दर्ज कर इतिहास रचा।2015 में इलियास हुसैन ने वापसी की और छठी बार विधायक बने। लेकिन 2019 में अलकतरा घोटाले में सजा होने के बाद उनकी सदस्यता चली गई।

वर्तमान समीकरण 

2019 के उपचुनाव में भाजपा के सत्य नारायण सिंह ने जीत हासिल की।लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के फतेह बहादुर सिंह ने बेहद कड़े मुकाबले में भाजपा को हराकर सीट पर कब्जा किया। जीत का अंतर केवल 464 वोट का था।

डेहरी विधानसभा सीट ने बिहार की राजनीति में कई करवटें देखी हैं। यहां सोशलिस्ट से लेकर कांग्रेस, जनता दल, निर्दलीय और भाजपा तक सबने जीत का स्वाद चखा है। लेकिन इस सीट पर सबसे लंबे समय तक छाप छोड़ने वाले नेता रहे मोहम्मद इलियास हुसैन, जिन्होंने छह बार जीत दर्ज की।आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि डेहरी की जनता इस बार किसे अपना नेता चुनती है।

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