'अबकी बार बदलाव की ब्यार' राहुल-तेजस्वी की रैली से आई जनता की आवाज़

मुजफ्फरपुर में हुई राहुल गाँधी और तेजश्वी यादव की पहली साझा रैली के बाद लोगों ने कहा अब वोट रोजगार और शिक्षा पर पड़ेगा. जनता भटकने वाली नहीं है.

Update: 2025-10-30 15:39 GMT
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Bihar Elections 2025 : मैदान में लगी भीड़ अब लौट रही थी। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की पहली साझा रैली खत्म हो चुकी थी, लेकिन रैली का असर लोगों की बातचीत में अब भी गूंज रहा था। कोई सड़क किनारे खड़ा मोबाइल में फोटो देख रहा था, तो कोई पानी की बोतल लेकर घर की ओर बढ़ चला था। बीच में कुछ लोग रुककर हमारे कैमरे पर अपने मन की बात कहने लगे। सबकी जुबान पर एक ही शब्द था, “बदलाव जरूरी है''।


नीतीश सरकार से लोग त्रस्त !

मोहम्मद नसूर आलम, जो सकरा प्रखंड से रैली में पहुंचे थे, बोले कि पूरा बिहार बदलाव चाहता है। बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सब लड़खड़ाया हुआ है। बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता। सीओ साहब से लेकर चपरासी तक पैसा मांगते हैं। गरीब आदमी कहाँ जाए? वो कहते हैं कि शराबबंदी सिर्फ कागज़ पर है। माल बॉर्डर से निकलकर थाना परिसर तक पहुंचता है। युवाओं का भविष्य बर्बाद हो गया है। युवा अपराध में लिप्त हो गए हैं.


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पलायन और रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा

अशोक कुमार, पंचायत के पूर्व वार्ड सदस्य, कहते हैं कि हमारे यहां लोग मज़बूरी में दिल्ली, पंजाब, सूरत तक जा रहे हैं। बाहर गालियां सुनते हैं, मजदूरी करते हैं। बिहार में अगर फैक्ट्री लग जाए, छोटा-मोटा कारोबार शुरू हो जाए तो लोग यहीं रहेंगे। इस बार वोट ‘रोजगार, पढ़ाई और दवाई’ पर पड़ेगा।

खेतीबाड़ी करने वाले संजीव कुमार तेजस्वी यादव के रोजगार के वादे पर भरोसा जताते हैं। वे कहते हैं कि हर परिवार में एक सदस्य को नौकरी देना मुश्किल ज़रूर है, लेकिन आधों को भी देते हैं तो बहुत अच्छा है। जब नितीश कुमार के साथ तेजस्वी जी सरकार में थे, तो जो 10 लाख नौकरियों की बात कही थी, उसमें से कई पर बहाली हुई है। जनता देख रही है कि कौन काम कर रहा है, कौन बहाना बना रहा है। तेजश्वी करके दिखायेंगे।


जंगलराज’ का जवाब जनता के पास है

चन्दन कुमार, जो एक किराना स्टोर चलाते हैं का कहना है कि हर चुनाव में विरोधी दलों द्वारा ‘जंगलराज’ का मुद्दा उठाया जाता है, लेकिन अब यह बात असर नहीं करती। बीजेपी और नीतीश कुमार के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है। वो बार-बार जंगलराज की बात करते हैं, लेकिन असली मुद्दे बेरोजगारी और पलायन हैं। लोग अब बातों में नहीं आने वाले।

उनके पास ही खड़े अमरजीत का कहना है कि मोदी जी गुजरात में फैक्ट्री लगाते हैं और वोट मांगते हैं बिहार में। तेजस्वी जो कह रहे हैं, सही कह रहे हैं, अब बिहार को अपने पैरों पर खड़ा होना है।


महिलाओं में भी बदलाव की उम्मीद

रैली से लौटती महिलाओं के चेहरों पर भी उम्मीद झलक रही थी। सुनैना देवी ने कहा कि रैली में हम अपने मन से आए थे। कोई जबरदस्ती नहीं लाया। अब बदलाव होगा। जो पैसा सरकार देने की बात करती है, वो हमें मिलना चाहिए। बस वादे पूरे हों।

वहीं प्रमिला देवी ने मुस्कुराते हुए कहा कि सब समझ में आ गया, तेजस्वी यादव ही बनेंगे मुख्यमंत्री। बगल में खड़ी जलीना बेगम ने सिर हिलाकर कहा कि हम वोट बदलाव के लिए देंगे।


रैली में क्या बोले राहुल और तेजस्वी

रैली के मंच से राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अडानी को भागलपुर में ज़मीन देते हैं, दिल्ली में वीआईपी घाट बनवाते हैं, लेकिन बिहार के युवाओं को नौकरी नहीं देते।

तेजस्वी यादव ने वादा दोहराया कि अगर सरकार बनी तो हर परिवार से एक सदस्य को रोजगार मिलेगा। साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार के 20 साल के शासन पर सवाल उठाया कि बिहार आज भी सबसे ज़्यादा पलायन करने वाला राज्य क्यों है?


सकरा की जनता की निगाहें 6 तारीख पर

सकरा विधानसभा में 6 नवंबर को मतदान होना है। पिछली बार कांग्रेस मामूली अंतर से पीछे रह गई थी, लेकिन इस बार राहुल-तेजस्वी की साझा रैली ने यहां के समीकरण बदल दिए हैं। लोगों में उम्मीद है कि शायद इस बार वोट सिर्फ नेताओं पर नहीं, मुद्दों पर पड़ेगा।

अब देखना यह होगा कि भीड़ का यह जोश वोटों में तब्दील होता है या नहीं।

सकरा के मैदान से लौटती भीड़ की आवाज़ों में एक ही बात बार-बार सुनाई दे रही थी 'बिहार अब बदलेगा'।


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