पश्चिम चंपारण की रक्सौल सीट, सत्ता बदलने की दास्तां

रक्सौल विधानसभा सीट का सफर कांग्रेस से शुरू होकर भाजपा के गढ़ तक पहुंचा। 2025 चुनाव में यह सीट फिर सियासी मुकाबले का बड़ा केंद्र बनेगी।

Update: 2025-09-22 06:54 GMT
Click the Play button to listen to article

Raxual Assembly Seat:  बिहार की राजनीति में हर विधानसभा सीट की अपनी खासियत और अहमियत है। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा और राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के बाद सियासी गरमी बढ़ गई है।  इसी चुनावी हलचल के बीच, हमारी खास सीरीज ‘सीट का मिजाज बात रक्सौल विधानसभा सीट की, जिस पर लंबे समय से भाजपा का दबदबा कायम है।

रक्सौल सीट का परिचय

रक्सौल विधानसभा पश्चिम चंपारण जिले में स्थित है। जिले में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं।यह निर्वाचन क्षेत्र पश्चिमी चंपारण लोकसभा का हिस्सा है।2008 परिसीमन से पहले यह बेतिया लोकसभा सीट में आता था।इस क्षेत्र में 1952 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे।

शुरुआती दौर: कांग्रेस का दबदबा (1952-1962)

1952: कांग्रेस के राधा पांडे ने राधा कृष्ण राय को 2,699 वोट से हराया।

1957: राधा पांडे ने पीएसपी के विंध्याचल सिंह को 4,882 वोट से हराया।

1962: एक बार फिर राधा पांडे ने विंध्याचल सिंह को 1,382 वोट से मात दी।

कांग्रेस को झटका और वापसी (1967-1969)

1967: संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के विंध्याचल सिंह ने राधा पांडे को 5,489 वोट से हराया।

1969: राधा पांडे ने वापसी करते हुए विंध्याचल को 6,505 वोट से हराया।

सगीर अहमद का दौर (1972-1985)

कांग्रेस के सगीर अहमद ने लगातार चार चुनाव (1972, 1977, 1980, 1985) जीते। इस दौरान उन्होंने शंकर यादव, राधा पांडे और राजनंदन प्रसाद राय जैसे नेताओं को हराया।

जनता दल का उदय (1990-1995)

1990: जनता दल के राजनंदन राय ने कांग्रेस के सगीर अहमद को 13,272 वोट से हराया।

1995: राजनंदन राय ने भाजपा के अजय कुमार सिंह को 7,440 वोट से हराया।

भाजपा की मजबूत पकड़ (2000 से अब तक)

2000: भाजपा के अजय कुमार सिंह ने कांग्रेस के सगीर अहमद को 12,951 वोट से हराया।

2005: दो बार चुनाव हुए, दोनों बार अजय कुमार ने राजनंदन राय को हराया।

2010: अजय कुमार ने फिर राजनंदन राय को 10,117 वोट से हराया।

2015: अजय कुमार ने राजद के सुरेश कुमार को 3,169 वोट से हराया।

नया चेहरा, वही पार्टी (2020)

2020 में भाजपा ने अजय कुमार की जगह प्रमोद कुमार सिन्हा को उम्मीदवार बनाया।

प्रमोद सिन्हा ने कांग्रेस के रामबाबू प्रसाद यादव को 36,923 वोट से हराया।

अजय कुमार इस बार बीएसपी से चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर रहे।

रक्सौल सीट का इतिहास बताता है कि कैसे कांग्रेस का गढ़ धीरे-धीरे भाजपा के किले में बदल गया। अब देखना दिलचस्प होगा कि 2025 के चुनाव में यह सिलसिला जारी रहता है या कोई नया राजनीतिक समीकरण बनता है।

Tags:    

Similar News