‘टाइगर अभी ज़िंदा है’, पटना में नीतीश समर्थकों का जोश चरम पर
तेजस्वी यादव ने जेडी(यू) पर बीजेपी के नियंत्रण का आरोप लगाया, लेकिन एनडीए नेताओं ने साफ किया। नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री चेहरा हैं, कोई वैकेंसी नहीं।
15 अक्टूबर को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि जनता दल (यूनाइटेड) पर अब नीतीश कुमार नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से आए नेताओं का नियंत्रण है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि जेडी(यू) अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान खो चुकी है और अब बीजेपी की रणनीतियों के इशारे पर चल रही है।
हालांकि, इन बयानों के बीच एनडीए ने स्थिति साफ करने की कोशिश की है। बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने यह दोहराया है कि नीतीश कुमार ही एनडीए के निर्विवाद नेता हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बिहार चुनावी भाषणों में स्पष्ट कहा था कि “नीतीश कुमार ही सत्तारूढ़ एनडीए के नेता हैं।”
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि “बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है,” जिससे यह संकेत मिला कि गठबंधन में नीतीश की भूमिका अब भी निर्णायक है।
धर्मेंद्र प्रधान ने किया भ्रम दूर
सोमवार को केंद्रीय मंत्री और बिहार बीजेपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया।एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा “प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। मौजूदा मुख्यमंत्री का नाम सबको पता है नीतीश कुमार। भ्रम कहां है? हमारा चेहरा नीतीश कुमार ही हैं।”
प्रधान के इस बयान से यह स्पष्ट संदेश गया कि एनडीए के भीतर नेतृत्व को लेकर कोई मतभेद नहीं है, और नीतीश अब भी गठबंधन का चेहरा बने हुए हैं।
चुनावी नतीजों की उलटी गिनती शुरू
वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।एग्जिट पोल के मुताबिक, सत्तारूढ़ एनडीए एक बार फिर सत्ता में लौटने की संभावना जता रहा है। इस अनुमान से बीजेपी और जेडी(यू) कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है और जश्न की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
2020 के आंकड़ों के मुताबिक एनडीए ने कुल 125 सीटें जीतीं, महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं थीं
दलवार सीटें:
बीजेपी — 74
जेडी(यू) — 43
आरजेडी — 75
कांग्रेस — 19
जहां जेडी(यू) ने 115 सीटों पर और बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा, वहीं विपक्षी आरजेडी ने 144 और कांग्रेस ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। तेजस्वी यादव भले ही जेडी(यू) पर बीजेपी के प्रभाव का आरोप लगा रहे हों, लेकिन एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान के बयान यह स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि नीतीश कुमार ही बिहार में गठबंधन का स्थायी चेहरा बने रहेंगे।